विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो किसी असली घटना का नहीं है। यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो है, इसमें नजर आरहे सभी लोग एक्टर हैं। इस वीडियो को जागरूकता के मकसद से बनाया गया था। हालांकि, इसे फर्जी दावे और धर्म विशेष के खिलाफ प्रोपेगेंडा के तहत फैलाया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है,जिसमें एक पानीपुरी वाला चम्मच से पानी चखता है, फिर उसमें अपने वह अपने हाथ धोता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, आगे वीडियो में उसे इसी गंदे पानी से लोगों को पानीपुरी खिलाते हुए भी देखा जा सकता है। वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह असली मामला है, जहां एक मुस्लिम पानीपुरी वाला इस तरह गंदगी से व्यापार कर रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो किसी असली घटना का नहीं है। यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो है, इसमें नजर आरहे सभी लोग एक्टर हैं। इस वीडियो को जागरूकता के मकसद से बनाया गया था। हालांकि, इसे फर्जी दावे और धर्म विशेष के खिलाफ प्रोपेगेंडा के तहत फैलाया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ”हलाल पानी पूरी।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल लेंस के जरिये वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को सर्च किया। सर्च में हमें ‘संजना गलरानी’ नाम के एक वेरिफाइड हैंडल पर इस वीडियो का 4 मिनट 48 सेकंड लम्बा वर्जन अपलोड हुआ मिला। यहां वीडियो को 8 मई 2024 को अपलोड किया गया है।
यहां वीडियो के साथ दिए गए डिस्क्लेमर के मुताबिक, ‘कृपया ध्यान रखें कि इस पेज पर स्क्रिप्टेड ड्रामा और पैरोडी वीडियो शेयर किये जाते हैं। ये शॉर्ट फिल्म्स केवल मनोरंजन और जागरूकता फैलाने के लिए हैं। इस वीडियो में किरदारों का मकसद मनोरंजन और जागरूकता फैलाना है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने ‘संजना गलरानी’ के इस फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग की। सर्च में हमें इस पेज पर बहुत-से स्क्रिप्टेड वीडियो डिस्क्लेमर के साथ अपलोड हुए मिले।
संजना गलरानी के फेसबुक पेज पर हमें उनके यूट्यूब चैनल का भी लिंक मिला। यहां पर दी गई ‘सुरेश प्रोडक्शन’ की ईमेल आईडी पर हमने संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। हमारे मेल का जवाब देते हुए हमें बताया गया, यह वीडियो आइडियाज़ फैक्ट्री वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड का है। संजना का पेज लोगों को विभिन्न मामलों में जागरूक करने के लिए इस तरह के स्क्रिप्टेड वीडियो पोस्ट करता है। मैं पुष्टि करता हूँ कि यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और यह पूरा कंटेंट आइडियाज़ फैक्ट्री वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड का है।
अब बारी थी फर्जी पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर की तरफ से विचारधारा प्रेरित पोस्ट शेयर की जाती हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो किसी असली घटना का नहीं है। यह एक स्क्रिप्टेड वीडियो है, इसमें नजर आरहे सभी लोग एक्टर हैं। इस वीडियो को जागरूकता के मकसद से बनाया गया था। हालांकि, इसे फर्जी दावे और धर्म विशेष के खिलाफ प्रोपेगेंडा के तहत फैलाया जा रहा है।
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