Fact Check : गोलगप्पे वाले को पीटते पुलिसकर्मी का वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड, सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा शेयर

Fact Check : गोलगप्पे वाले को पीटते पुलिसकर्मी का वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड, सांप्रदायिक रंग देकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर गोलगप्पे बेचते हुए एक शख्स का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक पुलिसवाला आकर गोलगप्पे वाले को लात मारकर नीचे गिरा देता है और उससे पैसे मांगता है। पैसे न देने पर वो उसे पीटने लगता है। फिर एक महिला आकर उसकी मदद करती है। इस घटना को सच समझकर लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। साथ ही दावा कर रहे हैं कि भारत में मुसलमानों की ये स्थिति है और पुलिस वालों पर भी निशाना साधा जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को गलत पाया। असल में वीडियो को जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है।

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर ‘मोहम्मद शेर अली’ ने 3 जुलाई को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “देखें भारत में किस तरह से मुसलमानों के ऊपर जुल्म की जाती हैं। फिर भी हम मुसलमान खूश हैं। क्योंकि अल्लाह पर यकीन हैं, और दिल में शब्र हैं। इसीलिए कोई भी ताकत हमारा कुछ नहीं कर पाता हैं।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/SpeakMdAli/status/1675926996822675456

पड़ताल 


विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए संबंधित कीवर्ड से गूगल सर्च किया। हमें वायरल दावे से जुड़ी इस तरह की घटना की कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली।

हमने इनविड टूल का इस्तेमाल करते हुए वीडियो के कई ग्रैब्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो 26 जून 2023 को 3RD EYE नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह एक सोशल अवेयरनेस वीडियो है। वीडियो में वायरल वीडियो के हिस्से को 11 सेकंड से देखा जा सकता है। वीडियो के अंत में डिस्क्लेमर भी लगा हुआ है कि इस घटना में कोई सच्चाई नहीं है। इसे सिर्फ लोगों को जागरूक करने के लिए शेयर किया जा रहा है।  पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है।

3RD EYE यूट्यूब चैनल को खंगालने पर पता चला कि यह चैनल इसी तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो बनाता है। कई वीडियो मजाकिया तो कई गंभीर मुद्दों पर आधारित होते हैं। ये सभी वीडियो कलाकारों द्वारा बनाए जाते हैं इनका सच्चाई से कोई संबंध नहीं होता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने 3RD EYE पेज को चलाने वाले राहुल कश्यप से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है। यह वीडियो शिक्षा और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है।

पहले भी इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो गलत दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। हर बार विश्वास न्यूज ने गलत दावों की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी है। ऐसे दावों की रिपोर्ट को यहां पर पढ़ें।

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले ट्विटर यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 24 हजार लोग फॉलो करते हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यूजर कोलकाता का रहने वाला है। यूजर दिसंबर 2013 से ट्विटर पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि गोलगप्पे वाले को पीटते पुलिसकर्मी के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा गलत है। वीडियो जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

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