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Fact Check: सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर ने कहा, दवा की यह पर्ची उन्होंने नहीं लिखी

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह प्रिस्क्रिप्शन फर्जी है। डॉक्टर राज कमल अग्रवाल ने हमसे बात करते हुए कन्फर्म किया कि यह प्रिस्क्रिप्शन उन्होंने नहीं लिखा है और किसी ने उनके लेटरहेड का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के बगैर लेने से भी मना किया है।

  • By: Pallavi Mishra
  • Published: Jun 12, 2020 at 05:35 PM
  • Updated: Jun 12, 2020 at 05:38 PM

नई दिल्‍ली विश्‍वास न्‍यूज। विश्वास न्यूज़ को वॉट्सऐप पर एक पोस्ट मिला, जिसमें यह दावा किया गया कि दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोने और मास्क पहनने के अलावा कोविड-19 से बचाव के लिए दवाओं की एक सूची जारी की है। यह प्रिस्क्रिप्शन सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर राज कमल अग्रवाल के लेटर हेड पर लिखा गया है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह प्रिस्क्रिप्शन फर्जी है। डॉक्टर राज कमल अग्रवाल ने कन्फर्म किया कि यह प्रिस्क्रिप्शन उन्होंने नहीं लिखा है और किसी ने उनके लेटरहेड का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के बगैर लेने से भी मना किया है।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल पोस्ट में सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर राज कमल अग्रवाल के लेटर हेड पर लिखा एक प्रिस्क्रिप्शन है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोने और मास्क पहनने के अलावा बचाव के लिए दवाओं की एक सूची देखी जा सकती है। पोस्ट में कोविड-19 के हल्के लक्षण होने पर इन दवाओं को लेने को कहा गया है।

हमें यह मैसेज वॉट्सऐप पर मिला था मगर ढूंढ़ने पर हमें यह पोस्ट फेसबुक पर भी मिला।

फेसबुक की इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहांं देखा जा सकता है।

पड़ताल

पोस्ट की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इस खबर को इंटरनेट पर ढूंढा। हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली मगर सर गंगा राम हॉस्पिटल के ट्विटर अकाउंट से किया गया एक ट्वीट मिला। ट्वीट में इस वायरल तस्वीर के ऊपर फेक की स्टैम्प लगी थी और डिक्रिप्शन में लिखा था, “यह हमारे संज्ञान में लाया गया है कि किसी ने एक नकली फोटो प्रसारित की है, जिसमें डॉक्टर के जाली हस्ताक्षर हैं। #SGRHIndia का इस तरह के संदेशों से कोई ताल्लुक नहीं है।”

इसके बाद हमने सर गंगा राम हॉस्पिटल के पब्लिक रिलेशन मैनेजर अजोय सहगल से फ़ोन पर बात की। उन्होंने इस पोस्ट को फेक बताया और कहा कि इस विषय में हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने एक स्टेटमेंट भी जारी किया है।

इस स्टेटमेंट में लिखा है, “डॉ. आर.के. अग्रवाल के प्रिस्क्रिप्शन पैड पर नकली जनरलाइज़्ड नुस्खे लिख दिए गए हैं। डॉ अग्रवाल, सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली में सीनियर कंसल्टेंट, एनेस्थीसिया के पद पर कार्यरत हैं । किसी ने उनके लेटर हेड का दुरुपयोग किया है। जनहित में यह तुरंत सूचित किया जाता है कि ये सभी दवाएं कोविड -19 से पीड़ित रोगी को केवल डॉक्टरों के पर्चे पर दी जा सकती हैं, क्योंकि कुछ रोगियों में ये दवाएं हृदय, गुर्दे, आंखों आदि से संबंधित गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती हैं। किसी को भी इन दवाओं को नहीं लेना चाहिए। डायरेक्टर – चिकित्सा सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली”

इसके बाद हमने डॉक्टर राज कमल अग्रवाल से बात की। उन्होंने कहा, “यह मेरी हैंडराइटिंग नहीं है। किसी ने मेरे लेटरहेड का गलत इस्तेमाल किया है। कृपया बिना डॉक्टर की एडवाइस के इन दवाइओं का सेवन न करें।”

वायरल पोस्ट में COVID-19 रोगियों के संपर्क में आने वाले लोगों के लिए हाइड्रोक्सीइक्लोरोक्वीन, विटामिन सी, जिंक, क्रोसिन, केपोलिन, सेट्रीज़ीन और एक खांसी की दवाई की लिस्ट दी गई है। यह दवाएं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा कोविड 19 के रोगियों या माइल्ड सिम्पटम्स वाले लोगों को दी ज़रूर जाती हैं मगर इन्हे बिना डॉक्टर की सलाह के लेना घातक हो सकता है।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) एक मरीज की मेडिकल हिस्ट्री को समझने के बाद ही दी जाती है। ICMR की नई गाइडलाइन्स के अनुसार, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन कोविड 19 रोगियों के उच्च-जोखिम वाले संपर्कों को दी जा सकती है मगर इसे केवल एक रजिस्टर्ड चिकित्सक से कंसल्ट करने के बाद ही लिया जा सकता है।

इस पोस्ट को फेसबुक पर Paramjeet Lal Mal नाम के एक यूजर ने शेयर किया था। प्रोफ़ाइल के अनुसार यूजर नोएडा में रहते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह प्रिस्क्रिप्शन फर्जी है। डॉक्टर राज कमल अग्रवाल ने हमसे बात करते हुए कन्फर्म किया कि यह प्रिस्क्रिप्शन उन्होंने नहीं लिखा है और किसी ने उनके लेटरहेड का गलत इस्तेमाल किया है। उन्होंने इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के बगैर लेने से भी मना किया है।

  • Claim Review : Please Follow these instructions seariosly. Circular issued by Sir Ganga Ram Hospital ,New Delhi for everyone.
  • Claimed By : Paramjeet Lal Mal
  • Fact Check : झूठ
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