सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर 11 सेकंड की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें एक शख्स को सड़क किनारे कुछ लोगों के साथ चलते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को स्वामी विवेकानंद का दुर्लभ वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर 11 सेकंड की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें एक शख्स को सड़क किनारे कुछ लोगों के साथ चलते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को स्वामी विवेकानंद का दुर्लभ वीडियो बताकर वायरल कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में स्वामी विवेकानंद के नाम से वायरल वीडियो स्वामी योगानंद का साबित हुआ। इस वीडियो का स्वामी विवेकानंद से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर Madhusudhan Bojja ने 13 अप्रैल को एक वीडियो क्लिप को पोस्ट करते हुए लिखा, स्वामी विवेकानंद का दुर्लभ वीडियो।
वायरल वीडियो को स्वामी विवेकानंद का समझकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इस वीडियो को देखने के बाद यह बात तो समझ में आ गई कि इसमें दिख रहे शख्स स्वामी विवेकानंद नहीं है। वीडियो क्लिप में हमें mirc@scedu लिखा हुआ नजर आया। इसके आधार पर हमने गूगल ओपन सर्च में कीवर्ड बनाकर सर्च किया। इसके आधार पर हम यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना की वेबसाइट पर पहुंचे। यहां मौजूद ऑनलाइन कलेक्शन में हमें कई दुर्लभ वीडियो, तस्वीर और दस्तावेज मिले। यहीं हमें असली वीडियो भी मिला। 48 सेकंड के इस वीडियो को स्वामी योगानंद का बताया गया। इस वीडियो में हमें स्वामी विवेकानंद के नाम से वायरल क्लिप भी मिली। अब तक की पड़ताल से साफ हो गया कि असली वीडियो में दिख रहे शख्स स्वामी योगानंद हैं। वीडियो में बताया गया कि स्वामी जी न्यूयार्क की सड़कों पर टहलते हुए।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए पश्चिम बंगाल स्थित रामकृष्ण परमहंस मठ से संपर्क किया । उन्होंने कन्फर्म करते हुए बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स स्वामी विवेकानंद नहीं, बल्कि स्वामी योगानंद परमहंस हैं।
पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर Madhusudhan Bojja की जांच की गई। इसी यूजर ने क्लिप को स्वामी विवेकानंद के नाम से वायरल किया। यूजर के चार हजार से ज्यादा फेसबुक फ्रेंड हैं। यह अकाउंट नवंबर 2008 को बनाया गया था। यूजर हैदराबाद का रहने वाला है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। स्वामी योगानंद के वीडियो को कुछ लोग स्वामी विवेकानंद के नाम से वायरल कर रहे हैं।
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