Fact Check : स्‍टीव वा की पांच साल पुरानी तस्‍वीर और खबर हाल की बताकर किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पांच साल पहले 2017 में वे अपने एक दोस्त की अस्थियां विसर्जित करने के लिए वाराणसी आए थे। उसी वक्‍त की तस्‍वीर और खबर को हालिया बताकर कुछ यूजर अफवाह फैला रहे हैं।

Fact Check : स्‍टीव वा की पांच साल पुरानी तस्‍वीर और खबर हाल की बताकर किया गया वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ की एक तस्‍वीर को वायरल करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि वे अपने एक दोस्त की अस्थियां विसर्जित करने के लिए हाल ही में वाराणसी आए थे। वाराणसी की इस तस्‍वीर में स्‍टीव वॉ को एक नाव से अस्थियां बहाते हुए देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में पता चला कि मार्च 2017 में स्‍टीव वाराणसी आए थे। उसी वक्‍त की खबर और तस्‍वीर को कुछ लोग हाल की बताकर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न ने 8 मार्च को रात 10:03 बजे एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान स्टीव वा मंगलवार को वराणसी में थे। हालांकि कि ये स्टीव का कोई आधिकारिक दौर नहीं था, बल्‍कि वो अपने एक पुराने मित्र की अस्थियां लेकर विर्सजन के लिए यहां आए थे। जानकारी के मुताबिक स्‍टीव वा गुपचुप तरीके से सुबह वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पहुंचे और नाव पर बैठ कर काशी के महाश्मशान मर्णिकर्णिका घाट पहुंचे।’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्‍तेमाल किया। सर्च के दौरान वायरल तस्‍वीर हमें कई न्‍यूज वेबसाइट पर पांच साल पहले प्रकाशित खबरों में मिलीं। हिन्दुस्‍तान टाइम्‍स की वेबसाइट पर 10 मार्च 2017 को पब्लिश एक खबर में बताया गया कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ अपने एक दोस्त की अस्थियां विसर्जित करने के लिए वाराणसी आए थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।

नवभारत टाइम्‍स की वेबसाइट पर स्टीव वॉ की काशी यात्रा पर एक फोटो गैलरी प्रकाशित की गई थी। 7 मार्च 2017 को पब्लिश इस फोटो गैलरी में कई तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया कि स्टीफन नामक दोस्त की इच्छा थी कि मरने के बाद उनकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित किया जाएं। अपने दोस्त की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए स्टीव बनारस के मणिकर्णिका घाट पर पहुंचे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें।

2017 में दैनिक जागरण की वेबसाइट पर भी संबंधित खबर को पब्लिश किया गया था। इसे यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, वाराणसी के डिजिटल को-ऑर्डिनेटर सौरव चक्रवर्ती से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट के कारण शहर में कई लोग परेशान हुए थे, लेकिन यह कई साल पहले की बात है, जब स्‍टीव वाराणसी आए थे।

अब बारी थी उस फेसबुक पेज की सोशल स्‍कैनिंग की, जहां से यह भ्रामक पोस्‍ट वायरल हुई। स्वर्णिम हिंद का स्वर्णिम स्वप्न नाम के फेसबुक पेज को 2.76 लाख से ज्‍यादा लोगों ने लाइक किया हुआ है। यह पेज 3 नवंबर 2011 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। पांच साल पहले 2017 में वे अपने एक दोस्त की अस्थियां विसर्जित करने के लिए वाराणसी आए थे। उसी वक्‍त की तस्‍वीर और खबर को हालिया बताकर कुछ यूजर अफवाह फैला रहे हैं।

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