Fact Check: रामदेव पीर की समाधि के प्रतिरूप पर श्रद्धासुमन अर्पित करते शंकराचार्य की पुरानी फोटो को मजार की बताया जा रहा
दिल्ली में रामदेव पीर की समाधि के प्रतिरूप पर श्रद्धासुमन अर्पित करते शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Jan 19, 2024 at 06:04 PM
- Updated: Jul 26, 2024 at 05:29 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि शंकराचार्य मजार पर श्रद्धासुमन अर्पित करने गए थे।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा फेक है। दरअसल, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने दिल्ली में स्वामी रामदेव पीर की समाधि के प्रतिरूप पर श्रद्धासुमन अर्पित किए थे। उस पुरानी तस्वीर को अब मजार की बताते हुए शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट
विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
फेसबुक यूजर Sanjay Singh (आर्काइव लिंक) ने 16 जनवरी को तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा,
“मुस्लिमों के बीच जाकर मजारों पर फूल चढ़ाने का समय है इन तथाकथित शंकराचार्यों के पास…. बस मंदिर 22 जनवरी नहीं जाना ,500 सालों बाद रामभक्तों के अनेक बलिदानों के बाद बन रहे श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में।। कांग्रेस के पिछलग्गू है ये तथाकथित शंकराचार्य”
पड़ताल
वायरल दावे की जांच के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) हमें ईमंच नाम के फेसबुक पेज पर मिली। 17 जुलाई 2023 को इस तस्वीर के बारे में लिखा है कि वायरल तस्वीर 2006 की है। उस समय दिल्ली में शंकराचार्य ने स्वामी अरविंद के गुरु की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए थे। तस्वीर में सफेद कपड़ों में दिख रहे शख्स स्वामी अरविंद हैं।
सर्च करने पर हमें ज्योर्तिमठ शंकराचार्य के एक्स हैंडल से 16 जनवरी 2024 को पोस्ट (आर्काइव लिंक) किया गया वीडियो मिला। इसमें एक इंटरव्यू के दौरान जब अजमेर शरीफ में चादर चढ़ाने के दावों के बारे में पूछा गया तो शंकराचार्य ने कहा कि वह किसी मजार या दरगाह पर नहीं गए हैं। उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने के मकसद से ऐसा फर्जी दावा किया जा रहा है। जब रामसेतु को लेकर आंदोलन चल रहा था, तब अरविंद स्वामी नाम के व्यक्ति ने उनसे दिल्ली स्थित आश्रम में आने की गुजारिश की थी। वहां संत रामदेव पीर की समाधि का प्रतिरूप बनाकर पूजा की जाती थी। अरविंद स्वामी के कहने पर वह वहां गए थे।
31 दिसंबर 2007 को वन इंडिया में छपी खबर में लिखा है कि रामसेतु को बचाने के लिए दिल्ली में रैली का आयोजन किया गया था।
इस बारे में हमने ईमंच फेसबुक पेज के एडमिन मदन मोहन उपाध्याय से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य रामदेव पीर की समाधि के प्रतिरूप पर गए थे। मजार पर जाने का दावा गलत है।
वहीं, ज्योर्तिमठ के मीडिया प्रभारी संजय पांडे ने भी इस पोस्ट को फेक बताया।
इससे यह तो साफ हो गया कि शंकराचार्य रामदेव पीर की समाधि के प्रतिरूप पर गए थे, लेकिन विश्वास न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है कि यह तस्वीर कब की है।
गलत दावा करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। ठाणे में रहने वाले यूजर के करीब 2300 फ्रेंड्स हैं।
निष्कर्ष: दिल्ली में रामदेव पीर की समाधि के प्रतिरूप पर श्रद्धासुमन अर्पित करते शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- Claim Review : शंकराचार्य मजार पर श्रद्धासुमन अर्पित करने गए थे।
- Claimed By : FB User- Sanjay Singh
- Fact Check : झूठ
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