स्टीम थेरेपी से कोरोना वायरस के मर जाने का वायरल दावा गलत है। WHO और CDS, दोनों में से किसी ने स्टीम थेरेपी को कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज नहीं माना है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कोरोना वायरस से जुड़ा एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस को भाप (स्टीम) की मदद से मारा जा सकता है। फेसबुक, ट्विटर के अलावा यह दावा वॉट्सऐप पर भी काफी वायरल है। विश्वास न्यूज़ के वॉट्सऐप चैटबॉट पर भी यूजर इस दावे की सच्चाई पूछ रहे हैं। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक यूजर ‘भैराराम सियोल फैन औसियाँ’ ने 9 अगस्त को एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में लिखा है, ‘विश्व स्टीम सप्ताह * डॉक्टरों के अनुसार, अगर COVID-19 को नाक से भाप के जरिए मारा जाता है, तो कोरोना को खत्म किया जा सकता है। अगर सभी ने भाप अभियान शुरू किया। उपरोक्त दिशा में काम करने के लिए, हम दुनिया भर के लोगों से आग्रह करते हैं कि वे 07अगस्त से 14अगस्त तक एक सप्ताह के लिए * भाप प्रक्रिया * शुरू करें, अर्थात् सुबह, दोपहर और शाम। भाप लेने के लिए सिर्फ 05 मिनट। एक हफ्ते के लिए इस अभ्यास को अपनाने से हमें यकीन है कि घातक COVID-19 को मिटा दिया जाएगा कृपया इस संदेश को अपने सभी समूहों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों को भेजें ताकि हम सभी इस कोरोना वायरस को एक साथ मार सकें और इस खूबसूरत दुनिया में स्वतंत्र रूप से एचवी चल सकें। धन्यवाद * प्रत्येक समूह को भेजे जाने का अनुरोध।’
इस पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ को ऐसा ही मैसेज वॉट्सऐप फैक्ट चेकिंग चैटबॉट पर भी मिला है। बस फेसबुक की पोस्ट में जहां 07 अगस्त से 14 अगस्त तारीख लिखी है तो वॉट्सऐप पर मिले मैसेज में 15 से 22 अगस्त की तारीख दी हुई है। नीचे आप वॉट्सऐप पर वायरल मैसेज की तस्वीर देख सकते हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले जरूरी कीवर्ड्स (Steam, kil, coronavirus etc) से गूगल पर सर्च किया। हमें कई प्रामाणिक न्यूज़ रिपोर्ट मिलीं। ऐसी ही एक रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की मिली। इस रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा गया है कि यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) या विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), दोनों में से किसी ने स्टीम थेरेपी को कोरोना वायरस का इलाज नहीं माना है। इस रिपोर्ट को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
आपको बता दें कि अब तक कोरोना वायरस का इलाज नहीं खोजा जा सका है। कुछ देश कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा कर रहे हैं। हालांकि, अभी इस दावे की WHO की तरफ से पुष्टि होनी बाकी है।
विश्वास न्यूज़ ने स्टीम थेरेपी और कोरोना वायरस से जुड़े इस वायरल दावे की पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए राम सागर मिश्र कंबाइंड अस्पताल के एक्सपर्ट डॉक्टर सुमित से संपर्क किया। इस अस्पताल को एल-2 कोविड-19 अस्पताल का दर्जा प्राप्त है। डॉक्टर सुमित ने स्पष्ट बताया कि इस वायरल मैसेज का दावा फर्जी है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे मैसेज पर भरोसा न करें। ये गलत उद्देश्य से फैलाए जा रहे हैं। स्टीम थेरेपी से कोरोना वायरस को मारना संभव नहीं है। कोई भी इस तरह का मैसेज न फैलाए।’
कोरोना और स्टीम थेरेपी के इस दावे को भैराराम सियोल फैन औसियाँ नाम के फेसबुक पेज से शेयर किया गया है। फैक्ट चेक किए जाने तक इस पेज को 33290 लोग फॉलो कर रहे थे।
Disclaimer: विश्वास न्यूज की कोरोना वायरस (COVID-19) से जुड़ी फैक्ट चेक स्टोरी को पढ़ते या उसे शेयर करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि जिन आंकड़ों या रिसर्च संबंधी डेटा का इस्तेमाल किया गया है, वह परिवर्तनीय है। परिवर्तनीय इसलिए ,क्योंकि इस महामारी से जुड़े आंकड़ें (संक्रमित और ठीक होने वाले मरीजों की संख्या, इससे होने वाली मौतों की संख्या ) में लगातार बदलाव हो रहा है। इसके साथ ही इस बीमारी का वैक्सीन खोजे जाने की दिशा में चल रहे रिसर्च के ठोस परिणाम आने बाकी हैं और इस वजह से इलाज और बचाव को लेकर उपलब्ध आंकड़ों में भी बदलाव हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि स्टोरी में इस्तेमाल किए गए डेटा को उसकी तारीख के संदर्भ में देखा जाए।
निष्कर्ष: स्टीम थेरेपी से कोरोना वायरस के मर जाने का वायरल दावा गलत है। WHO और CDS, दोनों में से किसी ने स्टीम थेरेपी को कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज नहीं माना है।
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