मनोरंजन के उद्देश्य से बनाए गए वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वीडियो में साफ-साफ डिस्क्लेमर दिया गया है कि यह केवल मनोरंजन के लिए बनाया गया है और इसके पात्र काल्पनिक हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। साइबर ठगों द्वारा फोन का डेटा हैक होने का काफी शिकायतें सामने आती हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा वीडियो में दिखाया गया है कि एक दुकानदार लड़कियों के फोन में स्पाई ऐप डालकर उनका डेटा हैक कर लेता है। कछ सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है। यूजर्स स्क्रिप्टेड वीडियो को असली समझकर गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर ‘अग्रवाल समाज किराड़ी‘ (आर्काइव लिंक) ने 21 अगस्त को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
“मोबाइल ठीक करने वाले की करतूत देखो। अपने सारे जान पहचान वाले ग्रुप में भेजो अपने परिवार के बच्चों को भी भेजो और बिल्कुल जान पहचान वाले की दुकान से फोन ठीक करवाओ, जेहादियों से हर तरह बचो”
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें 10 सेकंड पर एक सेकंड के लिए डिस्क्लेमर नजर आया। इसमें लिखा है, “यह वीडियो मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया है। अगर इससे किसी की भावनाएं आहत होती हैं, तो यह मात्र एक संयोग होगा।”
वीडियो में 1:01 मिनट पर भी डिस्क्लेमर आता है। इसमें दिया गया है, “यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और सभी पात्र काल्पनिक हैं।” मतलब यह वीडियो स्क्रिप्टेड है, असली नहीं है।
इस वीडियो के बारे में और जानने के लिए हमने इसके कुछ कीफ्रेम को निकालकर गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। फेसबुक यूजर ‘वी आर भारत न्यूज‘ (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को 29 दिसंबर 2021 को अपलोड किया है। इसके साथ में लिखा है, “जिस APP को इजराइल ने मोदी योगी को यूज करने दिया था अब मोबाइल बनाने वाले आम लोग यूज कर रहे है,”
31 दिसंबर 2021 को इसे फेसबुक यूजर मनोज खंडेलवाल (आर्काइव लिंक) ने भी पोस्ट किया है। इस पोस्ट के कमेंट्स में कुछ यूजर्स ने इसे सच समझकर पुलिस को शिकायत देने की सलाह दी, जबकि कुछ ने इसका डिस्क्लेमर देखने की नसीहत दी।
इससे साफ होता है कि यह स्क्रिप्टेड वीडियो पहले भी वायरल हो चुका है।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) यूजर एंस्ट्रोकाउंसल केके (आर्काइव लिंक) ने भी 22 अगस्त को इस वीडियो को पोस्ट किया है। हमने इसकी अधिक जानकारी के लिए उनसे एक्स पर मैसेज के जरिए संपर्क किया। उनका कहना है, “यह वीडियो स्क्रिप्टेड है। मैंने यह जागरूकता के लिए पोस्ट किया है। अपनी पोस्ट में मैंने इसका जिक्र भी किया है।”
हालांकि, पड़ताल में हमें इसका ऑरिजिनल वीडियो और इसमें शामिल पात्रों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, लेकिन इसकी पुष्टि हो गई कि यह स्क्रिप्टेड है।
अंत में हमने गलत दावा करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर के करीब 2300 फॉलोअर्स हैं और वह एक विचारधारा से प्रभावित हैं।
निष्कर्ष: मनोरंजन के उद्देश्य से बनाए गए वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वीडियो में साफ-साफ डिस्क्लेमर दिया गया है कि यह केवल मनोरंजन के लिए बनाया गया है और इसके पात्र काल्पनिक हैं।
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