Fact Check: 2019 यूपी गैंगरेप की घटना को बिहार के नाम पर फेक सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा वायरल

वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश कौशाम्बी में हुई गैंगरेप की घटना के वीडियो को बिहार के नाम पर फेक व भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Fact Check: 2019 यूपी गैंगरेप की घटना को बिहार के नाम पर फेक सांप्रदायिक दावे के साथ किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए यह दावा किया जा रहा है यह बिहार में गैंगरेप की घटना का वीडियो है, जिसमें पीड़ित लड़की मुस्लिम समुदाय की थी, जबकि सभी आरोपी हिंदू समुदाय के थे।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला, जिसे भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडियो उत्तर प्रदेश के कौशांबी में हुई वारदात का है और इसमें शामिल सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय के थे, जबकि पीड़िता दलित समुदाय की नाबालिग थी। इस मामले में कोर्ट 2020 में तीनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा दे चुका है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘मोजिब असरा’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “सड़ा हुआ समाज, बिहार – हिन्दू लड़कों ने मुस्लिम लड़की को जंगल में ले जा किया बलात्कार और वीडियो बना कर कर दिया वाइरल, लड़की (मत करो भैय्या ये सब हम आपकी बहन बेटी की तरह हैँ ) कहते हुए रोती रही माफ़ी मांगती रही वहशी दरिंदे नोंचते रहे जिस्म।!⚠️ TW: हिंदू टीजी और एफबी समूहों में व्यापक रूप से साझा किए जा रहे एक वीडियो में, हिंदू पुरुषों का समूह नाबालिग मुस्लिम लड़की का जंगल में सामूहिक बलात्कार कर रहा है
लड़की गुहार लगा रही है कि ‘बहुत दर्द हो रहा है, मुझे जाने दो’ जैसे बलात्कारी देवते वैसे उनके भगत लड़की गुहार लगा रही है कि ‘बहुत दर्द हो रहा है, मुझे जाने दो’ जैसे बलात्कारी देवते वैसे उनके भगत दरिंदो को भैया कहो चाचा ताऊ पापा भी कहदो यह तो दरिंदे अपनी माँ को भी नहीं छोड़ेंगे…कहा का है ये वीडियो…कोई गिरफ्तार हुए लड़के या नहीं…हमारे देश में ऐसे लोगों को जब तक फांसी की सजा नही होगी तब तक ऐसे वहीसी दरिंदा लोग बलात्कार करते रहेंगे….सरकार को कानून बनाना चाहिए, लड़की किसी भी धर्म की हो ऐसी दरिंदगी नहीं होनी चाहिए। इन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के बिहार की घटना बताकर शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर एबीपीलाइव डॉटकॉम की वेबसाइट पर 26 सितंबर 2019 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में नाबालिग के साथ गैंगरेप के मामले में फरार चल रहे तीसरे आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

एबीपी की 26 सितंबर 2019 की रिपोर्ट।

रिपोर्ट के मुताबिक, “कौशाम्बी में कलंक की घटना का तीसरा आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। पुलिस ने सराय अकिल इलाके से मोहम्मद आकिब उर्फ बड़का को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी मोहम्मद आकिब उर्फ बड़का पर 25 हजार का इनाम घोषित था। शनिवार को सराय अकिल इलाके में आरोपी ने एक नाबालिग के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था और पूरी घटना की वीडियो भी बनाया था।”

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, गैंगरेप मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था। नाजिम नाम का आरोपी मौके पर पकड़ा गया था, वहीं दूसरे आरोपी आदिल को पुलिस की टीम ने एनकाउंटर के दौरान पकड़ा, जबकि तीसरे आरोपी बड़का की तलाश जारी है। एक अन्य न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, तीनों आरोपियों के नाम मोहम्मद छोटका उर्फ आतंकवादी, मोहम्मद बड़का और मोहम्मद नाजिम है। इस रिपोर्ट में पीड़िता के दलित होने का जिक्र है।

सर्च में हमें छह फरवरी 2020 की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना के दोषियों को सजा दिए जाने का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, “जनपद कौशांबी में प्रदेश को शर्मसार करने वाले गैंगरेप कांड के तीनों आरोपियों को जनपद न्यायालय के विशेष न्यायाधीश पॉक्सो (POCSO) अनुपम कुमार ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इस मामले के प्रत्येक मुल्जिम पर 1 लाख 86 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. यह घटना सराय अकिल थाना इलाके में 21 सितंबर 2019 को घटित हुई थी. कौशांबी में दुष्कर्म का यह पहला मामला है, जहां कोर्ट ने आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है.”

हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में हुई गैंगरेप की पुरानी घटना का है, जिसमें सभी आरोपी मुस्लिम थे और इसी घटना के वीडियो को फेक व भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ बिहार के नाम पर वायरल किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर सराय आकिल पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। पुलिस स्टेशन के एसओ विनीत सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि ऐसी घटना उनके यहां पदस्थापित होने से पहले की है, जिसमें सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय के थे और उन सभी को उम्र कैद की सजा भी दी जा चुकी है।

वायरल वीडियो को फेक व सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब सात सौ लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश कौशाम्बी में हुई गैंगरेप की घटना के वीडियो को बिहार के नाम पर फेक व भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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