Fact Check: शरजील इमाम व सफूरा जरगर को आरोपमुक्त करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट ने आंशिक रूप से पलट दिया था, भ्रामक दावा वायरल
जामिया हिंसा के एक मामले में साकेत कोर्ट ने 4 फरवरी 2023 को शरजील इमाम व सफूरा जरगर समेत 11 आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 मार्च 2023 को निचली अदालत के फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया था। वायरल पोस्टकार्ड भी फरवरी 2023 का है, हाल का नहीं।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: May 1, 2023 at 05:01 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जामिया हिंसा के आरोपी शरजील इमाम और सफूरा जरगर समेत 11 लोगों को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्टकार्ड वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम और सफूरा जरगर समेत 11 आरोपियों को रिहा कर दिया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि साकेत कोर्ट ने 4 फरवरी 2023 को शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तन्हा, सफूरा जरगर और आठ अन्य को आरोपमुक्त कर दिया गया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 मार्च 2023 को निचली अदालत के इस फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया था। सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टकार्ड फरवरी 2023 का है, हाल का नहीं। इसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर ‘नासिर खान दिहाना‘ (आर्काइव लिंक) ने 27 अप्रैल को पोस्टकार्ड शेयर करते हुए लिखा,
“जामिया हिंसा मामले में “शरजील इमाम” सफूरा जरगर” समेत 11 आरोपियों को कोर्ट ने बरी करते हूए कहा असली गूनहगारों को नही पकड़ सकी पुलिस.. और इन्हें बली का बकरा बनाया गया..!”
ट्विटर यूजर मोहम्मद हुसैन (आर्काइव लिंक) ने भी 27 अप्रैल को इस पोस्टकार्ड को ट्वीट किया है।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। 4 फरवरी 2023 को इकोनॉमिक टाइम्स की वेबसाइट पर इस बारे में खबर छपी है। इसके अनुसार, “दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने के कुछ वर्षों बाद शारजील इमाम को 2019 तक के सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। जामिया नगर थाने में 2019 में दर्ज मामले में शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा को शनिवार को दिल्ली की एक अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने यह आदेश दिया।”
4 फरवरी 2023 को एएनआई में छपी रिपोर्ट में लिखा है कि साकेत कोर्ट ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम, सफूरा जरगर और आसिफ इकबाल तन्हा को हिंसा के एक मामले में डिस्चार्ज कर दिया। एडिशनल जज अरुल वर्मा ने 12 में से 11 आरोपियों को आरोपमुक्त करने का आदेश दिया। 13 दिसंबर 2019 को हिंसा के मामले में जामिया पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था।
28 मार्च 2023 को आज तक में छपी खबर के मुताबिक, “दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में निचली अदालत के फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया है। निचली अदालत ने 11 आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया था। इसके बाद शरजील इमाम, आसिफ तन्हा, सफूरा जरगर और छह अन्य को आरोपों का सामना करना पड़ेगा। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 2019 में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। जामिया इलाके में हुई हिंसा के आरोपी शरजील और सफूरा समेत अन्य आरोपियों को निचली अदालत ने बरी कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने इसको चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।”
28 मार्च 2023 को न्यूज 18 में भी इस बारे में खबर छपी है। इसमें लिखा है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया हिंसा मामले के आरोपियों शरजील इमाम, सफूरा जरगर और आशिफ इकबाल तन्हा समेत 9 आरोपियों को झटका दिया है। निचली अदालत ने 11 आरोपियों को रिहा कर दिया था, लेकिन अब हाईकोर्ट ने नौ आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है।
कीवर्ड से सर्च करने पर हमें 4 फरवरी 2023 को बोलता हिन्दुस्तान के ट्विटर अकाउंट से किया गया ट्वीट मिला। इसमें वायरल पोस्टकार्ड को देखा जा सकता है।
इस बारे में हमने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट रुद्र विक्रम सिंह से बात की। उनका कहना है, “यह आदेश ट्रायल कोर्ट ने फरवरी में दिया था। बाद में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया था।“
भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर ‘नासिर खान दिहाना‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर हरियाणा के नूह का रहने वाला है। यूजर के करीब 4900 फ्रेंड्स हैं और वह एक विचारधारा से प्रभावित है।
निष्कर्ष: जामिया हिंसा के एक मामले में साकेत कोर्ट ने 4 फरवरी 2023 को शरजील इमाम व सफूरा जरगर समेत 11 आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया था, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने 28 मार्च 2023 को निचली अदालत के फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया था। वायरल पोस्टकार्ड भी फरवरी 2023 का है, हाल का नहीं।
- Claim Review : जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम और सफूरा जरगर समेत 11 आरोपियों को रिहा कर दिया गया है।
- Claimed By : FB User- नासिर खान दिहाना
- Fact Check : भ्रामक
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