Fact Check: बिहार में 15 जून तक स्कूल बंद किए जाने का दावा करता ये पत्र फर्जी है

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के नाम पर वायरल हो रहा पत्र फर्जी है। कोरोना के बढ़ते केस, को देखते हुए बिहार में 15 जून या 15 अप्रैल तक स्कूल बंद रखने के आदेश नहीं दिए गए हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देश में जहां एक तरफ कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ते दिख रहे हैं वहीं, सोशल मीडिया पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के लेटर हेड पर लिखा गया एक पत्र वायरल हो रहा है। इस पत्र के जरिए यह दावा किया जा रहा है कि बीईपीसी ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 15 जून तक सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद रखने का एलान किया है।

विश्वास न्यूज ने वायरल दावे की पड़ताल की और इसे गलत पाया। वायरल हो रहा पत्र पूरी तरह से फर्जी है, फिलहाल ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Poonam Tripathi ने यह पत्र पोस्ट किया है, जिसमें लिखा गया है: नोवेल कोरोना वायरस (कोविद 19) के संक्रमण बढ़ने के कारण विभागीय बहुमत आदेश दिनांक 19.03.2021 के अनुसार राज्य के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों को दिनांक 15 जून 2021 तक बंद करने के निर्देश दिया हैं। 1. राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि राज्य के सभी सरकारी/गैर सरकारी स्कूल सार्वजनिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक हित में 15 अप्रैल 2021 तक बंद रहेंगें। 2. ऑनलाइन शिक्षण गतिविधियां विभागीय आदेश के अनुसार जारी रह सकती हैं। 3. राज कार्यालय आदेश अनुसार प्रवेशोत्सव विशेष नामांकन अभियान की अवधि 25 मार्च 2021 तक विस्तारित रूप से चलेगी।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने पड़ताल की शुरुआत करते हुए सबसे पहले हमने इंटरनेट पर कीवर्ड्स की मदद से वायरल दावे के बारे में सर्च किया। हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें बिहार में सभी स्कूल 15 जून या 15 अप्रैल तक बंद किए जाने की बात कही गई हो। अगर राज्य सरकार ने ऐसा कोई निर्देश दिया होता तो इस बारे में मीडिया में कहीं न कहीं कवरेज जरूर हुआ होता।

इसके बाद हमने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् की वेबसाइट और बिहार सरकार की वेबसाइट पर सर्च किया, लेकिन हमें वहां ऐसी कोई प्रेस रिलीज नहीं मिली। इसके उलट हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान मिला, जिसमें उन्होंने यह बताया था कि फिलहाल बिहार में हालात ठीक हैं और यहां न तो लॉकडाउन किया जा रहा है और न ही स्कूल—कॉलेज बंद किए जा रहे हैं।

इसके बाद हमने वायरल पत्र को ध्यान से पढ़ा तो हमें इसमें कई त्रुटियां नजर आईं, जैसे कि पहले पैराग्राफ में स्कूल 15 जून तक बंद रखने की बात कही गई है, जबकि इसके ठीक नीचे पहले प्वाइंट में 15 अप्रैल तक स्कूल बंद रखने की बात कही गई है, किसी भी सरकारी पत्र में इतनी बड़ी गलती जाने की संभावना न के बराबर होती है। इसके अलावा भी इस पत्र में भाषा को लेकर कई त्रुटियां हैं।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जब हमने इस पत्र में लिखे गए कंटेंट को सर्च किया तो हमें बिहार एजुकेशन डिपार्टमेंट का एक ट्वीट मिला, जिसमें इस पत्र को फर्जी करार दिया गया था।

ज्यादा जानकारी के लिए हमने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् में एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर डॉ. रवि शंकर सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल हो रहा पत्र फर्जी है, विभाग ने इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया है। अगर आप ध्यान दें तो इस पत्र पर लेटर नंबर नहीं है और पत्र व पत्र के नीचे हुए संजय कुमार सिंह के हस्ताक्षर का फॉन्ट बिल्कुल अलग है, वहीं इसमें कई त्रुटियां भी हैं।

अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Poonam Tripathi की प्रोफाइल को स्कैन करने का। यूजर की प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर उत्तर प्रदेश की रहने वाली है और पेशे से टीचर है।

निष्कर्ष: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् के नाम पर वायरल हो रहा पत्र फर्जी है। कोरोना के बढ़ते केस, को देखते हुए बिहार में 15 जून या 15 अप्रैल तक स्कूल बंद रखने के आदेश नहीं दिए गए हैं।

False
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