Fact Check : शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट ने हज के लिए नहीं दिए 35 करोड़ रुपये, फर्जी मैसेज फिर से वायरल

शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट ने हज के लिए 35 करोड़ रुपये नहीं दिए हैं। संस्थान के सीईओ और जनसंपर्क अधिकारी इस मैसेज को फर्जी बता चुके हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट के नाम से एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट ने मुस्लिमों को हज करने के लिए 35 करोड़ रुपये की सौगात दी है। इस मैसेज को कुछ यूजर्स भड़काऊ बयान के साथ शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल मैसेज गलत है। शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट ने हज के लिए कोई रुपये नहीं दिए हैं।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया। इसमें लिखा है,

“शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट ने मुस्लिमों को हज करने के लिए दिए ₹350000000 की सौगात जो हमारे हिंदू भाई शिरडी साईं मंदिर में जाकर दान करते हैं आज देखें वही हमारा दान का पैसा मुस्लिमों के हज यात्रा के लिए दिया जा रहा है पर राम मंदिर के लिए मना कर दिया था । हे मेरे हिंदू भाइयों अभी भी वक्त है आप अपनि आँखे खोलो और इन सब षड्यंत्रों को समझो , कृपया चांद मिया साईं के मंदिर मैं कोई भी पैसा ना चढ़ाएं।”

फेसबुक यूजर Manoj Vohra (आर्काइव लिंक) ने भी 17 फरवरी को इस दावे को शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया, लेकिन इस दावे की पुष्टि करने वाली कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।

श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट की वेबसाइट पर भी ऐसी कोई जानकारी नहीं मिले, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके।

ट्रस्ट के एक्स हैंडल पर भी इस बारे में कोई पोस्ट नहीं की गई है। अगर ऐसा होता तो किसी पोस्ट के जरिए जानकारी जरूर दी जाती।

ट्रेस्ट के फेसबुक और इंस्टाग्राम हैंडल पर भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है।

ईटीवी भारत की वेबसाइट पर 24 अप्रैल 2023 को मराठी में छपी खबर में लिखा है, “अहमदनगर जिले के साईं संस्थान को बदनाम करने के लिए फर्जी प्रसारित किया जा रहा है कि संस्थान ने हज के लिए 35 करोड़ रुपये का दान दिया है। संस्थान के सीईओ राहुल जाधव का कहना है कि वे इस तरह का दुष्प्रचार करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। संस्थान के संविधान में इस तरह के फंड का कोई प्रावधान नहीं है। 2004 से राज्य सरकार के नियंत्रण में रहने वाला संस्थान राज्य सरकार और 2013 से हाई कोर्ट की पूर्वानुमति के बिना कुछ नहीं करता है। हाईकोर्ट के नियंत्रण में कार्य करने वाला यह संस्थान जिला मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में कार्य कर रहा है। प्रत्येक निर्णय की घोषणा हाई कोर्ट और राज्य सरकार की मंजूरी के साथ वेबसाइट पर की जाती है।”

इससे पहले भी इस तरह का मैसेज वायरल हो चुका है। उस समय विश्वास न्यूज ने शिरडी साईं ट्रस्‍ट के जनसंपर्क अधिकारी तुषार सुदम शेल्‍के से संपर्क किया था। उन्होंने कहा था, “संस्‍थान ने इस तरह का कोई डोनेशन नहीं दिया है। हज कमेटी को 35 करोड़ रुपये दान देने की बात गलत है।

फर्जी मैसेज शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। लुधियाना के रहने वाले यूजर के करीब 2600 फॉलोअर्स हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: शिरडी साईं मंदिर ट्रस्ट ने हज के लिए 35 करोड़ रुपये नहीं दिए हैं। संस्थान के सीईओ और जनसंपर्क अधिकारी इस मैसेज को फर्जी बता चुके हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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