Fact Check: मोतीलाल नेहरू की पांच पत्नियों और नेहरू,शेख अब्दुल्ला व जिन्ना के भाई होने का दावा FAKE और मनगढ़ंत

मोतीलाल नेहरू की कुल पांच पत्नियों और जवाहर लाल नेहरू,शेख अब्दुल्ला और मोहम्मद अली जिन्ना के भाई होने के दावे के साथ वायरल पोस्ट काल्पनिक और मनगढ़ंत है। मोतीलाल नेहरू की दो पत्नियां थी और पहली पत्नी (प्रसव के दौरान पत्नी और नवजात दोनों) की मृत्यु के बाद उनकी शादी स्वरूप रानी से हुई। स्वरूप रानी ने कुल तीन संतानों को जन्म दिया, जिसमें एक बेटा (जवाहर लाल नेहरू) और दो बेटियां थीं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर यूजर्स एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि मोतीलाल नेहरू की कथित तौर पर कुल पांच पत्नियां थीं, जिनमें से तीन मुस्लिम महिलाएं थीं। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि उन पांच पत्नियों में से जवाहर लाल नेहरू की मां थुसू रहमान बाई थीं और मोहम्मद अली जिन्ना व शेख अब्दुल्ला भी अलग-अलग पत्नियों से पैदा हुए उनके बेटे थे। इस पोस्ट के साथ जिस तस्वीर को शेयर किया गया है, उसमें मोतीलाल नेहरू के साथ जवाहर लाल नेहरू व उनके परिवार के अन्य सदस्यों को देखा जा सकता है। वायरल पोस्ट का सारांश यह है कि जवाहर लाल नेहरू हिंदू नहीं, बल्कि मुस्लिम थे।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक और मनगढ़ंत पाया। मोतीलाल नेहरू की दो पत्नियां थी। प्रसव के दौरान पहली पत्नी के साथ नवजात बेटे की मृत्यु हो गई थी और इसके बाद मोतीलाल नेहरू की दूसरी शादी स्वरूप रानी कौल से हुई और उन्होंने 14 नवंबर 1889 को जवाहर लाल नेहरू को जन्म दिया, जो भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। साथ ही उन्होंने दो अन्य बेटियों विजयलक्ष्मी पंडित और कृष्णा नेहरू को भी जन्म दिया। जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस के मौके पर प्रत्येक साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया  जाता है।

क्या है वायरल?

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है, जिसमें दावा किया गया है, “मोतीलाल नेहरू की 5 पत्नियाँ थीं।

(1) स्वरूप रानी

(2) थुसु रहमान बाई

(3) मंजुरी देवी

(4) एक ईरानी महिला

(5) एक कश्मीरी महिला

नंबर 1- स्वरूप रानी और नंबर 3- मंजुरि देवी को लेकर कोई समस्या नहीं है।

दूसरी पत्नी थुसू रहमान बाई के पहले पति मुबारक अली थे। मोतीलाल नेहरू, मुबारक अली के पास नौकरी करता था। मुबारक की आकस्मिक मृत्यु के कारण मोतीलाल थुसु रहमान बाई से निकाह कर लिये और परोक्ष रूप से पूरी संपत्ति के मालिक बन गये।

थुसु रहमान बाई को मुबारक अली से 2 बच्चे पहले से ही मौजूद थे-

(1) शाहिद हुसैन

(2) जवाहरलाल,

मोतीलाल द्वारा इन दोनों बच्चों शाहिद हुसैन और जवाहरलाल को थुसु रहमान बाई से निकाह करने की वजह से अपना बेटा कह दिया गया।

