Fact Check : 2016 में ही हो चुका है महाकाल की सवारी ले जाने वाले हाथी रामू का निधन, वायरल दावा भ्रामक है

महाकाल की सवारी ले जाने वाले हाथी रामू के निधन को लेकर वायरल किया जा रहा दावा विश्वास न्यूज की पड़ताल में भ्रामक निकला। वायरल फोटो पुरानी है। असल में हाथी रामू की मौत हाल में नहीं, बल्कि 2 अक्टूबर 2016 को हुई थी। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स गलत दावा शेयर कर रहे हैं।

Fact Check : 2016 में ही हो चुका है महाकाल की सवारी ले जाने वाले हाथी रामू का निधन, वायरल दावा भ्रामक है

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जमकर शेयर की जा रही है। पोस्ट में एक हाथी की तस्वीर है। दावा किया जा रहा है कि महाकाल की सवारी ले जाने वाले हाथी रामू का निधन हो गया है। फोटो पोस्ट कर यूजर्स हाथी रामू को श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल फोटो पुरानी  है। 02 अक्टूबर 2016 को फोटो में दिख रहे हाथी रामू की मौत हो गई थी। सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा वायरल हो रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट?

फेसबुक यूजर Apna Kajha (आर्काइव लिंक) ने 3 अक्टूबर को फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, “बाबा महाकाल को सालो तक अपने कंधो पे बैठा कर नगर भ्रमण करवाने वाले और महाकाल की सवारी ले जाने वाले हाथी रामु अब हमारे बीच नहीं रहा.. बाबा अपने श्री चरणों मे स्थान दे यह बहुत प्रसिद्ध हाथी था..#ॐशांति “

एक्स यूजर ठाkur Ankit Singh (आर्काइव लिंक) के अकाउंट से 27 सितंबर को एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,बाबा महाकाल को सालो तक अपने कंधो पे बैठा कर नगर भ्रमण करवाने वाले हाथी रामु ने आज अपने प्राण त्यागे

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल से सर्च किया। सर्च के दौरान हमें नईदुनिया की वेबसाइट पर वायरल पोस्ट से जुड़ा एक आर्टिकल मिला। 2 अक्टूबर 2016 को प्रकाशित आर्टिकल में वायरल तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, “भगवान महाकाल की सवारी में सेवा देने वाले हाथी रामू की मौत हो गई। दोपहर में वन विभाग द्वारा मक्सी रोड स्थित नवलखी बीड़ में रामू का अंतिम संस्कार किया गया।विभाग के अनुसार रामू दो माह से बीमार था। बताया जाता है कि घास के साथ उसने धातु का टुकड़ा निगल लिया था। इसके बाद से अक्सर उसकी तबीयत खराब रहने लगी। 60 वर्षीय रामू बीते 25 साल से महाकाल की सवारी में सेवा दे रहा था।”

सर्च के दौरान हमें टाइम्स ऑफ़ इंडिया की वेबसाइट पर भी वायरल दावे से जुड़ी खबर प्रकाशित मिली। 2 अक्टूबर 2016 को प्रकाशित आर्टिकल के अनुसार, हाथी रामू का निधन साल 2016 में ही चुका  है। खबर को यहां पढ़ें।

अधिक जानकारी के लिए हमने उज्जैन में नईदुनिया के ब्यूरो चीफ सूर्यनारायण मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को गलत बताया है। उन्होंने हमें बताया, “गजराज रामू का 2016 में ही देहांत हो गया था,उसके बाद से श्यामू हाथी ही महाकाल की सवारी में सेवाएं दे रहा है। गलत पोस्ट शेयर कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।”

भ्रामक पोस्ट करने वाले फेसबुक यूजर ‘Apna Kajha‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के फेसबुक पर लगभग 5 हजार फ्रेंड्स हैं। यूजर उत्तर प्रदेश के मऊनाथ भंजन का रहने वाला है।

निष्कर्ष: महाकाल की सवारी ले जाने वाले हाथी रामू के निधन को लेकर वायरल किया जा रहा दावा विश्वास न्यूज की पड़ताल में भ्रामक निकला। वायरल फोटो पुरानी है। असल में हाथी रामू की मौत हाल में नहीं, बल्कि 2 अक्टूबर 2016 को हुई थी। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स गलत दावा शेयर कर रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट