Fact Check: सिर पर पत्थर उठाए तस्वीर में दिख रही महिला नहीं है पीएसआई पद्मशीला तिरपुड़े
वायरल पोस्ट में मजदूर महिला की तस्वीर पद्मशीला तिरपुड़े की नहीं है। पद्मशीला के अनुसार, उन्होंने कभी मजदूरी नहीं की है, लिहाजा वायरल पोस्ट भ्रामक है।
- By: Amanpreet Kaur
- Published: Oct 27, 2020 at 03:31 PM
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक महिला सिर पर पत्थर उठाए और गोद में बच्चे को लिए खड़ी है, जबकि इसके साथ ही दूसरी तस्वीर लगाई गई है, जिसमें एक महिला पुलिस की वर्दी में नजर आ रही है। वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह महिला पद्मशीला तिरपुड़े है, जिन्होंने पति के घर की हालात खराब होने के चलते खलबत्ता व पत्थर के सिलबट्टे बेच कर गुजारा किया, फिर उन्होंने पढ़ाई कर महाराष्ट्र राज्य पीएससी में पीएसआई की परीक्षा उत्तीर्ण की और वे सब इंस्पेक्टर बन गईं।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि तस्वीर में सिर पर पत्थर उठाए नजर आ रही महिला पद्मशीला तिरपुड़े नहीं है। साथ ही तिरपुड़े ने कभी पत्थर के सिलबट्टे बेचने का काम नहीं किया।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पर यह मैसेज सक्सेना विशु नामक यूजर ने शेयर किया है। तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है: इस महिला का नाम है पद्मशीला तिरपुड़े…
भंडारा ज़िले की वे निवासी हैं और इन्होंने प्रेम विवाह किया है।
पति के घर के हालात बिकट होने से उन्होंने खलबत्ता और पत्थर के सिलबट्टे बेचते हुए और इस बच्चे को संभालते हुए, यशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल कर, महाराष्ट्र राज्य PSC में
पी.एस.आई की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
वे बौद्ध परिवार से आती हैं…
उनकी मेहनत को हम सैल्यूट करते हैं।
शिक्षा में परिस्थिति व्यवधान नहीं बनती, परिस्थिति केवल बहाना होती है। इस महिला ने ये साबित कर दिखाया है।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल के लिए एक-एक दावे को चेक किया।
महिला का नाम पद्मशीला तिरपुड़े है
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर में पुलिस की वर्दी में नजर आ रही महिला पद्मशीला तिरपुड़े है। उनकी वर्दी पर लगे बैज पर भी उनका नाम पढ़ा जा सकता है, हालांकि, सिर पर सिलबट्टे उठाए व गोद में बच्चा लिए खड़ी महिला पद्मशीला नहीं हैं। विश्वास न्यूज ने पद्मशीला से संपर्क किया। उन्होंने यह पुष्टि की कि गोद में बच्चा लिए महिला की तस्वीर उनकी नहीं है। हम मजदूर महिला की पहचान नहीं कर सके।
वे भंडारा जिले की निवासी हैं और उन्होंने प्रेम विवाह किया है
पद्मशीला ने ही पुष्टि की कि यह दोनों तथ्य सही हैं।
पति के घर की हालात खराब होने के कारण उन्हें खलबत्ता और पत्थर के सिलबट्टे बेचने पड़े
पद्मशीला ने हमें बताया कि पति के घर में आर्थिक तंगी थी, लेकिन उन्होंने कभी यह काम नहीं किए, वे हाउस वाइफ ही थीं।
बच्चे को संभालते हुए उन्होंने यशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय से शिक्षा हससिल कर महाराष्ट्र राज्य पीएससी में पीएसआई की परीक्षा उत्तीर्ण की
पद्मशीला ने बताया कि उनके दोनों बच्चों के जन्म के बाद उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और फिर कॉम्पिटीटिव परीक्षा की तैयारी कर पीएसआई की परीक्षा उत्तीर्ण की।
वे बौद्ध परिवार से आती हैं
यह दावा सही है कि पद्मशीला बौद्ध परिवार से आती हैं। उन्होंने खुद इस बात की पुष्टि की।
विश्वास न्यूज से बात करते हुए पद्मशीला तिरपुड़े ने बताया कि वायरल पोस्ट करीब तीन साल पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। तब भी उन्होंने साफ किया था कि सिर पर पत्थर उठाए महिला की तस्वीर उनकी नहीं है और न ही उन्होंने मजदूरी की है। उन्होंने बताया कि इस समय वो नागपुर में पोस्टेड हैं।
फेसबुक पर यह पोस्ट सक्सेना विशु ने साझा की थी। हमने यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर दिल्ली का रहने वाला है।
निष्कर्ष: वायरल पोस्ट में मजदूर महिला की तस्वीर पद्मशीला तिरपुड़े की नहीं है। पद्मशीला के अनुसार, उन्होंने कभी मजदूरी नहीं की है, लिहाजा वायरल पोस्ट भ्रामक है।
- Claim Review : पद्मशीला सब इंस्पेक्टर बनने से पहले पत्थर के सिलबट्टे बेचने का काम करती थीं। उन्होंने लव मैरिज की थी और उनके पति की आर्थिक स्थित कमजोर थी।
- Claimed By : FB user: सक्सेना विशु
- Fact Check : भ्रामक
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