Fact Check: G-20 में बाइडेन की बुलाई आपात बैठक में भारत को शामिल नहीं किए जाने का दावा भ्रामक
जी-20 की बैठक में नाटो सदस्य देश पोलैंड पर मिसाइल गिरने की घटना सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने जी-7 और नाटो सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई थी और भारत इस बैठक में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि वह इन दोनों ही समूहों में से किसी का भी सदस्य नहीं है। इसलिए यह दावा भ्रामक और दुष्प्रचार है कि भारत के वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ने की वजह से उसे इस आपात बैठक में नहीं बुलाया गया।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Nov 28, 2022 at 05:36 PM
- Updated: Nov 30, 2022 at 04:52 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इंडोनेशिया के बाली में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद सोशल मीडिया पर इस बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से बुलाई गई आपात बैठक की एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि जी-20 के दौरान बाइडेन ने जो आपात बैठक बुलाई, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाया गया।
हमने पाया कि वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पोलैंड पर मिसाइल गिरने का मामला सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने नाटो (NATO) और जी-7 देशों की आपात बैठक बुलाई थी। भारत जी-7 और नाटो दोनों ही गठबंधन में से किसी का सदस्य नहीं है, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में शामिल नहीं हुए। यह कहना गलत और दुष्प्रचार है कि बाइडेन ने भारत को दरकिनार करते हुए जी-20 के दौरान आपात बैठक बुलाई, जिसमें मोदी को शामिल होने का न्यौता नहीं दिया गया।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Sanjeevan Toppo’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”G20 में बाइडेन ने बुलाई आपात बैठक- भारत के तथाकथित विश्वगुरु गायब!”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है। अशोक स्वेन ने भी इस तस्वीर को अपने ट्विटर प्रोफाइल से शेयर किया है।
पड़ताल
वायरल तस्वीर कई न्यूज रिपोर्ट्स में लगी मिली। 16 नवंबर 2022 की CNN की रिपोर्ट के मुताबिक नाटो गठबंधन के सदस्य देश पोलैंड पर मिसाइल गिरने की खबर सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जी-7 और सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई, जिसमें बाइडेन के अलावा कनाडा, यूरोपीय यूनियन, स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, नीरदरलैंड और जापान शामिल हुए।
इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर न्यूज एजेंसी एपी की 16 नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, पोलैंड पर मिसाइल गिरने के बाद बाइडेन ने जी-7 और नाटो नेताओं की आपात बैठक बुलाई। इस मिसाइल हमने में पोलैंड के दो नागरिकों की मौत हो गई थी। अन्य न्यूज रिपोर्ट में भी जी-7 और नाटो की बैठक का जिक्र है।
नाटो यानी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन, वास्तव में एक सैन्य गठबंधन है, जिसके कुल 30 सदस्य हैं। नाटो की वेबसाइट पर इसके सभी सदस्यों की जानकारी दी गई है और भारत इस सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
नाटो का मुख्यालय ब्रसेल्स में है और इसके गठबंधन के सदस्य देश बाहरी हमले के खिलाफ एक-दूसरे के सहयोग के सिद्धांत का पालन करते हैं। सरल शब्दों में कहा जाए तो नाटो के किसी सदस्य देश पर हमला नाटो पर हमला माना जाएगा।
बाइडेन की तरफ से बुलाई गई बैठक में नाटो के अलावा जी-7 के सदस्य देश भी शामिल हुए थे। जी-7 यानी ग्रुप ऑफ सेवन दुनिया की सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं का संगठन है, जिसके सदस्य देशों में फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा शामिल हैं।
इससे पहले यह जी-8 हुआ करता था लेकिन 2014 में रूस की तरफ से क्रीमिया को अपने क्षेत्र में मिलाए जाने के बाद जी-8 से इसकी सदस्या चली गई और अब यह समूह जी-7 हो चुका है।
हमारी जांच से यह स्पष्ट है कि भारत न तो जी7 और न ही नाटो गठबंधन का हिस्सा है और बाइडेन ने जो मीटिंग बुलाई थी, वह जी7 और नाटो सदस्य देशों की बैठक थी, क्योंकि पोलैंड नाटो गठबंधन का हिस्सा है। इसलिए यह कहना गलत है कि भारत को इस बैठक से दूर रखा गया। प्रोटोकॉल के मुताबिक, भारत इस बैठक का हिस्सा नहीं हो सकता था।
विश्वास न्यूज ने इस दावे को लेकर पूर्व राजनयिक और विदेश मामलों के जानकार विवेक काटजू से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि भारत न तो जी-7 और न ही नाटो गठबंधन का हिस्सा है और बाइडेन ने जो बैठक बुलाई थी वह नाटो सदस्य पोलैंड पर गिरे मिसाइल के बाद जी-7 और नाटो सदस्य देशों की बैठक थी। इसमें भारत कैसे शामिल हो सकता था। प्रोटोकॉल के मुताबिक इस बैठक में केवल नाटो और जी-7 सदस्य देश ही शामिल हो सकते थे, क्योंकि उन्हीं के लिए बैठक बुलाई गई थी।
संदर्भ को स्पष्ट करने के लिए हमने नाटो और जी-7 की बैठकों की पुरानी तस्वीरों को खंगाला। आउटलुक की 1 जुलाई 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों के नेताओं की दो अहम बैठक हुई। पहली बैठक जर्मनी में जी-7 की हुई, वहीं दूसरी बैठक मैड्रिड में नाटो देशों की हुई।
नाटो की बैठक (29-30 जून को) स्पेन के मैड्रिड में हुई, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, तुर्की समेत 30 सदस्य देशों ने भाग लिया। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने अपनी आधारिक प्रोफाइल से इस बैठक की तस्वीर को साझा किया है।
उपरोक्त दी गई जानकारी और जी-7 और नाटो की हालिया बैठक की तस्वीरें साफ-साफ बता रही है, भारत इन दोनों में से किसी भी गठबंधन का सदस्य नहीं है। इसलिए जब जी-20 बैठक के दौरान पोलैंड (नाटो का सदस्य देश) पर मिसाइल गिरने की घटना सामने आई तो बाइडेन ने जी-7 और नाटो के सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई। भारत का इस बैठक में शामिल नहीं होना प्रोटोकॉल के मुताबिक था, न कि वैश्विक स्तर पर अलग-थलग किए जाने का।
निष्कर्ष: जी-20 की बैठक में नाटो सदस्य देश पोलैंड पर मिसाइल गिरने की घटना सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने जी-7 और नाटो सदस्य देशों की आपात बैठक बुलाई थी और भारत इस बैठक में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि वह इन दोनों ही समूहों में से किसी का भी सदस्य नहीं है। इसलिए यह दावा भ्रामक और दुष्प्रचार है कि भारत के वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ने की वजह से उसे इस आपात बैठक में नहीं बुलाया गया।
- Claim Review : जी 20 में बुलाई गई आपात बैठक में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को नहीं मिला आमंत्रण
- Claimed By : FB USER-Sanjeevan Toppo
- Fact Check : भ्रामक
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