Fact Check: गौतम बुद्ध की मूर्ति पर लिपटे रोबोटिक सांप को असली समझ कर शेयर कर रहे हैं लोग

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत निकला। असल में यह सांप कोई असली सांप नहीं, बल्कि एक रोबोटिक सांप है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि नेपाल में हर साल बारिश के दौरान 15 फीट का ये सांप बुद्ध की मूर्ति से लिपट जाता है।

विश्वास न्यूज़ की ने पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह कोई असली सांप नहीं, बल्कि एक रोबोटिक सांप है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

वायरल वीडियो को Vedpal Maurya नाम के यूजर ने शेयर किया। इस वीडियो में एक सांप को भगवान बुद्ध की मूर्ति से लिपटते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ लिखा है, “नेपाल में हर साल बारिश में एक 15 फीट का साँप भगवान बुद्ध की मूर्ति को ढक लेता है। इसकी सच्चाई पर विश्वास करने के लिए यह वीडियो देखें। नमो बुद्धाय।”

इस पोस्ट का आर्काइव  वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

यह दावा एक बार पहले भी वायरल हुआ था और विश्वास न्यूज़ ने  उस समय भी इसकी जांच की थी। उस समय जांच करने के लिए हमने इस वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा था। हमें यह वीडियो नॉलेज, न्यूज एंड फन (Knowledge, News & Fun) नाम के यूट्यूब चैनल पर 2017 में अपलोडेड मिला था। इसके साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा था, “श्रीलंका का एक लड़के ने मुचलिंडा कोबरा बनाने के लिए रोबोट तकनीक का उपयोग किया।”

https://www.youtube.com/watch?v=DhrzYM5gVJw

हमें इससे मिलते-जुलते और भी कुछ वीडियो मिले, जिसके डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह रोबोटिक सांप हैं।

2021 में हमने इस वायरल दावे की जांच की थी। उस समय हमने श्रीलंका के अख़बार द आइलैंड के डिजिटल संपादक कुमार मनकरने से बात की थी। उस समय उन्होंने हमें बताया था, “यह एक रोबोटिक सांप है। मान्यता के अनुसार, मुकलिंडा, मुचलिंडा या मुसिलिंडा एक नाग का नाम है, जिसने एनलाइटनमेंट के बाद गौतम बुद्ध की रक्षा की थी। इस मान्यता को दर्शाने के लिए श्रीलंका में कई जगह ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जहाँ मुकलिंडा की भूमिका एक रोबोटिक सांप निभाता है। जिसे रिमोट से संचालित किया जाता है।”

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं वेदपाल मौर्य  (Vedpal Maurya) नाम के एक फेसबुक यूजर। सोशल स्कैंनिंग से पता लगा कि यूजर के फेसबुक पर 14000 से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं। यूजर उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में दावा गलत निकला। असल में यह सांप कोई असली सांप नहीं, बल्कि एक रोबोटिक सांप है।

False
Symbols that define nature of fake news
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