विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई।
नई दिल्ली (Vishvas News)। द ग्रेट खली के नाम से ख्यात दिलीप सिंह राणा को लेकर सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि ज्यादा आम खा लेने की वजह से उन्हें फूड प्वाइजनिंग हो गई। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। साथ ही पोस्ट को सांप्रदायिक रंग देते हुए तंज कसते हुए भी शेयर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। खली एकदम सही हैं और स्वस्थ हैं। वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई खली की तस्वीर भी मुजफ्फरनगर कांवड़ मार्ग पर दुकानों पर नाम लिखने को लेकर हुए विवाद से पहले की है। विवाद के बाद ही सोनू सूद ने इस मामले में पोस्ट की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि दुकानदारों का सिर्फ एक नाम होना चाहिए और वह इंसानियत है।
फेसबुक यूजर हिंदू ने 22 जुलाई को एक पोस्ट करते हुए दावा किया, “द ग्रेट खली ने मानवता दिखाते हुए सड़क पर जमाती की दुकान से आम खाये, अब फ़ूड पॉइजनिंग से बीमार है क्योंकि केमिकल से आम पकाए थे।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। सर्च के दौरान हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें उन्हें फूड प्वाइजनिंग की बात की गई हो। सर्च के दौरान हमें उस वेबसाइट पर भी खली से जुड़ी ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जैसा कि वायरल पोस्ट में लिखा गया है। यदि इस न्यूज वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर छापी होती तो वहां जरूर होती।
सर्च के दौरान हमें द ग्रेट खली के इंस्टाग्राम हैंडल पर उनके आम खाते हुए एक वीडियो मिला। इसे 11 जुलाई को पोस्ट किया गया था।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में दिलीप सिंह राणा के सहयोगी अमित स्वामी से संपर्क किया। उन्होंने वायरल पोस्ट को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि खली एकदम सही हैं। इस पोस्ट में सच्चाई नहीं है।
दरअसल 17 जुलाई 2024 को मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों में नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी।
19 जुलाई को सोनू सूद ने पूरे विवाद पर एक पोस्ट किया। अपने एक्स हैंडल पर उन्होंने अंग्रेजी में लिखा कि There should be only one name plate on every shop : “HUMANITY”।
जांच के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि हिंदू नाम के यूजर को फेसबुक पर 79 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि आम खाकर खली के बीमार होने का दावा फर्जी है। इस दावे में सच्चाई नहीं है। इस बात का खंडन खली के सहयोगी ने भी किया। वायरल तस्वीर भी कांवड़ मार्ग पर दुकानों पर नाम लिखने को लेकर हुए विवाद से पहले की है।
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