Fact Check: रोहिंग्याओं के नाम से भ्रामक दावे के साथ वायरल हुआ ATM चोर गैंग का वीडियो

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)- सोशल मीडिया पर एक एटीएम लूट का डेमो वीडियो वायरल हो रहा है। यूजर दावा कर रहें हैं कि यह सभी रोहिंग्या है जिन्होंने यह वारदात मेरठ में अंजाम दिया है। विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित होता है। हमने पाया कि पिछले दिनों 11 अक्टूबर को मेरठ की सरधना पुलिस ने मुजफ्फरनगर के एक एटीएम चोर गिरोह के वीडियो में नज़र आ रहे लोगों को गिरफ्तार तो किया, लेकिन इन लोगों का रोहिंग्या या बांग्लादेश से कोई लेना-देना नहीं है। सभी चोर मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक पेज ”‎I Support R.S.S में अपने 100 मित्रों को जोड़ें” से 14 अक्टूबर को एक वीडियो शेयर किया जाता है जिसके कैप्शन में लिखा है। ”रोहिंज्ञाओं का देश पर एहसान अब किसी रोहिंज्ञाओं को कुछ मत कहियेगा। ये बेचारे अपने देश से निकाले गए हैं । इंदिरा जी इन्हें कृपा दिखा कर हमारे गले मढ़ गयी थी हमारी गाढ़े मेहनत की कमाई बैठे बैठाये इन्हें खिलाने के लिए। चोर गिरहकट। मेरठ पुलिस के हत्थे चढ़ा ATM मशीन से रुपये चुराने वाला गिरोह फिर पुलिस ने पूरी घटना का डेमो करवाया….नोट:- खबरदार कोई इन बांग्लादेशी व रोहिंग्या से दिखने वालों का मज्जब मत पूछना… बस चुप चाप देखिए, कैसे काटते थे ATM मशीन को। “

हमने पाया कि रोहिंग्याओं के नाम से वीडियो को फेसबुक पर वायरल किया जा रहा है।

पड़ताल

पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले मेरठ पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर पर इस मामले से जुड़ी खबर को तलाश करना शुरू किया। इस दौरान हमें 11 अक्टूबर को मेरठ पुलिस की तरफ से किया गया एक ट्वीट मिला, जिस पर लिखा था- ”थाना सरधना पुलिस द्वारा ए.टी.एम. को काटकर उखाडने वाले शातिर गिरोह का पर्दाफाश #UPPolice #Meerutpolice” . इस ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी थी जिसमें आरोपियों को भी देखा जा सकता है।

हमने पाया कि मेरठ पुलिस ने जिन आरोपियों की तस्वीर को पोस्ट किया। यह वही आरोपी थे, जिन्हें वायरल वीडियो में देखा जा सकता है।

अब हमने इस मामले का न्यूज़ सर्च किया और हमारे हाथ 12 अक्टूबर 2019 को पत्रिका में छपी एक खबर लगी। खबर में वही वीडियो देखने को मिला जिसे रोहिंग्या के नाम से वायरल किया जा रहा है। खबर की सुर्खी है, ”एटीएम मशीन को उखाड़ लेता था यह गैंग, पुलिस ने अपने सामने करवाया तो सब सन्न रह गए”। खबर की तफ्सील में बताया गया, ”मेरठ पुलिस ने ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो गैस कटर से मशीन को काटने और उखाड़ने का काम करते थे। इस गिरोह ने हरियाणा में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। इस गिरोह को मेरठ की सरधना पुलिस ने मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार किया। पुलिस ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें यह आरोपी ताले तोड़ने से लेकर मशीन काटने के बारे में बता रहे हैं।” हालांकि, खबर में हमें कहीं आरोपियों के रोहिंग्या होने की बात नहीं दिखी।

अब हमने यूपी पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर मेरठ पुलिस की 11 अक्टूबर की प्रेस रिलीज़ चेक की और वह हमने इसी मामले की सूचना देखी।

प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि मेरठ से एटीएम की चोरी में गिरफ्तार किये गए आरोपियों के नाम हैं-इकबाल, शाहरुख, सलाउद्दीन, गुलफाम। वहीं, दो आरोपी अभी भी फरार हैं। इस प्रेस रिलीज़ में भी हमें कही आरोपियों का रोहिंग्या होने का कोई दावा नहीं मिला।

खबर की पुष्टि के लिए हमने सीधे मेरठ के सरधना पुलिस स्टेशन बात की और वहां हमारी बात स्टेशन ऑफिसर उपेन्द्र कुमार से हुई। उन्होंने हमें बताया, ”11 अक्टूबर को एटीएम चोर गिरोह को हमने पकड़ा था, लेकिन वह लोग रोहिंग्या नहीं हैं, बल्कि मुजफ्फरनगर के लोई गांव के रहने वाले हैं”। उन्होंने आगे बताया, ”डेमो वीडियो हमने यह जानने के लिए बनाया था कि यह लोग चोरी करने के लिए किस तरीके को अपनाते हैं।”

अब बारी थी इस पोस्ट को भ्रामक दावे के वायरल करने वाले फेसबुक ग्रुप ‘I Support R.S.S में अपने 100 मित्रों को जोड़ें’ की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया की उस ग्रुप के कुल 317,106 मेंबर्स हैं। वहीं, इस ग्रुप पर एक ख़ास विचारधारा से जुडी पोस्ट को शेयर किया जाता है।

निष्कर्ष: मेरठ में एटीएम लूटने वाले चोरों की गिरफ़्तारी का दावा सही है, लेकिन आरोपियों का रोहिंग्या होने का दावा पूरी तरफ ग़लत है। विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित होती है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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