Fact Check : इस वायरल तस्वीर में दिख रहा ब्रिज बिहार नहीं, चीन में है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि बिहार के ग्‍लास ब्रिज के नाम पर कुछ लोग चीन की तस्‍वीर वायरल कर रहे हैं। वायरल तस्‍वीर में दिख रहा ब्रिज चीन के गुआंग्डोंग प्रांत में है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक ग्‍लास ब्रिज की तस्‍वीर वायरल हो रही है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि तस्‍वीर बिहार के राजगीर में बने शीशे के पुल की है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि बिहार के नाम पर कुछ लोग चीन के गुआंग्डोंग प्रांत के ग्‍लास ब्रिज की तस्‍वीर वायरल कर रहे हैं। बिहार के राजगीर में शीशे का पुल बना है, लेकिन तस्‍वीर यह नहीं है, जो वायरल हो रही है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर गोलन सिंह भूमिहार ने 18 दिसंबर को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया फोटो में दिख रहा ग्‍लास ब्र‍िज नालंदा के राजगीर में है। फोटो के ऊपर लिखा था : ‘यह नजारा चीन नहीं नालंदा का है। बिहार में बना पूर्वोत्‍तर भारत का पहला ग्‍लास ब्रिज।’

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान कई जगह यह तस्‍वीर हमें चीन के गुआंग्डोंग प्रांत के ग्‍लास ब्रिज के नाम से मिली।

गूगल सर्च के जरिए हम news.cgtn.com नाम की न्‍यूज पर गए। 17 जनवरी 2019 को पब्लिश एक खबर में वायरल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। खबर में बताया गया कि दक्षिण चीन के गुआंग्डोंग प्रांत में बने 218 मीटर लंबे शीशे के पुल को पर्यटकों के लिए 16 जनवरी को खोल दिया गया है। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के दौरान हमें सीजीटीन के ही फेसबुक पेज पर भी कुछ तस्‍वीरें मिलीं। इसे भी 17 जनवरी 2019 को अपलोड की गई थी। ये तस्‍वीरें आप यहां देख सकते हैं।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि बिहार के बिहारशरीफ जिले के राजगीर में एक शीशे का पुल बनाया गया है। जिसे अगले साल पर्यटकों के लिए खोला जा सकता है। जागरण डॉट कॉम की खबर के मुताबिक, राजगीर के नेचर सफारी में ग्लास स्काई वॉक ब्रिज का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।

85 फीट लंबा तथा 5 फीट चौड़ा यह ब्रिज वैभारगिरि की दो चोटी के बीच गहरी खाई के ऊपर बनाया गया है। यह खाई लगभग 250 फुट गहरी है, जबकि दोनों पर्वत शिखर के बीच की दूरी लगभग 5 सौ मीटर है। अब इस स्काई वॉक पर पर्यटक हवा में स्थिर होकर वादियों को काफी करीब से निहार सकेंगे। पूरी खबर यहां पढ़ें।

वायरल पोस्‍ट को लेकर राजगीर के दैनिक जागरण संवाददाता मनोज मायावी कहते हैं कि वायरल तस्‍वीर हमारे यहां बने ब्रिज की नहीं है।

पड़ताल के अंत में अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्‍ट करने वाला यूजर कौन है। चीन की तस्‍वीर को बिहार का बताकर वायरल करने वाला फेसबुक यूजर गोलन सिंह भूमिहार बिहार शरीफ में रहता है। इसके अकाउंट पर हमें वायरल कंटेंट ज्‍यादा मिला।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि बिहार के ग्‍लास ब्रिज के नाम पर कुछ लोग चीन की तस्‍वीर वायरल कर रहे हैं। वायरल तस्‍वीर में दिख रहा ब्रिज चीन के गुआंग्डोंग प्रांत में है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट