विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया एक शख्स का महिला को जबरन रंग लगाने का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि होली के नाम पर शख्स महिला के साथ बदसलूकी करने की कोशिश कर रहा था। फिर लोगों ने शख्स को जमकर पीटा।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बनाया गया है, जिसे अब लोग सच समझकर शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर शिवराज बौद्ध ने 26 मार्च 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “एक कंघी होली के नाम पर अनजान महिला का उत्पीड़न कर रहा था..फिर उस महिला और वहाँ मोजूद लोगों ने कंघी को जमकर पैला।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वायरल वीडियो द ग्रेट खली के आधिकारिक पेज पर 25 मार्च 2024 को अपलोड हुआ मिला। कैप्शन में ध्यान से होली खेलने के लिए कहा गया है। साथ ही सोनिया एथलेटिक्स नामक एक अकाउंट को टैग किया गया है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने सोनिया एथलेटिक्स के अकाउंट को खंगालना शुरू किया। यूजर ने 25 मार्च 2024 को वीडियो को अपलोड करते हुए कैप्शन में वीडियो को स्क्रिप्टेड और मनोरंजन के उद्देश्य के लिए बनाया गया बताया है।
द ग्रेट खली ने भी इस वीडियो को दोबारा शेयर करते हुए कैप्शन में स्क्रिप्टेड और मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया बताया है।
खली के अकाउंट को स्कैन करने पर हमें वीडियो में नजर आ रहे शख्स का इंस्टाग्राम अकाउंट मिला। हमने पाया कि शख्स का नाम बलवान सिंह हैं और उन्होंने अकाउंट पर खुद को डिजिटल क्रिएटर बताया हुआ है।
हमने वीडियो के बारे में और अधिक जानने के लिए बलवान सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। लोगों को जागरूक करने के लिए हमने इस स्क्रिप्टेड वीडियो को बनाया था,ताकि लोग इस तरह से होली न खेलें। हमने खली की एकेडमी में ही इसको शूट किया था। हमारा मकसद लोगों को जागरूक करना था।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
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