वायरल सीसीटीवी फुटेज श्रीलंका का है। इसका केरल से कोई वास्ता नहीं है। दो साल से ज्यादा पुराने इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावा किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज की क्लिप को वायरल करते हुए उसे सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। इसमें टोपी पहने एक व्यक्ति दूसरे शख्स पर रॉड से वार कर रहा है। इससे दूसरा शख्स नीचे गिर जाता है। कुछ देर में वहां मौजूद लोग उसे ऑटो में ले जाते हैं, जबकि हमलावर वहां से आराम से चला जाता है। इस फुटेज को शेयर कर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो केरल का है, जहां मुस्लिम हिंदुओं को इस तरह से मारकर हादसे का रूप दे देते हैं। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल सीसीटीवी फुटेज श्रीलंका की है। इसका केरल से कोई संबंध नहीं है। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावा किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +919599299372 पर हमें यह वीडियो चेक करने के लिए मिला। इसके साथ में लिखा है,
इस तरह से जेहादियों द्वारा हिन्दुओं को मार कर एक्सीडेंट (Accident) का रूप दे दिया जाता है केरला मे…
अगर CCTV ना होता तो इसके खिलाफ सबूत भी नहीं होता…
ट्वटिर यूजर मुन्ना यादव (आर्काइव लिंक) और फेसबुक यूजर मृत्युंजय कुमार (आर्काइव लिंक) ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ पोस्ट किया।
वायरल सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें 22 फरवरी 2021 का समय दिया गया है। मतलब यह हाल-फिलहाल का नहीं है।
इसके बाद वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे यांडेक्स रिवर्स इमेज से सर्च किया। टीजीस्टेट डॉट कॉम पर 26 सितंबर 2022 को यह वीडियो अपलोड किया गया है। इसमें रशियन भाषा में कैप्शन लिखा है। इसका अनुवाद करने पर पता चला कि यह वीडियो श्रीलंका का है।
और अधिक सर्च करने पर हमें 16 मई 2023 को ट्वटिर यूजर उपेंद्र पाठक (आर्काइव लिंक) द्वारा शेयर किया वायरल वीडियो मिला। इसमें भी वीडियो श्रीलंका का बताया गया है। हालांकि, यूजर ने इसे सांप्रदायिक रंग देते हुए इसको 2020 के आसपास का बताया है।
एक्सीडेंट प्रीवेंशन फर्स्ट फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो को 26 फरवरी 2021 को अपलोड किया है। यूजर ने वीडियो को कैंडी, गलाहा क्षेत्र का बताया है।
श्रीलंका अन्लॉक्ड यूट्यूब चैनल के अनुसार, गलाहा श्रीलंका में है। यह कैंडी जिले में हैं और सेंट्रल प्रोविंस में है।
इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने श्रीलंका के वरिष्ठ पत्रकार एपी माथन से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, “यह वीडियो श्रीलंका का ही है। यह करीब दो साल पुराना है। हमला करने वाला शख्स मानसिक रूप से कमजोर था। पीड़ित को अस्पताल ले जाया गया था। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।”
वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले ट्विटर यूजर मुन्ना यादव की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर की लोकेशन उत्तर प्रदेश दी गई है। अप्रैल 2021 में बने इस अकाउंट के 17 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है।
निष्कर्ष: वायरल सीसीटीवी फुटेज श्रीलंका का है। इसका केरल से कोई वास्ता नहीं है। दो साल से ज्यादा पुराने इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गलत दावा किया जा रहा है।
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