Fact Check: छह माह पुरानी किसान की इस तस्वीर का दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है
वायरल तस्वीर का दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।
- By: Amanpreet Kaur
- Published: Jan 11, 2021 at 06:50 PM
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें नीली पगड़ी में एक बुजुर्ग सड़क पर पत्थरों के बीच पड़ा नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि मौजूदा किसान आंदोलन में इस किसान की मौत हो गई है।
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर की पड़ताल की और पाया कि तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसानों के आंदोलन में आए दिन किसानों की मौत हो रही है, लेकिन वायरल तस्वीर का इस किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पेज जाट नी माडा जाट के शोंक माड़े ने यह तस्वीर पोस्ट की है। इसके साथ कैप्शन में लिखा गया है: आज एक और किसान आंदोलन में शहीद हो गया शहीद किसान को सत सत नमन जीतेगा किसान हारेगा अभिमान
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें जगरांव से आम आदमी पार्टी की विधायक सर्वजीत कौर मानुके के फेसबुक पर वायरल तस्वीर व कुछ और तस्वीरें मिलीं। 1 जुलाई 2020 को किए गए इस पोस्ट के साथ मानुके ने लिखा था कि बठिंडा में श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट के बंद होने और कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल से अपनी मांगें पूरी करवाने के लिए प्रदर्शन करते हुए किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता की मौत हो गई।
हमने इंटरनेट पर श्री गुरु नानक देव थर्मल प्लांट और किसान की मौत के बारे में सर्च किया तो हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। इन रिपोर्ट्स के अनुसार, तस्वीर में नजर आ रहे किसान का नाम जोगिंदर सिंह था और वह संगरूर जिले के चीमा गांव का रहने वाला था। थर्मल प्लांट के बंद होने पर धरना देते हुए इस किसान ने खुदकुशी कर ली थी।
हमने पुष्टि के लिए वायरल तस्वीर बठिंडा में दैनिक जागरण के रिपोर्टर गुरतेज सिंह सिद्धू को भेजी। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर उस किसान की है, जिसने बठिंडा में थर्मल प्लांट को बंद करने के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए खुदकुशी कर ली थी। इस तस्वीर का दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक पर वायरल पोस्ट जाट नी माडा जाट के शोंक माड़े नामक पेज पर शेयर की गई है। इस पेज की प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि खबर लिखे जाने तक इस पेज के 29806 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीर का दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।
- Claim Review : किसान आंदोलन में मृत एक किसान की तस्वीर
- Claimed By : FB Page: जाट नी माडा जाट के शोंक माड़े
- Fact Check : झूठ
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