प्रासंगिक उल्लेख:-

जवाहरलाल की माँ थुसू रहमान बाई थी, लेकिन उनके पिता मुबारक अली ही थे।तदनुसार थुसू रहमान बाई से निकाह करने की वजह से मोतीलाल, जवाहरलाल नेहरू के पालक पिता थे। मोतीलाल की चौथी पत्नी एक ईरानी महिला थी, जिसे मुहम्मद अली जिन्ना नामक एक बेटा था। मोतीलाल की 5 नंबर वाली पत्नी एक कश्मीरी महिला थी, यह मोतीलाल नेहरु की नौकरानी थी। इसको शेख अब्दुल्लाह नामक एक बेटा था, जो बाद में कश्मीर का मुख्यमंत्री बना था। अर्थात् वस्तुतः नेहरू, जिन्ना और अब्दुल्ला तीनों भाई मुसलमान थे। पर, जब भारत का बँटवारा होने लगा तो तीनों भाई आपस में झगड़ पड़े, तब..(1) जवाहर को भारत, (2) जिन्ना को पाकिस्तान (3) शेख अब्दुल्ला को कश्मीर दिया गया (नौकरानी के बेटे के रूप में)

भारत से संबंधित होने से रोकने के लिए सुरक्षात्मक दृष्टिकोणवश कश्मीर को अनुच्छेद 370 प्रदान किया गया, ताकि कश्मीर भारत का होकर भी भारत का न हो। उसके बाद जवाहरलाल की बेटी इंदिरा ने फिरोज खान से शादी की उनके राजीव खान और संजय खान हुए संजय को एक मुस्लिम से उत्पन्न बेटा माना जाता है।राजीव और संजय सगा नहीं बल्कि सौतेला भाई है। जो संजय गांधी की मृत्यु पर फूट-फूटकर रोया था। राजीव खान ने विदेशी इटली की क्रिस्चियन की औरत सोनिया माइनों से शादी की। राजीव की बेटी प्रियंका ने ईसाई क्रिश्चियन राबर्ट बढेरा से शादी की पूरा परिवार ही बढ़ शंकर (वर्णसंकर) है फिर हिंदू कैसे हो सकते है? सब पूर्णरूपेण कसाई ईसाई वर्णसंकर प्रजाति है। और हम सबको भारतीयों को हिंदू पंडित कहकर बताया गया है जोकि पूर्णरूपेण असत्य है।

इसीलिए इन लोगों ने राम को काल्पनिक कहा…और सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट भी दिया…राम मंदिर का हमेशा विरोध भी किया,…वक्फ बोर्ड मुस्लिम पर्सनल लॉ आदि अनेकों मुस्लिम पक्ष के कार्य किए और हिंदू सनातन धर्म को दबाने की हमेशा इस कांग्रेसमें कोशिश की। अब समय आ गया है सब सनातनी भाई बहनों हिंदुओं को सचेत हो जाना है और अपने अस्तित्व की लड़ाई सबको तन मन धन से लड़नी है जो लड़ रहा है उसको समर्थन करना है। अब प्रश्न है, भारत 70 वर्षों तक 3 भागों में विभाजित था, हम हिंदुस्तानियों को अलग-अलग तरीकों से टोपी क्यों पहनाई जाती रही, अथार्त् बेवकूफ क्यों बनाया जाता रहा। आखिर, किस कारण।सूत्र:- इम्मैथाइज़र की जीवनी। इतिहास गवाह है हमेशा किले के दरवाज़े अंदर से ही खोले गए है। What’s app से पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम श्री मोतीलाल नेहरू (1861-1931) था, जो पेशे से एक एक स्व-निर्मित धनी बैरिस्टर थे, जो एक कश्मीरी पंडित समुदाय से थे। इनका माता का नाम स्वरूपरानी थुस्सू (1868-1938) था, जो लाहौर में बसे एक प्रसिद्ध कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थीं। जवाहरलाल नेहरू की दो बहने थी। उनकी बड़ी बहन विजया लक्ष्मी (जो संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं)। उनकी सबसे छोटी बहन कृष्णा हुथीसिंग जो पेशे से एक प्रसिद्ध लेखिका बन गईं। यह नेहरू जी की जीवनी में लिखा हुआ है अब सच क्या है यह तो नहीं पता यह आलेख तो मोतीलाल नेहरू और उनके पूर्वजों से जुड़ा हुआ है। देश हित में इस लिंक के माध्यम से जवाहर लाल नेहरू का सच जान लो ——सनातनी हिन्दुओं को मुगलों और अंग्रेजों के बाद इन फर्जी नेहरू खानदान और फर्जी कश्मीरी खानदान के लोगों ने गजवाहिन्द करने के लिए भारत से भी सभी हिन्दुओं को मारकर खत्म करने हेतु झूठे इतिहास के बल पर बांट रहे हैं जागो सनातनी हिन्दुओं जागो ———–*जवाहर लाल नेहरू हिन्दू थे या मुस्लिम: देखें लिंक भाग १ और देखें लिंक नोट- इस सन्देश को देश हित में जरूर शेयर करें !”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में कई दावे किए गए हैं, जिसकी हमने विस्तार से जांच की। पहला दावा यह है कि मोतीलाल नेहरू की पांच पत्नियां थीं, जिनके नाम क्रमश: (1) स्वरूप रानी

