उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में सर्राफा व्यापारी से लूट के मामले के आरोपियों की मुठभेड़ में हुई मौत की खबर को सांप्रदायिक रंग देकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस मुठभेड़ में केवल अब्दुल नाम के आरोपी की मौत नहीं हुई थी, बल्कि आशीष नाम का आरोपी भी मारा गया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश में ‘बाबर’ बनाम ‘बाबा’ के शासन का हवाला देते हुए सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे पोस्ट में बताया गया है कि बुलंदशहर में उत्तर प्रदेश पुलिस ने शहर के ज्वैलरी शॉप में लूट के आरोपी अब्दुल को ढेर कर दिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस वायरल पोस्ट को भ्रामक और सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ पाया। बुलंदशहर में सर्राफा व्यापारी से लूट के मामले में फरार चल रहे आरोपियों में से मुख्य आरोपी आशीष ठाकुर और अब्दुल को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स इस घटना को ऐसे साझा कर रहे हैं कि उसका आरोपी केवल अब्दुल नाम का इनामी बदमाश था, जिसे पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
सोशल मीडिया यूजर ‘Amit Kumar Bjp’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”बुलंदशहर में ज्वेलरी शॉप में लूट के आरोपी अब्दुल को खुर्जा पुलिस ने किया किया ढेर, जानलो सत्ता में अब बाबर नहीं बाबा है।”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस पोस्ट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इसे शेयर किया है।
‘बुलंदशहर एनकाउंटर’ कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर कई रिपोर्ट्स का लिंक मिला, जिसमें इस घटना का जिक्र है। ‘न्यूज 18 यूपी उत्तराखंड’ की रिपोर्ट की छह दिनों की तीन जनवरी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुलंदशहर पुलिस ने सर्राफा व्यापारी से लूट के दौरान गोली मारने के मामले में वांछित चल रहे दो बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है। इन दोनों आरोपियों का नाम आशीष और अब्दुल है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एनकाउंडर में मौके पर लुटेरा आशीष मारा गया, जबकि दूसरा आरोपी अब्दुल घायल हो गया था, जिसकी बाद में मौत हो गई। कई अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी इसकी जानकारी है।
तीन जनवरी 2023 की अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, ”बुलंदशहर पुलिस ने सर्राफा व्यापारी से लूट के दौरान गोली मारने के मामले में वांछित चल रहे दो बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया है। दरअसल, बुलंदशहर की नगर कोतवाली इलाके के धमेड़ा अड्डा स्थित सर्राफ की दुकान में पिछले साल तीन नवंबर को हथियारबंद दो बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था। साथ ही विरोध करने पर बदमाशों ने सर्राफा व्यापारी राहुल निवासी गांव उटरावली को गोली मार दी थी। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।”
रिपोर्ट के मुताबिक, ”पुलिस ने मामले में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच पड़ताल की। साथ ही मामले में चार आरोपियों को बदमाशों की मदद करने और लूट का कुछ माल खरीदने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुख्य आरोपी आशीष ठाकुर निवासी गांव एमनपुर थाना कोतवाली देहात और उसका साथी अब्दुल निवासी गांव भटवारा थाना खुर्जा देहात फरार चल रहे थे। मंगलवार तड़के नगर पुलिस ने वलीपुरा नहर के पास आशीष ठाकुर को मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि उसका साथी भाग निकला। बाद में पहासू पुलिस ने चेकिंग के दौरान अब्दुल को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन उसने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में अब्दुल पहासू थाना इलाके के पल्ला झाल के पास मुठभेड़ में मारा गया।”
हमें बुलंदशहर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार का बयान मिला, जिसमें वह इस एनकाउंटर के बारे में बताते सुने जा सकते हैं।
वह इस मुठभेड़ में आशीष और अब्दुल नाम के अपराधी के मारे जाने का जिक्र कर रहे हैं। अतिरिक्त जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने बुलंदशहर के पुलिस अधीक्षक (शहर) सुरेंद्र नाथ तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने बताया, ”इस मुठभेड़ में अब्दुल और आशीष नाम के आरोपी मारे गए थे। एक आरोपी की मौके पर मौत हो गई, जबकि दूसरे की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।” उन्होंने बताया कि मारे गए दोनों ही अपराधी इनामी बदमाश (50-50 हजार रुपये) थे।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को उत्तर प्रदेश के बदायूं का निवासी बताया है।
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निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में सर्राफा व्यापारी से लूट के मामले के आरोपियों की मुठभेड़ में हुई मौत की खबर को सांप्रदायिक रंग देकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस मुठभेड़ में केवल अब्दुल नाम के आरोपी की मौत नहीं हुई थी, बल्कि आशीष नाम का आरोपी भी मारा गया था।
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