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Fact Check: सरकार ने नहीं बनाया सभी रेपिस्ट को फांसी देने का कानून, राष्ट्रपति कोविंद का एडिटेड वीडियो गलत दावे के साथ हुआ वायरल 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में सभी रेपिस्ट्स को फांसी देने का कानून बनने का दावा झूठा निकला है। वीडियो को एडिट कर शेयर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। सभी रेपिस्ट्स को फांसी देने से जुड़ा ऐसा कोई अध्यादेश पास नहीं किया गया है। एक्सपर्ट्स और मौजूदा कानून के मुताबिक, रेप के रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामलों में ही मौत की सजा का प्रावधान है। 

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Apr 19, 2022 at 06:29 PM
  • Updated: Apr 20, 2022 at 12:41 PM

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि सरकार ने सभी रेपिस्ट को फांसी देने का कानून बना दिया है, खुद राष्ट्रपति ने इस बात की घोषणा की है। वीडियो में कथित रूप से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कहते हुए सुना जा सकता है कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए सरकार ने फांसी की सजा का प्रावधान किया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला है। वीडियो तकरीबन एक साल पुराना है, जिसे अब एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। सभी रेपिस्ट्स को फांसी देने से जुड़ा ऐसा कोई अध्यादेश पास नहीं किया गया है। एक्सपर्ट्स और मौजूदा कानून के मुताबिक, रेप के रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामलों में ही मौत की सजा का प्रावधान है।

क्या है वायरल पोस्ट में ? 

फेसबुक यूजर Dinesh Chowdhury ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “এখন  ধর্ষণ  করলেই  সোজা  ফাঁসি. … ঘোষণা করলেন দেশের মহামান্য রাষ্ট্রপতি”.

(हिंदी अनुवाद “अब रेप करने पर होगी फांसी की सजा.. देश के राष्ट्रपति महामहिम की घोषणा।”) इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। सर्च के दौरान हमें हालिया ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस बात की पुष्टि करती हो कि भारत में सभी रेपिस्ट्स को फांसी की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। इसके उलट हमें 2018 की कुछ रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया है कि राष्ट्रपति ने आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 को मंजूरी दी है। एनडीटीवी की वेबसाइट पर 22 अप्रैल 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस मंजूरी के बाद महिलाओं के साथ रेप करने पर न्यूनतम सजा को 7 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसके अलावा 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।

PRS India की वेबसाइट पर भी मौजूद एक रिपोर्ट में क्रिमिनल लॉ (संशोधन) अध्यादेश, 2018 के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसके मुताबिक भी ’12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों से रेप और गैंगरेप मामले में 20 वर्ष का न्यूनतम कारावास होगा, जिसे आजीवन कारावास या मृत्यु दंड तक बढ़ाया जा सकता है।’ यानी यहां भी मृत्युदंड का प्रावधान मैक्सिमम सजा के रूप में है।

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने एबीपी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें असली वीडियो 31 जनवरी 2021 को अपलोड मिला। असली वीडियो में 4 सेकेंड से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को कहते हुए सुना जा सकता है कि किसी नाबालिग के साथ बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए सरकार ने फांसी की सजा का प्रावधान किया है। जिसके बाद ये साफ होता है कि वायरल वीडियो को एडिट कर नाबालिग शब्द हटा दिया गया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने मेरठ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्रिमिनल केस देखने वाले वकील सुकुल शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है, ऐसा कोई नया कानून अभी तक नहीं आया है कि सभी रेपिस्ट्स को फांसी की सजा दी जाएगी। रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस में ही फांसी की सजा देने का प्रावधान है। जब भी कोई केस कोर्ट में जाता है, तो वहां पर देखा जाता है कि पीड़िता के साथ आरोपी ने कितनी बर्बरता की है।  फांसी की सजा बलात्कारियों के अपराधों पर निर्भर करती है, उसी के आधार पर आगे की सजा सुनाई जाती है।  जैसे बच्ची के साथ बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर देना या फिर किसी महिला के साथ बलात्कार कर उसकी बर्बरता से हत्या कर देना। ऐसे केसों में फांसी की सजा सुनाई जा सकती है। Pocso एक्ट में सेक्शन 6 या सेक्शन 376DA, 376DB, 376E, के तहत मौत की सजा का प्रावधान है, लेकिन यहां पर भी मौत की सजा अधिकतम सजा की श्रेणी में आती है। 

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Dinesh Chowdhury की प्रोफाइल को स्कैन किया। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर पश्चिम बंगाल के संताल्डीह शहर का रहने वाला है। यूजर के फेसबुक पर 5 हजार फ्रेंड्स और 466 फॉलोअर्स मौजूद है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में सभी रेपिस्ट्स को फांसी देने का कानून बनने का दावा झूठा निकला है। वीडियो को एडिट कर शेयर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। सभी रेपिस्ट्स को फांसी देने से जुड़ा ऐसा कोई अध्यादेश पास नहीं किया गया है। एक्सपर्ट्स और मौजूदा कानून के मुताबिक, रेप के रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामलों में ही मौत की सजा का प्रावधान है। 

  • Claim Review : अब करने पर होगी फांसी की सजा.. देश के राष्ट्रपति महामहिम की घोषणा।
  • Claimed By : Dinesh Chowdhury
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