(2) थुसु रहमान बाई

(3) मंजुरी देवी

(4) एक ईरानी महिला

(5) एक कश्मीरी महिला, थे।

मोतीलाल नेहरू अपने समय के मशहूर वकीलों में से एक थे, जिनकी प्रोफाइल इलाहाबाद (अब प्रयागराज) हाई कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद है।

Source-https://www.allahabadhighcourt.in/

वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, “1886 में मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद आ गए और अपने बड़े भाई नंदलाल के साथ वकालत की प्रैक्टिस शुरू की। पंडित नंदलाल की 1887 में मृत्यु हो गई और उनके पांच बेटों और पत्नी की जिम्मेदारी मोतीलाल के कंधों पर आ गई। मोतीलाल की पहली पत्नी और नवजात की प्रसव के दौरान हुई मौत के बाद मोतीलाल ने श्रीमती स्वरूप रानी के साथ दूसरी शादी की । 14 नवंबर 1889 को उन्होंने बेटे को जन्म दिया, जो आगे चलकर भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।”

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की वेबसाइट पर मोतीलाल नेहरू की प्रोफाइल मौजूद है, जिसके मुताबिक, उनकी पत्नी स्वरूप रानी ने 1889 में पहले बेटे को जन्म दिया, जिनका नाम जवाहर लाल नेहरू था। उनकी दो बेटियां भी हुईं, जिनके नाम क्रमश:सरूप (बाद में विजयलक्ष्मी पंडित) और कृष्णा थे और जिनका जन्म 1900 और 1907 में हुआ। 1900 में मोतीलाल नेहरू ने इलाहाबाद  में घर खरीदा और उसका पुनर्निर्माण कर उसका नाम आनंद भवन रखा। छह फरवरी 1931 को मोतीलाल नेहरू का निधन हो गया।

Source-inc.in

यानी यह दावा गलत है कि मोतीलाल नेहरू की पांच पत्नियां थीं।

इसी पांच पत्नियों के कॉन्सपिरेसी थ्योरी के आधार पर यह दावा किया गया है कि शेख अब्दुल्लाह और मोहम्मद अली जिन्ना, जवाहर लाल नेहरू के भाई थे।

eparlib.nic.in की वेबसाइट पर मशहूर सांसदों की सीरीज में शेख अब्दुल्लाह और उनके परिवार के बारे में प्रमाणिक जानकारी मौजूद है।

Source-https://eparlib.nic.in/

दस्तावेज के मुताबिक, “शेख अब्दुल्लाह का जन्म पांच दिसंबर 1905 को हुआ था, जिनके पिता का नाम शेख मोहम्मद इब्राहिम था।” शेख अब्दुल्ला पांच भाई थे और उनकी एक बहन थी और वे सभी संतानों में सबसे छोटे थे।

