Fact Check: महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर वायरल हो रहा हेल्पलाइन नंबर फर्जी है

हमारी पड़ताल में इस मैसेज को लेकर दो बातें पायी गयीं। पहली – यह सर्विस सिर्फ मुंबई शहर के लिए थी और दूसरी – मार्च, 2014 में शुरू हुई यह सर्विस मार्च, 2017 में बंद कर दी गई। वायरल मैसेज सही नहीं है।

Fact Check: महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर वायरल हो रहा हेल्पलाइन नंबर फर्जी है

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर कुछ समय से एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि ऑटो या टैक्सी का नम्बर 9969777888 पर मैसेज (sms/एसएमएस) करने से उस वाहन पर GPRS (जीपीआरएस) से पुलिस द्वारा नजर रखी जायेगी।”

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा मैसेज पूरी तरह सही नहीं है। हमारी पड़ताल में पता चला कि यह सर्विस सिर्फ मुंबई शहर के लिए थी और मार्च, 2014 में शुरू हुई यह सर्विस मार्च, 2017 में बंद कर दी गई थी।

क्या है वायरल पोस्ट में?

विशाल मुद्गल (आर्काइव) नाम के फेसबुक यूजर ने इस पोस्ट को 7 दिसंबर को शेयर किया। वायरल मैसेज में लिखा है, “VERY IMPORTANT. सूचना: अकेले सफर करने वाली महिलाओं के हित में जारी। आप जब भी अकेले रात में ऑटो या टैक्सी में बैठें तो उस ऑटो या टैक्सी का नम्बर 9969777888 पर sms कर दें आपके फोन पर मैसेज आएगा एक्नॉलेजमेंट का, आपके वाहन पर GPRS (जीपीआरएस)  से नजर रखी जायेगी। ज़्यादा से ज़्यादा इस मैसेज को शेयर करें।”

पड़ताल

इस मैसेज की सच्चाई पता करने के लिए हमने इस नंबर के बारे में सर्च किया। पड़ताल में हमें पता चला कि मुंबई पुलिस ने मार्च 2014 में मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के साथ मिलकर यह सर्विस शुरू की थी। 26 मार्च 2014 को इंडिया टुडे की वेबसाइट पर पब्लिश खबर के अनुसार, “मुंबई पुलिस ने एक ऐसी घोषणा की है, जिससे महिलाएं खुश हो सकती हैं। कैच लाइन के साथ, “अकेले होने पर सुरक्षित यात्रा करें”, उन्होंने शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक एसएमएस अभियान शुरू किया, जिसमें महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) ने मुंबई के साथ साझेदारी की है। जो महिलाएं सार्वजनिक परिवहन लेती हैं और विषम समय में यात्रा करते समय असुरक्षित महसूस करती हैं, वे टोल-फ्री नंबर 9969777888 पर अपने स्थान, गंतव्य और वाहन के पंजीकरण नंबर के बारे में एक एसएमएस भेजकर पुलिस से संपर्क कर सकती हैं। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ) को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा जाएगा कि सभी टैक्सी और ऑटो-रिक्शा चालक अपने वाहनों के डैशबोर्ड पर टोल-फ्री नंबर प्रदर्शित करें।”

इसके बाद हमें 2 मार्च 2017 की मिड डे की एक खबर मिली, जिसमें इस सर्विस के बंद होने के बारे में बताया गया था। खबर के अनुसार, “एस्तेर अनुहया के कथित बलात्कार और हत्या के बाद शुरू की गई एक हेल्पलाइन को मुंबई पुलिस ने बंद कर दिया है। हेल्पलाइन – 9969777888 – 2014 में महिला दिवस पर शुरू की गई थी। हेल्पलाइन ने एसएमएस के माध्यम से नंबर पंजीकृत करने के बाद मोबाइल फोन की ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान की थी। शुरुआत से ही इस नंबर को महिला यूजर्स से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली। नौ महीनों में महिलाओं के केवल 1,266 टेक्स्ट मिले, जो घटकर 389 रह गए। अब, जब देखा कि इसके ट्विटर हैंडल को बेहतर प्रतिक्रिया मिल रही है, तो पुलिस ने हेल्पलाइन बंद कर दी है।”

हमें इस मामले में 2018 में बेंगलुरु पुलिस का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें इस मैसेज को फर्जी बताया गया था।

हमने इस विषय में मुंबई के पत्रकार वरुण सिंह से संपर्क साधा। उन्होंने बताया, “यह एक मुंबई विशिष्ट सेवा थी जो 2014 में शुरू हुई थी और 2017 में बंद कर दी गई थी।”

इस वायरल मैसेज को ‎विशाल मुद्गल  नाम के फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर किया। यूजर दिल्ली का रहने वाला है। यूजर के फेसबुक पर लगभग 13000 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में इस मैसेज को लेकर दो बातें पायी गयीं। पहली – यह सर्विस सिर्फ मुंबई शहर के लिए थी और दूसरी – मार्च, 2014 में शुरू हुई यह सर्विस मार्च, 2017 में बंद कर दी गई। वायरल मैसेज सही नहीं है।

False
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