महाराष्ट्र के जलगांव जिले में नाबालिग की रेप और हत्या के गिरफ्तार आरोपी को सौंपे जाने की मांग के साथ भीड़ के पुलिस स्टेशन पर हमले के वीडियो को फेक व सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। संबंधित घटना में आरोपी और पीड़िता एक ही समुदाय से संबंधित हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कई घायल पुलिसकर्मियों को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के जलगांव में एक नाबालिग बच्ची के साथ रेप व हत्या के आरोपी को जब पुलिस गिरफ्तार करने गई, तो वहां उन पर हमला हुआ। हमला करने वाले लोग समुदाय विशेष से संबंधित थे।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे भड़काऊ सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल हो रहा वीडियो महाराष्ट्र के जलगांव में हुई घटना का ही है, जिसमें आरोपी और पीड़िता एक ही समुदाय (भील) से संबंधित थे।
सोशल मीडिया यूजर ‘Manoj Sahu’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “हाफ़िज़ बेग, जलगाँव, महाराष्ट्र का रहने वाला है..उसने 6 साल की बच्ची का रेप किया..उसको पकड़ने गई पुलिस वालों की हालत देख लो..।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने वायरल वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
न्यूज रिपोर्ट्स में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें महाराष्ट्र के जलगांव में हुई इस घटना का जिक्र है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जामनेर पुलिस स्टेशन पर भीड़ के हमले में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। रिपोर्ट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक नखाटे के बयान का जिक्र है, जिसके मुताबिक, “यह घटना रात साढ़े दस बजे के आस-पास हुई। पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था, जो 11 जून को चिंचकेडा गांव में हुई रेप और हत्या के मामले का आरोपी था।”
लोगों को जब इस घटना की जानकारी मिली, तो वे थाने के बाहर जमा हो गए और पुलिस से आरोपी को उन्हें सौंप दिए जाने की मांग करने लगे और बाद में उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इस घटना का जिक्र है। ‘एशियन एज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में नाबालिग लड़की (भील समुदाय-अनुसूचित जनजाति) की रेप और हत्या के आरोपी सुभाष भील को आईपीसी की धारा 376 और 302 व पॉक्सो (द प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेंज) एक्ट की संबंधित धाराओं में गिरफ्तार किया था।
सभी रिपोर्ट में पीड़िता और आरोपी के भील समुदाय से संबंधित होने का जिक्र है। किसी भी रिपोर्ट में हमें आरोपी के मुस्लिम समुदाय से संबंधित होने का जिक्र नहीं मिला। वायरल दावे की पुष्टि के लिए हमने जलगांव जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अशोक नखाटे से से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। घटना के आरोपी और पीड़िता एक ही समुदाय के हैं और एक-दूसरे के जानने वाले हैं।” उन्होंने कहा कि इस मामले के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह पुलिस हिरासत में है।
मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स की वेबसाइट पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के आधार पर अनुसूचित जनजाति और उसके भीतर आने वाली जातियों का विवरण है। दी गई जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में भील जाति, अनुसूचित जनजाति के तहत आती है।
वायरल वीडियो को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब डेढ़ हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। हालिया संपन्न चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: महाराष्ट्र के जलगांव जिले में नाबालिग की रेप और हत्या के गिरफ्तार आरोपी को सौंपे जाने की मांग के साथ भीड़ के पुलिस स्टेशन पर हमले के वीडियो को फेक व सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। संबंधित घटना में आरोपी और पीड़िता एक ही समुदाय से संबंधित हैं।
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