सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई फैसला नहीं सुनाया है, जिसमें लव मैरिज या कोर्ट मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति जरूरी होने की बात कही गई हो। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने भी इस दावे को गलत बताया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लव मैरिज को लेकर सुप्रीम कोर्ट के नाम से एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वकील की पोशाक में एक शख्स कह रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट मैरिज/ लव मैरिज के कानून में बदलाव किया है, जिसके तहत कोर्ट मैरिज या लव मैरिज करने वाले युवक-युवती को माता-पिता की अनुमति जरूरी है। इस वीडियो को कुछ सोशल मीडिया यूजर्स शेयर कर दावा कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि माता-पिता की अनुमति के बिना कोर्ट मैरिज या लव मैरिज नहीं की जा सकती है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई फैसला नहीं सुनाया है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने कुछ फैसलों में यह जरूर कहा है कि दो बालिग अपने माता-पिता या समाज की अनुमति के बिना शादी कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील ने भी इस दावे को गलत बताया है। उनके अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई फैसला नहीं सुनाया है।
क्या है वायरल पोस्ट
एक्स यूजर ‘मुन्ना यादव’ (आर्काइव लिंक) ने 30 नवंबर 2023 को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
“लव-जेहाद पे चला सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा…मेला बाबू ..मेरा जानू..मेरा सोना ..बोलने वाली…कन्याए अब …बालिग होने के बावजूद…माँ बाप की मर्जी के बिना…..कोर्ट मैरिज नही कर पाएगी… या कर पाएगा…ये फरमान सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है…जारी वीडियो के आधार पे“
फेसबुूक यूजर Pramod Lomas (आर्काइव लिंक) ने भी 1 दिसंबर को वीडियो पोस्ट करते हुए समान दावा किया।
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने पहले उसे ध्यान से सुना। उसमें कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट पुराने कानूनों में बदलाव कर रहा है। पहले कोई भी युगल जब कोर्ट मैरजि या लव मैरिज करता था तो माता-पिता की अनुमति जरूरी नहीं होती थी, बल्कि उनको सुरक्षा के आदेश दिए जाते थे। अब लव मैरिज या कोर्ट मैरिज के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिना माता-पिता की अनुमति के कोर्ट मैरिज या लव मैरिज रजिस्टर्ड नहीं की जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट के इस तरह के किसी फैसले के बारे में जानने के लिए हमने कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई भी खबर नहीं मिली। हां, 13 फरवरी 2021 को बूमलाइव की वेबसाइट पर छपी खबर का लिंक मिला। इसके अनुसार, “सुप्रीम कोर्ट ने 8 फरवरी को फिर से फैसला सुनाया कि जिन दो बालिग युवक-युवती ने शादी के लिए सहमति दी है, उन्हें परिवार, समुदाय या जिस समाज से संबंधित हैं, उससे अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। शीर्ष अदालत का फैसला कर्नाटक के एक युगल की याचिका पर आया है, जिन्होंने महिला के परिवार की मर्जी के खिलाफ भागकर शादी कर ली थी। कोर्ट लक्ष्मीबाई चंद्रागी के मामले की सुनवाई कर रही थी।”
12 जुलाई 2019 को आजतक की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, “यूपी के बरेली से विधायक की बेटी साक्षी और अजितेश की शादी के मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एवं एसोसिएशन एवं सीनियर एडवोकेट जितेंद्र मोहन शर्मा ने कहा है कि 18 साल की उम्र पार कर चुकी युवती और 21 साल से ज्यादा के युवक को अपनी मर्जी से शादी करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 में मिले जीवन के अधिकार के तहत शादी करने का हक आता है। दोनों को शादी करने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है।”
खबर में यह भी लिखा है,”सुप्रीम कोर्ट ने शफीन जहां बनाम केएम अशोकन और अन्य के मामले में कहा था कि अनुच्छेद 21 के तहत शादी करने का अधिकार हर किसी का मौलिक अधिकार है। इस मामले में हादिया उर्फ अखिला अशोकन ने धर्म परिवर्तन कर शफीन जहां से शादी कर ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने हादिया के पक्ष में फैसला सुनाया था।”
हालांकि, गुजराज सरकार ऐसा कानून बनाने पर विचार कर रही थी, जिसमें प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की अनुमति जरूरी हो। 31 जुलाई 2023 को टीवी 9 में छपी खबर में लिखा है, “गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि उनकी सरकार विचार कर रही है कि क्या लव मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति को अनिवार्य बनाया जा सकता है।”
1 अगस्त 2023 को गुड न्यूज टुडे में छपी खबर में लिखा है कि गुजरात सरकार इस पर विचार सकती है कि लव मैरिज के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी हो। हालांकि, कानून के हिसाब से अगर युवक 21 साल का हो और युवती 18 साल की, तो शादी के लिए माता-पिता की अनुमति की जरूरत नहीं है।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह से बात की। उनका कहना है, “सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई फैसला नहीं दिया है। पहले से ही है कि अगर कोई सीधे कोर्ट मैरिज करता है तो पैरेंट्स के पास नोटिस जाता है। हां, अगर कहीं और शादी करके कोर्ट मैरिज के लिए आता है तो आसानी होती है।“
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कवर करने वाले पत्रकार बृज दुबे ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई फैसला नहीं सुनाया है।
इसके बाद हमने वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स के बारे में गूगल और यांडेक्स रिवर्स इमेज से सर्च किया, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं मिला, इसलिए विश्वास न्यूज वीडियो में दिख रहे शख्स की पहचान या इस वीडियो के समय के बारे में कोई पुष्टि नहीं करता है।
अंत में हमने सुप्रीम कोर्ट के नाम से गलत दावा करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। अप्रैल 2021 को एक्स से जुड़े यूजर के करीब 33 हजार 500 फॉलोअर्स हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है।
निष्कर्ष: सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई फैसला नहीं सुनाया है, जिसमें लव मैरिज या कोर्ट मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति जरूरी होने की बात कही गई हो। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने भी इस दावे को गलत बताया है।
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