Fact Check: फिलिस्तीन की फिल्म का स्क्रीनशॉट एक बार फिर हुआ वायरल

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर का जाट आरक्षण आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो एक मूवी से लिया गया स्क्रीनशॉट है, जिसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये जाट आरक्षण आंदोलन 2016 की तस्वीर है।

विश्‍वास न्‍यूज पहले भी कई बार इस तस्वीर की जांच कर चुका है। पड़ताल में पता चला कि यह फोटो फिलिस्तीन की एक फिल्म “Mamlakat al-Naml (The Kingdom of Ants)” के दृश्य की है, जिसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर Jaat Cllan ने वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट में लिखा है :’जाट आरक्षण आंदोलन हरियाणा 2016 “

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस पोस्ट से मिलते-जुलते दावे को शेयर कर रहे हैं। इस पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

गौरतलब है कि जाट आरक्षण आंदोलन के नाम से वायरल हो रही यह तस्वीर पहले भी कई बार समान और मिलते-जुलते दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है। तब हमारी पड़ताल में सामने आया था कि यह तस्वीर असल में ‘Kingdom Of Ants (Mamlakat Al-Naml) नामक फिल्म का एक दृश्य है, जिसे जाट आरक्षण आंदोलन का बताया जा रहा था। आप हमारी इस तस्वीर को लेकर की गई पहले की फैक्ट चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं।

सर्च करने पर हमें Jat cmpny नाम के फेसबुक पेज पर 13 सितम्बर 2020 को शेयर किया गए पोस्ट में सुनील श्योराण की तस्वीर मिली। फोटो को शेयर कर लिखा गया था, “13 सितम्बर 2010 को सुनिल श्योराण ने जाट आरक्षण आंदोलन में पहली शहादत दी थी। इसलिए इस दिन को हम जाट शहादत दिवस के रूप में मनाते हैं। ”



हमारी जांच में यह साबित हो गया कि वायरल तस्वीर Mamlakat al-Naml (The Kingdom of Ants)’ मूवी का सीन है, जिसे Chawk Mejri ने डायरेक्ट किया था।

हमने दैनिक जागरण के हिसार रिपोर्टर मनोज कौशिक के साथ संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रही फोटो सुनील श्योराण की नहीं है। कई सालों से ये तस्वीर इसी दावे के साथ वायरल हो रही है।

पड़ताल के अंत में हमने इस तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की जांच की। यूजर ने अपनी जानकारी को शेयर नहीं किया है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर का जाट आरक्षण आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। वायरल फोटो एक मूवी से लिया गया स्क्रीनशॉट है, जिसे भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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