2024 लोकसभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल का दावा फेक और महज अफवाह है। चुनाव आयोग के ईवीएम को बैन करने का दाव गलत और तथ्यों से परे है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के पहले सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने अगले चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि अगले चुनाव में बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। चुनाव आयोग ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है और पिछले चुनाव की तरह ही इस बार का चुनाव भी ईवीएम से होगा। साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईवीएम से चुनाव नहीं कराए जाने से संबंधित कोई बयान नहीं दिया है।
सोशल मीडिया यूजर ‘ips_suthar_halasr’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिस पर लिखा हुआ है, “चुनाव आयोग फैसला, EVM बंद होगा, बीजेपी को झटका। 2024 में बैलेट पेपर से चुनाव होंगे।”
वायरल वीडियो में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर ईवीएम को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त के बयान का जिक्र करते हुए दावा किया जा रहा है कि अगले आम चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का इस्तेमाल होग।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए उसे रद्द कर दिया था। न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स जरूरी मिली, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने का जिक्र है। लाइव लॉ की वेबसाइट पर मौजूद 15 फरवरी 24 की रिपोर्ट के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत सूचना के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया।”
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने यह फैसला दिया। कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है।
हमने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी देखा और इस फैसले में कहीं भी ईवीएम या उसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए जाने का कोई जिक्र नहीं है।
यानी सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध को लगाए जाने का कोई फैसला नहीं दिया है। सर्च में हमें ऐसी कोई रिपोर्ट्स नहीं मिली, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त के ऐसी किसी बयान का जिक्र हो, जो चुनाव में ईवीएम को बैन किए जाने से संबंधित हो।
वायरल वीडियो में किए गए दावे को लेकर हमने चुनाव आयोग के अधिकारी से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि अगला चुनाव ईवीएम से ही होगा। उन्होंने कहा कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने का दावा महज अफवाह है।
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, व्यापक सहमति बनने के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम के इस्तेमाल के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत दिशानिर्देश जारी किए थे और 19 माई 1982 को पहली बार पायलट आधार पर ईवीएम का इस्तेमाल किया गया।
इसके बाद संसद ने दिसंबर 1988 में जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 को संशोधित करते हुए उसमें धारा 61A को जोड़ा, जो चुनाव आयोग को ईवीएम का इस्तेमाल करने का अधिकार देता है। यह संशोधन 15 मार्च 1989 से प्रभाव में आया।
गौरतलब है कि पिछले आम चुनाव के दौरान देश में ईवीएम की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग के साथ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है।
इकोनॉमिक टाइम्स में 22 नवंबर 2018 को प्रकाशित खबर के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट ने आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में ईवीएम के बदले बैलेट पेपर का इस्तेमाल किए जाने की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता। एनजीओ न्याय भूमि की तरफ से ए सुब्बा राव ने यह जनहित याचिका कोर्ट में दायर की थी। उन्होंने कहा था कि ईवीएम का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है और इसलिए इसका इस्तेमाल चुनावों के दौरान नहीं किया जाना चाहिए।”
वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर 60 हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा ही दावा वायरल हुआ था, जिसने हमने अपनी जांच में फेक पाया था। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: 2024 लोकसभा चुनाव में ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल का दावा फेक और महज अफवाह है। पिछले अन्य चुनावों की तरह आगामी लोकसभा चुनाव भी ईवीएम से ही होगा।
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