सर्च में हमें मोहम्मद अली जिन्ना की प्रोफाइल भी मिली। oxfordreference.com की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, मोहम्मद अली जिन्ना का जन्म कराची में हुआ था।

archive.nytimes.com की वेबसाइट पर मौजूद अकबर एस अहमद की लिखी ‘Jinnah, Pakistan and Islamic Identity’ पुस्तक मिली, जिसके मुताबिक, जिन्ना  के पिता का नाम जिन्नाभाई पूंजा था, जो जिन्ना के जन्म के ठीक पहले गुजरात से कराची चले गए थे। हालांकि, जिन्ना की जन्म की तारीख (25 दिसंबर 1876) और उनके जन्मस्थल को लेकर अकादमिक जगत एकमत नहीं है।

वहीं, जिन्ना की मां का नाम मीठीबाई था, जो इस्माइली खोजा परिवार से संबंधित थीं। यानी वायरल पोस्ट में किया गया दावा पूरी तरह से तथ्यहीन और बेबुनियाद है। वायरल पोस्ट में किए गए इन मनगढ़ंत दावों के साथ जिस तस्वीर को  शेयर किया गया है, उसके ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह तस्वीर कई न्यूज रिपोर्ट्स में लगी मिली।

The family of Motilal Nehru, who is seated in the centre. Standing (L to R) Jawaharlal Nehru (Panditji), Vijaya Lakshmi Pandit, Krishna Hutheesingh, Indira Gandhi and Ranjit Pandit; Seated: Swaroop Rani, Motilal Nehru and Kamala Nehru (circa 1927) Source-commons.wikimedia.or

विकीमीडिया कॉमन्स की वेबसाइट पर हमें इस तस्वीर में नजर आ रहे लोगों का विवरण मिला, जिसके मुताबिक, इसमें पिछली पंक्ति में (बाएं से) जवाहर लाल नेहरू (पंडितजी), विजयलक्ष्मी पंडित, कृष्णा हतिसिंह, इंदिरा गांधी और रंजीत पंडित हैं, वहीं अगली पंक्ति में (बाएं से) स्वरूप रानी, मोतीलाल नेहरू और कमला नेहरू हैं।

वायरल पोस्ट में किए गए दावे को लेकर हमने कांग्रेस को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार (सोनिया, ए बायोग्राफी और 24 अकबर रोड के लेखक) रशीद किदवई से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि मोतीलाल नेहरू की दो पत्नियां थी और पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उनकी शादी स्वरूप रानी से हुई। स्वरूप रानी ने कुल तीन संतानों को जन्म दिया, जिसमें एक बेटा (जवाहर लाल नेहरू) और दो बेटियां थीं।

इससे पहले एक वायरल पोस्ट में नेहरू परिवार के वंशवृक्ष या वंशावली का जिक्र करते हुए दावा किया गया था कि नेहरू के पिता और दादा मुस्लिम थे। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

वहीं इंदिरा गांधी के पति फिरोज खान की धार्मिक पहचान को लेकर भी समय-समय पर सोशल मीडिया में फेक दावा किया जाता रहा है। इंदिरा गांधी के पति का नाम फिरोज गांधी था और वे पारसी थे। साथ ही उनके पिता का नाम जहांगीर फरदून थे। संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: मोतीलाल नेहरू की कुल पांच पत्नियों और जवाहर लाल नेहरू,शेख अब्दुल्ला और मोहम्मद अली जिन्ना के भाई होने के दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्ट काल्पनिक और मनगढ़ंत है। मोतीलाल नेहरू की दो पत्नियां थी और पहली पत्नी (प्रसव के दौरान पत्नी और नवजात दोनों) की मृत्यु के बाद उनकी शादी स्वरूप रानी से हुई। स्वरूप रानी ने कुल तीन संतानों को जन्म दिया, जिसमें एक बेटा (जवाहर लाल नेहरू) और दो बेटियां थीं।

False
Symbols that define nature of fake news
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