वायरल फोटो में दिख रही युवती का नाम शुभा है। उसने प्रेमी के साथ मिलकर अपने मंगेतर की हत्या कर दी थी। दुष्कर्मियों की हत्या करने वाला दावा गलत है। इस हत्याकांड में उसे और उसके प्रेमी व अन्य सहयोगियों को उम्रकैद की सजा हुई थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें एक महिला सिपाही के साथ एक युवती है। इस पर लिखा है कि इस युवती ने अपने साथ रेप करने वाले दो युवकों की हत्या की है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि फोटो के साथ भ्रामक दावा किया जा रहा है। दरअसल, तस्वीर में दिख रही युवती ने दुष्कर्मियों की नहीं, बल्कि अपने मंगेतर की हत्या की थी। इस मामले में कोर्ट ने युवती को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
फेसबुक यूजर Ashish Pandey (आर्काइव लिंक) ने 25 जून को स्क्रीनशॉट किया। इस पर लिखा है,
हिन्दू—वीरों इस लड़की ने दो लोगों की हत्या की है क्योंकि उन्होंने इसके साथ बलात्कार किया था।आपकी नजर में ये सही है या गलत। मेरी नजर मैं इसने बिल्कुल सही किया।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें deccanherald पर 4 नवंबर 2010 को छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल तस्वीर भी अपलोड की गई है। युवती का नाम शुभा है। शुभा और उसके तीन साथियों ने गिरीश की हत्या की थी। कोर्ट ने चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
1 मार्च 2020 को newindianexpress में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, सॉफ्टवेयर इंजीनियर गिरीश और उसकी मंगेतर शुभा रेस्त्रां में खाना खाने गए। वहां से लौटते समय वे रिंग रोड पर एयर व्यू प्वाइंट पर रुक गए। उस समय गिरीश के सिर पर किसी ने वार कर दिया। शुभा ने गिरीश को अस्पताल पहुंचाया, वहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में कानून की छात्रा शुभा, उसके प्रेमी अरुण वर्मा, चचेरे भाई दिनेश उर्फ दिनाकरन और दोस्त वेंकटेश को गिरफ्तार किया था। हत्या के करीब 50 दिन बाद इनकी गिरफ्तारी हुई थी। जांच में पता चला था कि शुभा ने प्रेमी के साथ मिलकर मंगेतर की हत्या की साजिश रची थी। मई 2010 में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों को हत्या का दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने जुलाई 2010 में आदेश को बरकरार रखा था। अगस्त 2014 में उसको जमानत मिल गई थी।
12 अगस्त 2014 को timesofindia में छपी खबर के अनुसार, 3 दिसंबर 2003 को शुभा और गिरीश डिनर पर गए थे। रिंग रोड पर जंबो प्वाइंट के पास एयरक्राफ्ट को देखने के लिए उन्होंने अपनी बाइक रोकी थी। जब गिरीश एयरक्राफ्ट देख रहा था, तब किसी शख्स ने उसके सिर पर वार कर दिया था। इसके बाद हमलावर वहां खड़ी एक अन्य बाइक से भाग गया था। शुभा गिरीश को अस्पताल ले गई थी, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस जांच में पता चला था कि शुभा अरुण से प्यार करती थी। उसकी इच्छा के विरुद्ध गिरीश से उसकी सगाई हुई थी। इसके बाद दोनों ने गिरीश की हत्या की साजिश रची। हत्या करने के लिए अरुण ने वेंकटेश को सुपारी दी थी। उसके भाई दिनाकरन ने इसमें दोषियों की मदद की थी।
इस बारे में बेंगलुरु के पत्रकार संजय पांडे का कहना है, ‘सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज फेक है। फोटो में दिख रही युवती का नाम शुभा है। उसने अपने मंगेतर की हत्या की थी।‘
यह तस्वीर पहले भी इस तरह के दावे के साथ वायरल हो चुकी है। विश्वास न्यूज की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘आशीष पांडे‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह इलाहाबाद में रहते हैं और जुलाई 2020 से फेसबुक पर सक्रिय हैं।
निष्कर्ष: वायरल फोटो में दिख रही युवती का नाम शुभा है। उसने प्रेमी के साथ मिलकर अपने मंगेतर की हत्या कर दी थी। दुष्कर्मियों की हत्या करने वाला दावा गलत है। इस हत्याकांड में उसे और उसके प्रेमी व अन्य सहयोगियों को उम्रकैद की सजा हुई थी।
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