Fact Check : स्क्रिप्टेड वीडियो को तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर हो रहे हिंसा का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिहार के मजदूरों के नाम पर वायरल तस्वीरों का तमिलनाडु से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है। तमिलनाडु पुलिस ने इस वीडियो को स्क्रिप्टेड बताते हुए एक बयान जारी किया है और कहा है कि फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी। लोग इस स्क्रिप्टेड वीडियो को असली घटना का बताकर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हुए हमले के संबंध में भ्रामक और झूठी खबरें फैलाने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी से जोड़कर कुछ घायल लोगों की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीरें बिहार के मजदूर की हैं, जिन पर तमिलनाडु में हमला किया गया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का तमिलनाडु से कोई संबंध वहीं है। वायरल वीडियो गैर वाजिब मंशा के साथ बनाया गया स्क्रिप्टेड वीडियो है। तमिलनाडु पुलिस ने इस वीडियो को स्क्रिप्टेड बताते हुए एक बयान जारी किया है और कहा है कि फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी। अब लोग इस स्क्रिप्टेड वीडियो को असली घटना का बताकर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर योगी रुपेश पटेल ने 8 मार्च (आर्काइव लिंक) को वायरल पोस्ट को शेयर किया है। यूजर ने तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “तेजस्वी यादव जी चश्मा हटा के इस फोटो को देखिए मजदूरों के चेहरे पर घाव और जिस मीडिया ने रिकॉर्डिंग किया है उसका मोबाइल नंबर भी है।। एक बार बात करके तो देखिए क्या पता आप झूठ बोल रहे हैं और मजदूर सच में तमिलनाडु में परेशान हैं।। साथ ही साथ जातीय जनगणना की बात करते हैं ना तो एक बार इन लोगों से जात भी पूछ लीजिएगा थोड़ा आपको दिल को सुकून मिलेगा।। और हां इन लोगों को जो मार पड़ी है तमिलनाडु में वह सच है कि झूठ इसकी जानकारी तो आपका प्रशासन ही देगा।। लेकिन बिहारी मजदूर बिहार से बाहर जाकर मार खाते हैं भगाए जाते हैं इसके लिए दोषी आप लोग हैं।। एक और बात बोलूं तेजस्वी यादव जी शायद भाषण में झूठ बोलते बोलते आप लोगों को झूठ सुनने का आदत हो गया होगा।। इसलिए मनीष कश्यप का सच आप लोगों को झूठ लगा।। मैं बिहार के मजदूर और गरीबों के बारे में झूठ नहीं फैलाता हूं बल्कि उनका सच्चाई दिखाता हूं और उस सच को आप लोग देखना नहीं चाहते।।”

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने एक तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल पोस्ट से जुड़ा एक वीडियो बीएनआर न्यूज रिपोर्टर हनी नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 6 मार्च 2023 को शेयर किया गया है। डिस्क्रिप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह एक स्क्रिप्टेड ड्रामा है, जिसका मकसद लोगों को जागरूक करना है। यह वीडियो कलाकारों द्वारा तमिलनाडु की घटना से प्रेरित होकर बनाया गया है। इस वीडियो को गंभीरता से ना लिया जाए।

https://www.youtube.com/watch?v=wvNdNnAhBZk

पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक पोस्ट तमिलनाडु पुलिस के आधिकारिक फेसबुक पेज पर मिली। तमिलनाडु पुलिस ने बिहार न्यूज रिपोर्ट्स वायरल तस्वीर से जुड़े एक वीडियो को री-शेयर करते हुए हुए कैप्शन में लिखा है, “अपराधी यह समझ ले कि तुम हमेशा सभी को धोखा नहीं दे सकते। जनता आप दिए गए वीडियो को देखिए और समझिए कि यह घटना जो वीडियो में दिखाया गया है, वह तमिलनाडु में हुआ ही नहीं है। यह वीडियो झूठा और निर्देशित है। कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। द्वारा तमिलनाडु पुलिस।”

विश्वास न्यूज को वायरल वीडियो से जुड़ी एक पोस्ट बिहार पुलिस के आधिकारिक पेज पर मिली। 10 जनवरी 2023 को एक पोस्ट जारी कर पुलिस ने बताया है कि वायरल वीडियो गैर वाजिब मंशा के साथ बनाया गया है। इस पर कार्रवाई की जा रही है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल पोस्ट से जुड़ी एक रिपोर्ट एबीपी की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 9 मार्च 2023 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूबर मनीष कश्यप ने जिन फेक वीडियोज को शेयर किया था, ये वीडियो उनमें से एक था। फेक वीडियोज को शेयर करने और भ्रम फैलाने के आरोप में मनीष कश्यप सहित 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। हालांकि, मनीष कश्यप ने वीडियो को डिलीट कर दिया है, जिसके आर्काइव लिंक को आप यहां पर देख सकते हैं। हमें इससे जुड़ी कई अन्य रिपोर्ट भी मिली।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण, पटना यूनिट के इनपुट हेड अमित आलोक की मदद बिहार के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है। इसे यूट्यूबर मनीष कश्यप ने अपने सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया था। इस पर कार्रवाई करते हुए मनीष कश्यप सहित चार अन्य लोगों पर केस दर्ज किया गया है।

अधिक जानकारी के लिए हमने तमिलनाडु के एक स्थानीय पत्रकार सुरेश मूर्ति से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, तमिलनाडु पुलिस ने भी इसका खंडन किया है।

फेक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘योगी रुपेश पटेल‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह बिहार का रहने वाला है। यूजर को फेसबुक पर 750 लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि बिहार के मजदूरों के नाम पर वायरल तस्वीरों का तमिलनाडु से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है। तमिलनाडु पुलिस ने इस वीडियो को स्क्रिप्टेड बताते हुए एक बयान जारी किया है और कहा है कि फेक न्यूज फैलाने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी। लोग इस स्क्रिप्टेड वीडियो को असली घटना का बताकर गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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