Fact Check: Kashmir Files को ‘दादा साहेब फाल्के अवार्ड’ नहीं बल्कि ‘दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड 2023’ मिला है
द कश्मीर फाइल्स फिल्म को सबसे प्रतिष्ठित ‘दादा साहेब फाल्के अवार्ड’ नहीं, बल्कि दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड मिला है। यह पुरस्कार एक स्वतंत्र संस्था द्वारा दिया जाता है, जबकि दादा साहेब फाल्के अवार्ड भारत सरकार की तरफ से भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Feb 24, 2023 at 05:15 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिर चर्चा में है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि मूवी को फिल्मों का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार ‘दादा साहेब फाल्के अवार्ड’ मिला है। इसके साथ में यूजर जमकर बधाइयां दे रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड 2023’ मिला है, ‘दादा साहेब फाल्के अवार्ड’ नहीं। दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की स्थापना 2012 में हुई थी और यह एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव है, जबकि ‘दादा साहेब फाल्के पुरस्कार’ भारत सरकार की तरफ से दिया जाता है।
क्या है वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर Hindu Jana Jagruti Samiti (आर्काइव लिंक) ने 23 फरवरी का पोस्ट किया,
बधाई रुकनी नही चाहिए
कश्मीर फाइल्स को दादा साहब फाल्के अवार्ड मिला है
फिल्मों का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। 21 फरवरी को इंडिया टुडे में खबर छपी है कि एसएस राजामौली की ‘आरआरआर’ और विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स 2023 में शीर्ष सम्मान हासिल किया है। पुरस्कार समारोह 20 फरवरी को हुआ था। आलिया भट्ट को गंगूबाई काठियावाड़ी में उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। अनुपम खेर, रणबीर कपूर, रेखा, वरुण धवन, ऋषभ शेट्टी और कई अन्य लोगों ने भी पुरस्कार जीते। ‘द कश्मीर फाइल्स’ को फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में सम्मानित किया गया।
फिल्म के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री (आर्काइव लिंक) ने भी अपने ट्विटर हैंडल से इस समारोह की कुछ तस्वीरें और फोटो पोस्ट करते हुए अवार्ड मिलने की जानकारी दी है। अवार्ड पर दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल लिखा है। ट्वीट किए गए फिल्म के पोस्टर पर भी दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स 2023 लिखा है। हालांकि, ट्वीट के मैटर में दादासाहेब फाल्के अवार्ड 2023 का हैशटैग इस्तेमाल करते हुए जानकारी दी गई है।
दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (आर्काइव लिंक) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ‘द कश्मीर फाइल्स’ को बेस्ट फिल्म का अवार्ड जीतने की बधाई दी गई है।
इसके बाद हमने दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के बारे में जानने के लिए सर्च किया। इसकी वेबसाइट के अनुसार, दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (DPIFF) की स्थापना 2012 में हुई थी। धुंडीराज गोविंद फाल्के की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए इसे स्थापित किया गया था, जिन्हें भारतीय सिनेमा के पिता दादासाहेब फाल्के के रूप में जाना जाता है। यह भारत का स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव है। इसमें ज्यूरी प्रेसिडेंट के रूप में दादा साहेब फाल्के के ग्रांड सन चंद्रशेखर पुसालकर का नाम दिया गया है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की डायरेक्ट्रेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल वेबसाइट के मुताबिक, दादासाहेब फाल्के पुरस्कार 1969 में सबसे पहले देविका रानी को दिया गया था। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में दादासाहेब फाल्के के योगदान को याद करने के लिए भारत सरकार की तरफ से दिया जाता है। दादासाहेब फाल्के ने 1913 में भारत की पहली पूर्ण लंबाई वाली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र का डायरेक्शन किया था। भारतीय सिनेमा के विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए उनके नाम पर दादा साहेब फाल्के सम्मान दिया जाता है। इस पुरस्कार में एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार शामिल है।
27 दिसंबर 2022 को न्यूज ऑन एयर में छपी खबर के अनुसार, मशहूर एक्ट्रेस आशा पारेख को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 2020 से नवाजा जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बारे में जानकारी दी है। आशा पारेख को यह सम्मान दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाएगा।
21 फरवरी को जनससत्ता में छपी रिपोर्ट के अनुसार, दादा साहेब फाल्के के नाती चंद्रशेखर पुसालकर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि दादा साहेब फाल्के अवार्ड देश में सिनेमा का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय सम्मान है। दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स ने पिछले दिनों मुंबई में अवार्ड बांटे थे। दोनों पुरस्कारों में बहुत अंतर है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह संस्थान पैसे लेकर पुरस्कार दे रही है।
इस बारे में मुंबई में एंटरटेनमेंट के पत्रकार पराग छापेकर का कहना है, ‘द कश्मीर फाइल्स को दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड मिला है, दादा साहब फाल्के अवार्ड नहीं।‘
भ्रामक जानकारी शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Hindu Jana Jagruti Samiti की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। 6 सितंबर 2014 को बने इस पेज के करीब 5400 फॉलोअर्स हैं। यह पेज एक विचारधारा से प्रेरित है।
निष्कर्ष: द कश्मीर फाइल्स फिल्म को सबसे प्रतिष्ठित ‘दादा साहेब फाल्के अवार्ड’ नहीं, बल्कि दादासाहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड मिला है। यह पुरस्कार एक स्वतंत्र संस्था द्वारा दिया जाता है, जबकि दादा साहेब फाल्के अवार्ड भारत सरकार की तरफ से भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
- Claim Review : 'द कश्मीर फाइल्स' को फिल्मों का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार 'दादा साहेब फाल्के अवार्ड' मिला है।
- Claimed By : FB User- Hindu Jana Jagruti Samiti
- Fact Check : भ्रामक
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