Fact Check : 2015 की घटना को सांप्रदायिक एंगल के दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में ईसाई दंपती को जबरदस्ती निर्वस्‍त्र किये जाने का दावा करने वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। 7 अक्टूबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्टेशन के सामने एक परिवार के कुछ लोगों ने अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया था। उसी मामले की तस्वीर को अब ईसाई दंपती के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : 2015 की घटना को सांप्रदायिक एंगल के दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक निर्वस्त्र जोड़े की फोटो को वायरल कर दावा किया जा रहा है कि एक ईसाई पादरी और  उसकी पत्नी को बाइबल का प्रचार करने के कारण निर्वस्‍त्र करके उत्तर प्रदेश में मार्च करने पर मजबूर किया गया।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में दावा फर्जी निकला। तस्‍वीर में दिख रहा जोड़ा ईसाई नहीं था। घटना अभी की नहीं, 7 अक्‍टूबर 2015 की यूपी के ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्टेशन की है। मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर  Samel Babu (Archive) ने 27 जुलाई को निर्वस्त्र  जोड़े की इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावा किया, “Please pray for the Christian Pastor and his wife, being humiliated by Indians in Uttar Pradesh -India, for preaching the Gospel, they were make naked and March around town as punishment. Lord have Mercy…..Can you please pass on this news as fast as possible so that a lot of people can pray for them” अनुवाद “कृपया ईसाई पादरी और उनकी पत्नी के लिए प्रार्थना करें, जिन्हें यीशु का प्रचार करने के लिए उत्तर प्रदेश-भारत में भारतीयों द्वारा अपमानित किया गया, उन्हें सजा के रूप में नग्न किया गया और शहर के चारों ओर मार्च कराया गया। प्रभु दया करो…..क्या आप कृपया इस समाचार को आगे बढ़ा सकते हैं, ताकि बहुत से लोग उनके लिए प्रार्थना कर सकें”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी ऐसे ही एक दावे की पड़ताल की थी। उस समय हमने वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज किया था। वायरल तस्‍वीर हमें कई वेबसाइट पर मिली थी। ऐसी ही एक फोटो हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 10 अक्टूबर 2015 की एक खबर में मिली थी। इससे हमें पता चला कि घटना ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्‍टेशन की है। वहां सुनील गौतम नाम का एक शख्‍स पुलिस स्‍टेशन में एक एफआईआर दर्ज करवाना चाहता था। लेकिन कई चक्‍कर काटने के बाद भी जब उसकी शिकायत नहीं लिखी गई तो वह पूरे परिवार के साथ निर्वस्‍त्र हो गया।

इसके बाद हमने ‘दनकौर में दलित निर्वस्‍त्र’ शब्दों को कीवर्ड सर्च किया था। हमें 9 अक्‍टूबर 2015 की जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली। इसमें बताया गया, “लूट के मामले में पुलिस कार्रवाई को लेकर दलित परिवार बुधवार को दनकौर में निर्वस्त्र हो गया था। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लूट का मामला दर्ज न करने व आरोपियों की गिरफ्तारी न करने का आरोप लगाया था। कस्बे में हुए हाइवोल्टेज ड्रामे में पुलिस ने दलित परिवार पर पिस्टल लूटने व जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी। कस्बे के लोगों ने भी दलित परिवार पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने तीन महिलाओं समेत परिवार के पांच लोगों को जेल भेज दिया है।” पूरी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें इस मामले में इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर भी 9 अक्टूबर 2015 को एक वीडियो अपलोड मिला था। इस खबर में बताया गया कि 7 अक्‍टूबर को दलितों ने दनकौर पुलिस स्‍टेशन के सामने नग्‍न प्रदर्शन किया था। इसके बाद इन्‍हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।

वायरल पोस्‍ट की सच्चाई जानने के लिए हमने 2019 में दैनिक जागरण के ग्रेटर नोएडा के क्राइम रिपोर्टर प्रवीण विक्रम सिंह से संपर्क किया था। उन्‍होंने हमें बताया था कि वायरल पोस्‍ट में जैसा दावा किया जा रहा है, वैसा नहीं था। घटना अक्टूबर 2015 की थी। इस घटना का एक राहगीर ने वीडियो बना लिया था। इन लोगों ने अपने कपड़े खुद ही फाड़े थे। बाद में आरोप पुलिस वालों पर लगा दिया था। जांच में यह साबित भी हो चुका था।

2019 में विश्वास न्यूज़ द्वारा की गई पूरी पड़ताल यहां पढ़ी जा सकती है।

अंत में हमने फेसबुक पेज Samel Babu की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर आंध्र प्रदेश का रहने वाला है। इसके फेसबुक पर 3000 से ज़्यादा मित्र हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में ईसाई दंपती को जबरदस्ती निर्वस्‍त्र किये जाने का दावा करने वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। 7 अक्टूबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्टेशन के सामने एक परिवार के कुछ लोगों ने अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया था। उसी मामले की तस्वीर को अब ईसाई दंपती के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

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