विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुलिसवालों की यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की नहीं, बल्कि तेलंगाना की है। 2016 की यह तस्वीर उस वक़्त की है, जब तेलंगाना पुलिस ने स्वच्छता अभियान के तहत धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई की थी। अब इस पुरानी तस्वीर को एक अलग रंग देते हुए भ्रामक दावे के साथ वायरल कर दिया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें एक ही मौके की कुछ तस्वीरों का कोलाज है और इन फोटोज में कुछ पुलिसवाले मस्जिद परिसर में साफ़-सफाई करते हुए हुए नजर आ रहे हैं। यूजर वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए इसे पश्चिम बंगाल के हालिया मामले की बता रहे हैं।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुलिसवालों की यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की नहीं, बल्कि तेलंगाना की है। 2016 की यह फोटो उस वक़्त की है, जब तेलंगाना की भैंसा पुलिस ने स्वच्छता अभियान के तहत धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई की थी। अब इस पुरानी तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देते हुए भ्रामक दावे के साथ वायरल कर दिया गया है।
फेसबुक यूजर ‘Ramkumar Yadav’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा- धिक्कार है बंगाल पुलिस को जो नमाज के लिए मस्जिद की सफाई कर रही है अगर मैं बंगाल पुलिस में होता तो निश्चित तौर से बंगाल पुलिस से इस्तीफा देकर बंगाल सरकार के खिलाफ हाइकोर्ट में वर्दी में मस्जिद की सफाई की वीडियो बनावाकर हाइकोर्ट के सामने वो वीडियो दिखाकर बोलता कि क्या मुझे मस्जिद की सफाई के लिए भर्ती किया गया है या बंगाल की कांनून व्यवस्था के लिए । क्योंकि मैं खुद एक रिटायर्ड पुलिस अफसर हूँ और वर्दी में मस्जिद की सफाई करने का वीडियो मुझे ह्रदय तक हिला गया धिक्कार है बंगाल पुलिसकर्मियों जो मस्जिद की सफाई कर रहे हो आक थू अगर यही वर्दी में सफाई करने का फोटो वर्दी में किसी सार्वजनिक स्थान का बिना वर्दी में सफाई करते हुए होता तो मेरे देश का हर नागरिक आपको सलाम ठोकता आक थू इससे बढ़िया है इस्तीफा ही दे देते ।”
वहीं वायरल पोस्ट पर आगे लिखा है , ”आपने कभी पुलिस को देखा है मन्दिर साफ करते हुए ? नहीं न? बंगाल की पुलिस मस्जिद साफ कर रही है नमाज के लिए और मुसलमान इस फोटो को फॉरवर्ड कर के ये बोल रहे है को देखो हिंदुवो और भारत के पुलिस की औकात आप भी देखिये 44 4 और इस पोस्ट को फैला दीजिए…लोगों को भी पता चले को ममता बनर्जी के राज्य में पुलिस की इतनी ही औकात है! भगवान ही मलिक है हिन्दूवो का और इस देश का।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल की जा रही तस्वीर को सर्च किया। सर्च में हमें यह तस्वीर न्यूज़ तेलंगाना टीवी नाम के फेसबुक पेज पर 18 जून 2016 को पोस्ट हुई मिली। दी गई तस्वीर के मुताबिक, ”#Bhainse_me_Ramadan ke Mouqe per #MasjidPANJESHA markaz Me #BHAINSA_police ki Janib se #Safayi Ka kaam….Salute Bhainsa police”.
इसी बुनियाद पर हमने पड़ताल को आगे बढ़ाया और ‘AK NEWS’ नाम के फेसबुक पेज पर भी वायरल तस्वीर मिली और यहाँ भी दी गई मालूमात के मुताबिक, यह तेलंगाना की भैंसा थाने की पुलिस है। यहाँ इन तस्वीरों को 18 जुलाई 2016 को अपलोड किया गया है।
यह पोस्ट इससे पहले भी वायरल हो चुकी है, जिसका फैक्ट चेक हमने किया था और उस वक्त हमने वायरल पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए तेलंगाना टीवी के एडिटर इन चीफ फ़राज़ अकेलवी से फ़ोन के ज़रिये संपर्क साधा था। उन्होंने हमें बताया था, “वायरल तस्वीर 2016 की है, जब स्वच्छता अभियान के अंतर्गत तेलंगाना के भैंसा पुलिस ने रमजान के मौके पर मस्जिद पंजेशा मरकज़ की साफ़-सफाई की थी।”
भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को दो हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि पुलिसवालों की यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की नहीं, बल्कि तेलंगाना की है। 2016 की यह तस्वीर उस वक़्त की है, जब तेलंगाना पुलिस ने स्वच्छता अभियान के तहत धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई की थी। अब इस पुरानी तस्वीर को एक अलग रंग देते हुए भ्रामक दावे के साथ वायरल कर दिया गया है।
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