विश्वास न्यूज की पड़ताल में मनमोहन सिंह के नाम से वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला। यह डॉ. मनमोहन सिंह का आधिकारिक ट्विटर हैंडल नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ट्विटर पर मौजूद नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम से सोशल मीडिया पर एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसकी प्रोफाइल नेम में मनमोहन सिंह का नाम लिखा हुआ है। स्क्रीनशॉट में लिखा है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को कभी भी हिंसा या आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ नहीं पाया गया। लेकिन आरएसएस हमेशा हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों में पाया गया है। फिर भी सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि संघ की वजह से ही वो सत्ता में हैं। यूजर्स इस स्क्रीनशॉट को डॉ मनमोहन सिंह द्वारा किया गया मानकर शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि यह डॉ. मनमोहन सिंह का आधिकारिक ट्विटर हैंडल नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ट्विटर पर मौजूद नहीं है।
फेसबुक यूजर ए पी रहमान ने वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, “पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को कभी भी हिंसा या आतंकवादी संगठन से जुड़ा हुआ नहीं पाया गया। लेकिन आरएसएस हमेशा हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों में पाया गया है। फिर भी सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया है। क्योंकि संघ की वजह से ही वो सत्ता में हैं। ।”
इस पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
वायरल ट्वीट की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च किया। इस दौरान हमें कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। इसके बाद हमने वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट को गौर से देखा। हमने पाया कि ट्विटर हैंडल पर ब्लू टिक नहीं, बल्कि नीले रंग का दिल लगा हुआ है। यहां पर हमको इस स्क्रीनशॉट के नकली होने का शक हुआ।
पोस्ट को गौर से देखने पर हमने यह भी पाया कि ट्विटर यूजर का नाम @Mr_ManmohanSing लिखा हुआ है। इसके बाद हमने ट्विटर पर इसे खंगालना शुरू किया। हमने पाया कि यह डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर बना हुआ यह एक पैरोडी अकाउंट है। ट्विटर बायो में उल्लेख किया गया है कि यह अकाउंट एक पैरोडी अकाउंट है। बायो में लिखा है, “मनमोहन सिंह एक भारतीय अर्थशास्त्री और राजनेता हैं, जिन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के 13वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया है। (पैरोडी अकाउंट) मनमोहन सिंह से इस अकाउंट का कोई संबंध नहीं है।”
हमने पाया कि इस पैरोडी अकाउंट से यह ट्वीट 30 सितंबर 2022 को किया गया था। जिसे लोग सच समझकर शेयर कर रहे थे।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के असली ट्विटर अकाउंट को सर्च करना शुरू किया। हमें मनमोहन सिंह के नाम से कोई भी वेरिफाइड अकाउंट नहीं मिला। हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संयोजक सरल पटेल का एक ट्वीट मिला। उन्होंने 19 जून 2020 को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के नाम से बने सारे अकाउंट फर्जी हैं। वो लोग ट्विटर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर सोनिया गांधी या मनमोहन सिंह ट्विटर पर आने का फैसला करते हैं, तो उनका अकाउंट वेरिफाइड होगा। तब तक किसी भी अनवेरीफाइड अकाउंट पर विश्वास ना करें।”
अधिक जानकारी के लिए हमने कांग्रेस प्रवक्ता अभिनयु त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। डॉ मनमोहन सिंह का ट्विटर अकाउंट नहीं है। अगर होता तो वो वेरिफाई होता।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर कोलकाता का रहने वाला है। ए पी रहमान के फेसबुक पर 578 मित्र हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में मनमोहन सिंह के नाम से वायरल ट्वीट के स्क्रीनशॉट को लेकर किया जा रहा दावा गलत निकला। यह डॉ. मनमोहन सिंह का आधिकारिक ट्विटर हैंडल नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ट्विटर पर मौजूद नहीं है।
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