Fact Check : अहमदाबाद की 2019 की तस्‍वीर अब दिल्‍ली की बताकर की गई वायरल

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के नाम पर वायरल तस्वीर अहमदाबाद की पुरानी फोटो है। इसका दिल्‍ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दिल्‍ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान पथराव और आगजनी के बाद से सोशल मीडिया पर कई फर्जी पोस्‍ट वायरल हो रही हैं। अब एक तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह फोटो हनुमान जन्मोत्सव के दिन जहांगीरपुरी हिंसा व आगजनी की है। इसमें जमीन पर गिरे एक पुलिसवाले को कुछ लोग पीटते हुए दिख रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीर का दिल्‍ली से कोई संबंध नहीं है। यह गुजरात के अहमदाबाद की पुरानी तस्‍वीर है। दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अहमदाबाद के शाह-ए-आलम इलाके में हिंसा हुई थी। तस्‍वीर उसी दौरान की है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट झूठी साबित हुई।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर “अनिल सिंह कंदारी” ने 16 अप्रैल को वायरल तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा : ”ओर कब तक ये सब देखने को मिलेगा? #जहांगीरपुरी #DelhiRiots”

फैक्ट चेक के उद्देश्य से फेसबुक पोस्ट में लिखी गई बातों को हूबहू लिखा गया है। इसके आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता हैं। इस पोस्‍ट को दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले ऑनलाइन टूल्‍स के माध्‍यम से वेरिफिकेशन किया। इसके लिए गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया गया। वायरल तस्‍वीर को जब इस टूल में अपलोड करके सर्च किया गया तो यह तस्‍वीर हमें टाइम्‍स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर मिली। 20 दिसंबर 2019 को पब्लिश एक खबर में इस तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए बताया गया : ”अहमदाबाद के शाह-ए-आलम इलाके में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में पुलिस और भीड़ के बीच बड़ी झड़प हुई। पथराव और हमले में एक डीसीपी, एक एसीपी और एक पीआई सहित 12 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 30 लोग घायल हो गए।” पूरी खबर यहां पढ़ें।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक रिपोर्ट 19 दिसम्बर 2019 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, “नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्‍टर (एनआरसी) के खिलाफ गुरुवार को अहमदाबाद के अलग-अलग हिस्सों में जमकर बवाल हुआ। मुस्लिमों द्वारा किए गए अहमदाबाद बंद के एलान के दौरान भारी संख्या में लोग तिरंगा लेकर सड़क पर उतरे। इस बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। इस दौरान आठ पुलिस जवान सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। पूरी खबर यहां पढ़ें।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में दिल्‍ली के जहांगीरपुरी के दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर धनंजय से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “जहांगीरपुरी इलाके में हिंसा के दौरान पथराव की घटना हुई है। जिसमें 8 पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक ज़ख्मी हुआ है, लेकिन वायरल तस्वीर जहांगीरपुरी इलाके में हुई घटना की नहीं है।”

विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत में तस्वीर को फर्जी दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर अनिल सिंह कंदारी को 662 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के नाम पर वायरल तस्वीर अहमदाबाद की पुरानी फोटो है। इसका दिल्‍ली के जहांगीरपुरी इलाके में हुई हिंसा से कोई संबंध नहीं है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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