Fact Check: चीन के आर्टिफिशियल सूरज का नहीं है ये वायरल वीडियो, रॉकेट लॉन्च की फोटोज और वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल

जब विश्वास न्यूज ने इस वीडियो की जांच की, तो हमने पाया कि यह आर्टिफिशियल सूरज का वीडियो नहीं था, बल्कि एक रॉकेट लॉन्च का वीडियो था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें आसमान में आग के गोले जैसी रोशनी देखी जा सकती है। वीडियो में कई लोगों को समुद्र के किनारे खड़े होकर इसका वीडियो बनाते देखा जा सकता है। अब इसी पोस्ट को शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह चीन का आर्टिफिशियल सूरज है और इसके लॉन्च का वीडियो है। जब विश्वास न्यूज ने वीडियो की जांच की, तो हमने पाया कि यह आर्टिफिशियल सूरज नहीं, बल्कि रॉकेट लॉन्च का वीडियो है।

वायरल पोस्ट में क्या है?

वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो और तस्वीरें यह दावा करते हुए शेयर करे रहे हैं कि यह चीन का आर्टिफिशियल सूरज है।

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वीडियो को इनविड टूल पर अपलोड किया और इसके कई की-फ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वायरल वीडियो किसी भी प्रतिष्ठित संगठन की वेबसाइट पर नहीं मिला। पड़ताल जारी रखते हुए हमने गूगल ओपन सर्च के जरिए ‘चाइना आर्टिफिशियल सन’ कीवर्ड से खबर खोजने की कोशिश की। सर्च करने पर हमें स्पेस डॉट कॉम पर चीन के आर्टिफिशियल सूरज की खबर मिली। यहां दी गई जानकारी के अनुसार, चीन के आर्टिफिशियल सूर्य ने प्लाज्मा के एक लूप को सूर्य से पांच गुना अधिक गर्म तापमान पर 17 मिनट से अधिक समय तक सुपर हीट करने के बाद एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, ऐसा एक एक्सपेरिमेंटल लैब में हुआ। पूरी कहानी यहां देखी जा सकती है।

हमने अपनी जांच जारी रखी और चीन में हाल के रॉकेट और सैटेलाइट लॉन्च के वीडियो की खोज शुरू की। हमें एक ट्विटर यूजर द्वारा अपलोड किए गए वायरल वीडियो के समान एक वीडियो मिला। 23 दिसंबर 2021 को वीडियो अपलोड करते हुए रॉकेट लॉन्च का बताया गया है।

गूगल न्यूज सर्च में हमने 23 दिसंबर 2021 के टाइम टूल का इस्तेमाल कर चीन के रॉकेट लॉन्च से जुड़ी खबरों को खोजना शुरू किया। न्यूज सर्च में हमें नासा स्पेस फ्लाइट पर एक आर्टिकल मिला। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने 10:12 यूटीसी पर चांग झेंग ए रॉकेट पर जियान-12-01 और जियान-12-02 उपग्रहों की एक जोड़ी लॉन्च की। उपग्रहों की जोड़ी चीन के वेनचांग स्पेस लॉन्च सेंटर जिओ स्टेशनरी ट्रांसफर से लॉन्च किया गया। आर्टिकल यहाँ पढ़ें।

रॉकेट लॉन्च का वीडियो सीएनजीटी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है।

वीडियो को इसी आधार पर यूट्यूब पर सर्च करने पर हमें ‘चाइनीज फोर्सेज’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। वायरल वीडियो के फ्रेम भी यहां देखे जा सकते हैं। वीडियो के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, चीन के वेनचांग लॉन्च सेंटर में 23 दिसंबर, 2021 को लॉन्ग मार्च 7ए रॉकेट का वीडियो है।

विश्वास न्यूज ने पुष्टि के लिए एयरोस्पेस वैज्ञानिक अर्जुन वोलाटेल से संपर्क किया और उनके साथ वायरल वीडियो साझा किया। उन्होंने हमें पुष्टि देते हुए बताया, “यह एक रॉकेट लॉन्च का वीडियो है।” उन्होंने कहा कि यह वीडियो चीन में हाल ही में लॉन्च किए गए लॉन्ग मार्च 7ए रॉकेट का है। 23 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया और वर्षों से, चीन आर्टिफिशियल सूरज तैयार करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, इसे खुली हवा में लॉन्च नहीं किया जा सकता है क्योंकि सूर्य की गर्मी पृथ्वी के वातावरण में नहीं ढल सकती है। यही कारण है कि चीन लैब्स के अंदर से आर्टिफिशियल सूरज पर अपने तमाम एक्सपेरिमेंट्स करता है।

विश्वास न्यूज स्वतंत्र रूप से वायरल वीडियो के स्थान की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह चीन का आर्टिफिशियल सूरज नहीं है।

फेक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर के सोशल स्कैन में हमने पाया कि इस यूजर के 244 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: जब विश्वास न्यूज ने इस वीडियो की जांच की, तो हमने पाया कि यह आर्टिफिशियल सूरज का वीडियो नहीं था, बल्कि एक रॉकेट लॉन्च का वीडियो था।

False
Symbols that define nature of fake news
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