Fact Check: गुजरात में खत्म नहीं हुआ आरक्षण, फर्जी दावा हो रहा वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में गुजरात में आरक्षण खत्म होने का दावा पूरी तरह फर्जी निकला है। गुजरात हाई कोर्ट ने प्रदेश में आरक्षण खत्म करने को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाया है। गुजरात की भर्तियों और एडमिशन में आरक्षण प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर गुजरात में आरक्षण को लेकर एक दावा वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि गुजरात में हाई कोर्ट ने आरक्षण को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा पूरी तरह फर्जी निकला है। गुजरात हाई कोर्ट ने प्रदेश में आरक्षण खत्म करने को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाया है।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Ayush Negi ने 23 जून 2021 को वायरल पोस्ट शेयर की है। इसमें लिखा गया है कि गुजरात हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है और गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां आरक्षण को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। दावे के मुताबिक, नौकरी और पढ़ाई, दोनों से ही आरक्षण को खत्म कर दिया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

फेसबुक यूजर Manish Sharma और Anil Pandya ने भी इससे मिलता-जुलता दावा शेयर किया है। हालांकि, ये दावा थोड़ा लंबा है और इसके साथ टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट का भी एक लिंक दिया गया है। यह मैसेज वॉट्सऐप पर भी वायरल है और विश्वास न्यूज के पाठकों ने इसे सिटी स्पेसिफिक वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर कर इसकी सच्चाई जाननी चाही है। वायरल मैसेज के स्क्रीनशॉट को यहां नीचे देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने सबसे पहले इंटरनेट पर ओपन सर्च के माध्यम से इस वायरल दावे की सच्चाई जानने की कोशिश की। अगर गुजरात हाई कोर्ट ने प्रदेश में आरक्षण खत्म करने का फैसला दिया होता, तो यह एक राष्ट्रीय मुद्दा होता और तमाम मीडिया हाउस इसे रिपोर्ट जरूर करते। हमें ऐसी कोई प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जो इस वायरल दावे की पुष्टि करती हो।

आगे की पड़ताल के लिए हमने गुजरात हाई कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट का रुख किया। हमें वेबसाइट पर वायरल दावे की पुष्टि करने से जुड़ा कोई प्रमाण नहीं मिला। इसके उलट हमें गुजरात हाई कोर्ट की वेबसाइट के रिक्रूटमेंट सेक्शन के करेंट ओपनिंग सबसेक्शन में प्राइवेट सेक्रटरी के 27 पदों की भर्ती से जुड़ा विज्ञापन मिला। विज्ञापन के मुताबिक, इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन एक जुलाई 2021 से शुरू होंगे और अंतिम तिथि 15 जुलाई 2021 है। हाई कोर्ट के इस भर्ती विज्ञापन में 27 पदों को आरक्षण की अलग-अलग श्रेणियों के हिसाब से विभाजित किया गया है। इससे यह साफ जाहिर होता है कि यहां नियुक्ति में आरक्षण नियमों का पालन किया जा रहा है। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

वायरल पोस्ट में दावा किया गया है कि सिर्फ नौकरी ही नहीं, बल्कि शिक्षा में आरक्षण को खत्म कर दिया गया है। इस दावे के उलट हमें गुजरात यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पीजी फिजियोथेरेपी कोर्स में एडमिशन की मेरिट लिस्ट मिली, जिसमें आरक्षण के हिसाब से अभ्यर्थियों की रैंकिंग दी गई है। इसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

अगर गुजरात में आरक्षण समाप्त करने का दावा सही होता, तो गुजरात हाई कोर्ट में प्राइवेट सेक्रेटरी की नियुक्ति या गुजरात यूनिवर्सिटी एडमिशन लिस्ट में आरक्षण का जिक्र नहीं होता। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल मैसेज के साथ शेयर किए जा रहे टाइम्स ऑफ इंडिया के आर्टिकल को भी देखा। यह आर्टिकल 11 सितंबर 2015 का है। करीब 6 साल पुराना यह आर्टिकल तबके गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर आधारित है, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी कैंडिडेट्स (MRCs) ने अगर अधिकतम आयु श्रेणी में राहत हासिल कर ली है, तो जनरल कैटेगरी के कटऑफ से अधिक अंक हासिल कर लेने पर भी उन्हें जनरल कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता। यह पुराना लेख भी वायरल मैसेज में किए जा रहे आरक्षण खत्म करने के दावे की पुष्टि नहीं करता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के गुजरात स्टेट ब्यूरो चीफ शत्रुघ्न शर्मा के साथ साझा किया। उन्होंने इसे फर्जी बताते हुए कहा, ‘गुजरात उच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार की एक विभागीय भर्ती के मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग में ही समाहित करने का फैसला दिया था, जिसको इस मैसेज में पूरे आरक्षण की ही समाप्ति बताकर पिछले 6साल से वायरल किया जा रहा है।’

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Ayush Negi की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर देहरादून के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में गुजरात में आरक्षण खत्म होने का दावा पूरी तरह फर्जी निकला है। गुजरात हाई कोर्ट ने प्रदेश में आरक्षण खत्म करने को लेकर कोई फैसला नहीं सुनाया है। गुजरात की भर्तियों और एडमिशन में आरक्षण प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट