Fact Check: मैनपुरी में महाराणा प्रताप की प्रतिमा को धोने का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

मैनपुरी में सपा अध्यक्ष अखिलेश और पार्टी उम्मीदवार डिम्पल यादव ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किया था। कुछ युवकों पर प्रतिमा का अपमान करने का आरोप लगने के बाद इसको धोया गया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा। इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक व्यक्ति को पानी से महाराणा प्रताप की प्रतिमा को धोते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि अखिलेश और डिम्पल यादव ने मैनपुरी में महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया, जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा को धो दिया।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि मैनपुरी में रोड शो के दौरान अखिलेश और डिम्पल यादव ने प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किया था। आरोप है कि रोड शो के बाद कुछ युवक प्रतिमा पर चढ़ गए और सपा का झंडा लगा दिया। इसके बाद प्रतिमा को धोया गया था।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Raebareli news (आर्काइव लिंक) ने 5 मई को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

“मैनपुरी में अखिलेश और डिम्पल यादव ने महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने बाद में मूर्ति को धुल दिया।”

एक्स यूजर Rajesh Sahu (आर्काइव लिंक) ने भी वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने दैनिक जागरण के 5 मई के मैनपुरी के संस्करण के ईपेपर को देखा। इसमें छपी खबर में लिखा है, “सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 4 मई को मैनपुरी लोकसभा सीट से पार्टी उम्मीदवार डिम्पल यादव के समर्थन में रोड शो किया। इसकी शुरुआत ईशन नदी पुल से हुई थी। 3 मई को जारी कार्यक्रम के अनुसार, रोड शो करहल चौराहे तक जाना था, जहां महाराणा प्रताप की प्रतिमा लगी हुई है। हालांकि, रोड शो वाले दिन कार्यक्रम में बदलाव हो गया था और रोड शो सिंधिया तिराहा चौराहा पर खत्म हो गया था।”

खबर में यह भी लिखा है, “रोड शो के बाद कुछ सपा कार्यकर्ता करहल चौराहे पर लगी महाराणा प्रताप की प्रतिमा की चढ़ गए। वहां एक युवक ने सपा का झंडा लगा दिया। इसका वीडियो वायरल होने के बाद एक वर्ग के लोग नाराज हो गए और हंगामा करने लगे। पुलिस ने वहां पहुंचकर स्थिति को संभाला। एसपी विनोद कुमार का कहना है कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा से छेड़छाड़ की शिकायत मिली है। मामले की जांच कर जा रही है। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष आलोक शाक्य ने कहा कि सपा को बदनाम करने के लिए यह आरोप लगाया गया है। उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की।”

4 मई को सपा के आधिकारिक एक्स हैंडल से इस रोड शो की कुछ तस्वीरें पोस्ट (आर्काइव लिंक) की गई हैं। इनमें ऐसी कोई तस्वीर नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि अखिलेश और डिम्पल यादव ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया था।

सपा के यूट्यूब चैनल पर अपलोड इस रोड शो के वीडियो में भी वे प्रतिमा पर माल्यार्पण करते नहीं दिख रहे हैं।

5 मई को दैनिक भास्कर में छपी छपी खबर में लिखा है कि मैनपुरी में महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर सपा का झंडा लगाए जाने के मामले में पुलिस ने 90 लोगों पर केस दर्ज किया है। रोड शो के बाद कुछ अराजक तत्व प्रतिमा पर चढ़ गए और सपा के झंडे लगा दिए। वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रतिमा को पानी से धोया।

एबीपी लाइव की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है, “महाराणा प्रताप की प्रतिमा मामले में 100 सपा कार्याकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज होने के बाद डिम्पल यादव ने कहा कि तोड़फोड़ मामले में हम भी कार्रवाई करेंगे। हमारे पास भी रिकॉर्डिंग्स है। किसी पर अन्याय नहीं होना चाहिए।”

इस बारे में मैनपुरी में दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रभारी दिलीप शर्मा का कहना है कि अखिलेश यादव का रोड शो सिंधिया तिराहा चौराहे पर खत्म हो गया था। उन्होंने और डिंपल यादव ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किया था। आरोप है कि रोड शो के बाद कुछ लोग प्रतिमा पर चढ़ गए थे। इससे नाराज होकर लोगों ने हंगामा कर दिया था, जिसके बाद प्रतिमा को धोया गया। इस मामले में पुलिस ने सपा के करीब 100 कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है।

पत्रिका में 5 मई को छपी खबर में लिखा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 7 मई को यूपी की 10 सीटों पर मतदान होगा। इनमें संभल, हाथरस (सु.), फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली शामिल हैं।

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इस पेज के करीब 3 लाख 91 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: मैनपुरी में सपा अध्यक्ष अखिलेश और पार्टी उम्मीदवार डिम्पल यादव ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किया था। कुछ युवकों पर प्रतिमा का अपमान करने का आरोप लगने के बाद इसको धोया गया था।

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