Fact Check: किडनी कांड में शामिल डॉक्टर का कोरोना मरीजों से कोई कनेक्शन नहीं, फर्जी दावा हो रहा वायरल

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही किडनी रैकेट से जुड़े इस गिरफ्तार डॉक्टर का कोरोना के मरीजों से कोई लेना-देना नहीं है। सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा दावा फर्जी है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कोरोना मरीजों और किडनी रैकेट के दावे से एक स्टोरी वायरल हो रही है। इसमें एक अखबार की न्यूज क्लिप शेयर कर दावा किया जा रहा है कि स्वस्थ आदमी को कोरोना मरीज बताकर किडनी निकालने वाला डॉक्टर गिरफ्तार किया गया है।

विश्वास न्यूज़ को फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यही दावा फैक्ट चेक के लिए मिला। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। किडनी रैकेट से जुड़ी एक अलग न्यूज़ को कोरोना से जोड़ फर्जी तरीके से वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में

ये दावा फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप जैसे प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल है। Ankur Munakhya Kandera नाम के एक फेसबुक यूजर ने इसी वायरल दावे को अपनी फेसबुक वॉल पर पोस्ट किया है। इस पोस्ट में एक अखबार की क्लिपिंग शेयर कर लिखा है, ‘स्वस्थ आदमी को कोरोना पेशेंट बता कर अब तक 125 लोगो का किडनी निकाल कर हत्या करने वाला डॉ देवेन्द्र शर्मा गिरफ्तार ऐसे ना जाने कितने डॉ हमारे आपके बीच मे है जिससे हमलोगो को सतर्क रहना होगा और अपने लोगो का ख्याल रखना होगा किसी भी स्वस्थ इन्सान की कोरोना से मौत होती है तो डॉ द द्वारा लपेटे हुवे बॉडी को चैक जरूर करे👇।’

पोस्ट में लिखी बातों को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले इस पोस्ट के साथ शेयर की गई न्यूज़ क्लिपिंग को जरूरी कीवर्ड्स से गूगल पर सर्च किया। हमें कई सारी प्रामाणिक न्यूज़ रिपोर्ट मिलीं। हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की 1 अगस्त की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वायरल पोस्ट में जिस डॉक्टर का जिक्र है वो किडनी रैकेट चलाने में सजायाफ्ता था। इस खबर को यहां क्लिक कर विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

सर्च के दौरान हमें दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट भी मिली। इस रिपोर्ट में विस्तार से इस आपराधिक घटना के बारे में बताया गया है। इस खबर का स्क्रीनशॉट नीचे शेयर किया गया और यहां क्लिक कर इसे विस्तार से पढ़ा भी जा सकता है।

दैनिक जागरण की इस खबर में अरेस्ट किए गए इस डॉक्टर को अलीगढ़ का रहने वाला बताया गया है। हमने इस संबंध में दैनिक जागरण अलीगढ़ के चीफ रिपोर्टर संतोष कुमार शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस दावे को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने कहा कि ये डॉक्टर स्वस्थ लोगों को कोरोना मरीज बता किडनी निकालने के मामले में अरेस्ट नहीं हुआ। उनके मुताबिक, ये डॉक्टर किडनी रैकेट और मर्डर के दूसरे मामलों में सजायाफ्ता है और पैरोल से निकलने के बाद ये फरार हुआ था। इसके बाद इसे अरेस्ट किया गया।

विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Ankur Munakhya Kandera की प्रोफाइल की सोशल स्कैनिंग की। ये प्रोफाइल फरवरी 2015 में बनाई गई है। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक यूजर चंडीगढ़ का रहने वाला है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही किडनी रैकेट से जुड़े इस गिरफ्तार डॉक्टर का कोरोना के मरीजों से कोई लेना-देना नहीं है। सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा दावा फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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