Fact Check: ऋषिकेश में राफ्टिंग गाइड के पर्यटकों से मारपीट मामले में नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल

ऋषिकेश के मुनि की रेती थाना क्षेत्र में राफ्टिंग गाइडों ने पर्यटकों से मारपीट की थी। उस घटना के वीडियो को गलत सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। ऋषिकेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें राफ्टिंग गाइड पर्यटकों को पीटते दिख रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग कराने वाले मुस्लिमों ने हिंदू पर्यटकों की पिटाई कर दी।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि मुनि की रेती थाना क्षेत्र में हुई इस मारपीट के मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए सभी आरोपी हिंदू हैं। इस मामले को गलत सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

फेसबुक यूजर Mahendra Tiwari ने भी 18 जून को इस वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,
ऋषिकेश:- जेहादी हिंदुओ के हर पवित्र पर्यटन स्थल पर पहुंच रहे हैं, और वहां का सारा व्यापार खुद कर रहे है,
हिन्दूओ की तबीयत से ठुकाई करते हुए वहां कै मुस्लिम नाव राफ्टिंग वाले।
हिन्दूओ को बहुत बहुत बधाई, हम दो हमारे दो पालन करने के लिए।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 8 जून को इससे संबंधित खबर छपी है। इसमें वायरल वीडियो के कीफ्रेम को भी देखा जा सकता है। खबर में लिखा है कि ऋषिकेश का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें मुनि की रेती थाना क्षेत्र में राफ्टिंग गाइडों को पर्यटकों को मारते हुए देखा जा सकता है। पुलिस ने वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एसएसपी टिहरी गढ़वाल की तरफ से डीएम को आरपेपी राफ्टिंग कंपनी और गाडड के लाइसेंस कैंसल करने की सिफारिश किए जाने की भी बात कही गई है।

टिहरी गढ़वाल पुलिस उत्तराखंड के एक्स हैंडल पर 8 जून को पुलिस की गिरफ्त में खड़े तीन आरोपियों की तस्वीर पोस्ट की गई है।

टिहरी पुलिस उत्तराखंड के फेसबुक पेज पर 7 जून को आरोपियों की तस्वीर पोस्ट करते हुए मामले की पूरी जानकारी दी गई है। इसमें लिखा है कि 6 जून को वायरल वीडियो के संबंध में किसी ने शिकायत नहीं की थी। पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच की तो पता चला कि घटना 29 मई की है। इस मामले में तीन आरोपियों हेल्पर आशीष जोशी पुत्र राकेश चंद्र जोशी और गाइड कमलेश राजभर पुत्र रामदयाल व गंगा त्यागी पुत्र सोमपाल त्यागी का नाम सामने आया है। तीनों ऋषि गंगा एडवेंचर और पैडलर हिमालय मुनि की रेती में काम करते हैं। नाव को राफ्टिंग पॉइंट पर ले जाते समय यह अन्य कंपनी के क्लाइंट से लग गई, जिससे विवाद हो गया था। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एडवेंचर कंपनी ऋषि गंगा और पैडलर हिमालय के लाइसेंस कैंसल करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है। कंपनी के गाइडों कमलेश राजभर तथा गंगा त्यागी के लाइसेंस कैंसल करने की भी सिफारिश की जाएगी। इस मामले के अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी की जा रही है।

दैनिक जागरण के ऋषिकेश संस्करण में भी इस खबर को देखा जा सकता है।

इस बारे में हमने मुनि की रेती थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर रितेश साह से बात की। उनका कहना है कि इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। इस मामले में अभी तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बाकी की पहचान होने के बाद उनको भी पकड़ा जाएगा।

वीडियो को सांप्रदायिक एंगल से शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। गुजरात के वलसाड में रहने वाले यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: ऋषिकेश के मुनि की रेती थाना क्षेत्र में राफ्टिंग गाइडों ने पर्यटकों से मारपीट की थी। उस घटना के वीडियो को गलत सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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