Fact check: रतन टाटा ने भारतीय सेना को नहीं दी 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो, वायरल तस्वीर प्रदर्शनी की है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रतन टाटा के नाम से भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो जीपें दान करने का वायरल दावा गलत है। रतन टाटा ने भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो गाड़ियां दान नहीं की है। वायरल तस्वीरें साल 2012 से सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। साल 2012 में डिफेंस एक्सपो में महिंद्रा ने इन रक्षक प्लस गाड़ियों को प्रदर्शित किया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रतन टाटा के निधन के बाद से ही सोशल मीडिया पर गाड़ियों की कुछ तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही है। इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कुछ समय पहले रतन टाटा ने 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को दान की थी।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। रतन टाटा ने भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो दान नहीं की है। वायरल तस्वीरें साल 2012 से सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। साल 2012 में डिफेंस एक्सपो में महिंद्रा ने इन रक्षक प्लस गाड़ियों को प्रदर्शित किया था।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘कंचनसिंह तोमर’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को देश के सबसे बड़े उद्योगपति और सम्मानित रतन टाटा जी द्वारा दिए गए दान से 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो जीप मिली हैं। देश की सेना को बहुत-बहुत बधाई। माता भारती के इन प्यारे बेटों के बारे में किसने इतना सोचा? देश के सच्चे बेटे और महान व्यक्ति रतन टाटा जी को बहुत-बहुत धन्यवाद।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए हमने दावे पर गौर किया। हमने पाया कि स्कॉर्पियो महिंद्रा का ब्रांड है, टाटा का नहीं। हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि रतन टाटा ने 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को दान की है। हमने रतन टाटा के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी खंगाला। लेकिन हमें वहां पर भी दावे से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। 

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें वायरल तस्वीरें राजेश बनेड़ियानामक एक्स अकाउंट पर मिली। तस्वीर को 28 जुलाई 2016 को शेयर किया गया था। अन्य यूजर्स ने भी इन तस्वीरों को साल 2016 में शेयर किया था।

हमें पड़ताल के दौरान वायरल तस्वीरें ज़िगव्हील और इंडियम ऑटो ब्लॉग नामक वेबसाइट की रिपोर्ट्स में मिली। रिपोर्ट्स को अप्रैल 2012 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2012 के डिफेंस एक्सपो में महिंद्रा ने इन रक्षक प्लस गाड़ियों को प्रदर्शित किया था।

हमें टाइम्स नाउ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर वायरल दावे से जुड़ा एक वीडियो मिला। वीडियो को 9 अप्रैल 2012 को अपलोड किया गया है। इसमें वायरल तस्वीर में मौजूद गाड़ी को देखा जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिंद्रा ने रक्षक प्लस गाड़ी को डिफेंस एक्सपो में प्रदर्शित किया था।

नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 10 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की सेना में काफी भागीदारी रही है। टाटा भारतीय सेना को हथियार और सैन्य ट्रक जैसे कई सामानों की सप्लाई करता रहा है।

अधिक जानकारी के लिए हमने जम्मू-कश्मीर के पीआरओ डिफेंस नॉर्दर्न कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्थवाल से संपर्क किया। उन्होंने इसे “फेक बताते हुए कहा कि टाटा समूह ने भारतीय सेना को ऐसे कोई वाहन नहीं दिए हैं।” 

अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को दो हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को एमपी का रहने वाला बताया है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रतन टाटा के नाम से भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो जीपें दान करने का वायरल दावा गलत है। रतन टाटा ने भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कार्पियो गाड़ियां दान नहीं की है। वायरल तस्वीरें साल 2012 से सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। साल 2012 में डिफेंस एक्सपो में महिंद्रा ने इन रक्षक प्लस गाड़ियों को प्रदर्शित किया था।

False
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