Fact Check : फिर वायरल हुई सोनिया गांधी के एडिटेड बुक शेल्फ की तस्वीर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोनिया गांधी की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असली तस्वीर में उनके पीछे कोई दूसरी किताब रखी हुई थी, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर बदल दिया गया।

नई दिल्ली(विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उनके बुक शेल्फ में  “हाउ टू कन्वर्ट इंडिया इनटू ए क्रिश्चियन नेशन” नाम की एक किताब रखी हुई है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असली तस्वीर में उनके पीछे कोई दूसरी किताब रखी हुई थी, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर बदल दिया गया।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर मेरा भारत ने 21 जून 2024 को वायरल फोटो को शेयर किया है। फोटो पर लिखा हुआ है, जूम करके दाहिनी तरफ देखें। एक पुस्तक जिसका शीर्षक है ” भारत को ईसाई राष्ट्र कैसे बनाया जाए”। किसी और प्रमाण की आवश्यकता है?

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमने पाया कि यह दावा पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। साल 2023 में भी यह दावा वायरल हुआ था। उस दौरान हमने दावे की जांच कर सच्चाई सामने रखी थी। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ें।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा वीडियो कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 27 अक्टूबर 2020 को शेयर किया गया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि उनके पीछे बुक शेल्फ में  “हाउ टू कन्वर्ट इंडिया इनटू ए क्रिश्चियन नेशन” इस तरह की कोई किताब नहीं रखी हुई है, जिसके बाद ये साफ होता है कि तस्वीर को एडिट कर तैयार किया गया है। वीडियो में सोनिया गांधी अक्टूबर 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के लोगों को संबोधित करते हुए राज्य में इकोनॉमी व बेरोजगारी की स्थिति के बारे में बात कर रही हैं।

अधिक जानकारी के लिए हमने कांग्रेस प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। फोटो को एडिट कर गलत दावे के साथ सोनिया गांधी की छवि खराब करने के लिए शेयर किया जा रहा है। विपक्षी दल दुष्प्रचार की मंशा से इस तस्वीर को वायरल कर रहे हैं।

अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। 

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोनिया गांधी की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर को एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असली तस्वीर में उनके पीछे कोई दूसरी किताब रखी हुई थी, जिसे दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर बदल दिया गया।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

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