वायरल वीडियो मेरठ का नहीं है। रामपुर जेल में 26 जनवरी को कार्यक्रम हुए थे। इसके बाद जिला जेल के बाहर पुलिसकर्मियों ने नारे लगाए थे। इसका मेरठ से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। यूपी चुनाव 2022 से पहले सोशल मीडिया पर 18 सेकंड का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। इसमें कुछ सिपाही जयंत चौधरी का नारा लगा रहा है। दावा किया जा रहा है कि मेरठ में पुलिसकर्मियों ने ‘जयंत चौधरी जिंदाबाद’ के नारे लगाए हैं। इसके बाद एसएसपी ने दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो मेरठ नहीं, बल्कि रामपुर का है। इस मामले इन सिपाहियों को नोटिस जारी कर विभागीय जांच बैठा दी गई है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Syed Asif Raza Jafri ने 28 जनवरी 2022 को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, मेरठ में पुलिस कर्मियों ने लगाए “जयंत चौधरी ज़िंदाबाद” के नारे ।
कप्तान ने दो सिपाहियों को निलंबित किया ।
पड़ताल
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले मेरठ पुलिस के ट्विटर अकाउंट को खंगाला। इसमें मेरठ पुलिस द्वारा 28 जनवरी को किया गया ट्वीट मिला। इसके मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो मेरठ जनपद का नहीं है। भ्रामक सूचना फैलाकर माहौल खराब करने का प्रयास न करें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस बारे में मेरठ में तैनात डीएसपी अरविंद चौरसिया का कहना है, यह वीडियो मेरठ का नहीं है। रामपुर का है। सोशल मीडिया पर इसके मेरठ का होने की अफवाह फैलाई जा रही है।
इस वीडियो की और पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड से इसको सर्च किया। इसमें हमें दैनिक भास्कर में छपी खबर का लिंक मिला। इसमें वायरल वीडियो भी अपलोडेड है। इसके मुताबिक, वीडियो रामपुर में गणतंत्र दिवस के दिन का है। इसमें पुलिसकर्मी ‘इंकलाब जिंदाबाद’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘जयंत चौधरी जिंदाबाद’ के नारे लगाते दिख रहे हैं।
29 जनवरी 2022 को jagran में छपी खबर के अनुसार, वीडियो वायरल होने के मामले में जेल प्रशासन ने छह पुलिसवालों को नोटिस जारी किया है। दरअसल, 26 जनवरी को रामपुर जेल में पुलिसकर्मी संदीप समेत कुछ पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया था। कार्यक्रम के बाद संदीप और उसके साथी जेल के बाहर नाचने लगे। इस दौरान उन्होंने ‘वंदेमातरम्’ और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इस बीच पुलिसकर्मियों ने ‘जयंत चौधरी जिंदाबाद’ का नारा भी लगाया।
इस बारे में रामपुर के दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ मुस्लीमीन का कहना है, पुलिसकर्मियों ने नोटिस का जवाब दिया था। इससे संतुष्ट नहीं होने पर जेल अधीक्षक प्रशांत मौर्य ने कार्रवाई के लिए डीजी जेल को लिखा है। साथ ही बिजनौर के जेल अधीक्षक को इसकी जांच सौपी गई है।
वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर Syed Asif Raza Jafri की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित हैं।
निष्कर्ष: वायरल वीडियो मेरठ का नहीं है। रामपुर जेल में 26 जनवरी को कार्यक्रम हुए थे। इसके बाद जिला जेल के बाहर पुलिसकर्मियों ने नारे लगाए थे। इसका मेरठ से कोई संबंध नहीं है।
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