Fact Check: मैक्सिको में 2020 में पुलिसकर्मी को जलाने की घटना को इजरायल हमास युद्ध से जोड़कर किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का इजरायल और हमास संघर्ष से कोई संबंध नहीं है। वीडियो मैक्सिको का है और पुराना है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। इजरायल और हमास के बीच संघर्ष के दौरान  सोशल मीडिया पर कई फर्जी तस्वीरें और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें प्रदर्शनकारियों को एक मोटरसाइकिल पर बैठे पुलिस अधिकारी पर कोई ज्वलंत पदार्थ डालकर  आग लगाते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि इसमें इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों को लंदन, इंग्लैंड में एक पुलिस अधिकारी को जलाते हुए दिखाया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का  इजरायल और हमास के बीच जंग से कोई संबंध नहीं है। वीडियो लंदन  का नहीं, बल्कि मैक्सिको का है और 2020 का है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर Sanatani Sherni Riya Chavda (सनातनी शेरनी रिया चावड़ा) ने 4 नवंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “लंदन: हमास समर्थक प्रदर्शन के दौरान पुलिस के जवान को आग लगाते हमास समर्थक, यह एक ऐसी कौम है जिसे इंसानियत से कोई लेना-देना नहीं,”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज सर्च  टूल के जरिए सर्च किया। हमें वीडियो कई जगह अपलोड मिला। हमें यह वीडियो न्यू इंग्लैंड केबल न्यूज के वेब पोर्टल  एनईसीएन डॉट कॉम पर 5 जून 2020 को अपलोड मिला। वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा था “During a protest in response to the death of Giovanni Lopez, a police officer was set on fire during the demonstration in Jalisco, Mexico. (मेक्सिको के जलिस्को में जियोवानी लोपेज की मौत के विरोध में प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस अधिकारी को आग लगा दी गई.)”

हमें यह वीडियो न्यूज वेबसाइट एन बी सी 12 डॉट कॉम पर भी 6 जून , 2020 को पब्लिश एक खबर में अपलोड मिला। खबर के अनुसार, (अनुवादित) “मेक्सिको में एक प्रदर्शनकारी ने गुरुवार, 4 जून को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस अधिकारी को आग लगा दी। यह घटना जलिस्को की राजधानी ग्वाडलाजारा में हुई, जहां मई की शुरुआत में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी।”

कीवर्ड्स के साथ सर्च करने पर हमें  इस मामले में और भी कई खबरें मिलीं।

हमने इस विषय में दैनिक जागरण के लिए इंटरनेशनल अफेयर्स कवर करने वाले पत्रकार जेपी रंजन से बात की। उन्होंने कन्फर्म किया कि यह घटना 2020 मैक्सिको की है। लंदन से ऐसी किसी घटना की कोई खबर नहीं आई  है।

अंत में हमने इस गलत दावे को  शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। पता चला कि यूजर Sanatani Sherni Riya Chavda (सनातनी शेरनी रिया चावड़ा) के 2 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। यूजर गुजरात का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का इजरायल और हमास संघर्ष से कोई संबंध नहीं है। वीडियो मैक्सिको का है और पुराना है।

False
Symbols that define nature of fake news
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