सोशल मीडिया पर गूगल मैप के स्क्रीनशॉट के जरिए किया जा रहा यह दावा गलत है कि राम मंदिर का निर्माण, विवादित ढांचे की जगह न होकर उससे दूर कई किलोमीटर किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण वहीं हो रहा है, जहां ढांचा मौजूद था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक समारोह से पहले गूगल मैप की एक तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि निर्माणाधीन मंदिर उस जगह पर नहीं बन रहा है, जहां बाबरी मस्जिद मौजूद थी। दावा किया जा रहा है कि मंदिर का निर्माण उस क्षेत्र से तीन से चार किलोमीटर दूर किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल गूगल मैप के स्क्रीनशॉट में जिस जगह को बाबरी मस्जिद की जगह बताया जा रहा है, वह अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर (गिराया गया विवादित ढांचे की जगह) की जगह से करीब एक किलोमीटर दूर श्री सीता राम मंदिर (बिरला मंदिर) है। वायरल स्क्रीनशॉट में राम मंदिर के निर्माण की जगह इसी लोकेशन को बताया जा रहा है, जबकि मंदिर का निर्माण ठीक उसी जगह हो रहा है, जहां ढांचा मौजूद था।
सोशल मीडिया यूजर ‘Md Mustakim Md Mustakim’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “हम मंदिर वहीं बनाएंगे…! माफ करना मैं गुस्से में थोड़ा इधर उधर निकल जाता हूं। बस 3-4 किलोमीटर।”
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर समान दावे के साथ शेयर किया है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी भी मामले पर टिप्पणी करते हुए बयान दिया था, जिसे कई नेताओं (आर्काइव लिंक) और न्यूज पोर्ट्ल्स ने शेयर किया था।
जांच की शुरुआत करते हुए हमने वायरल स्क्रीनशॉट को काफी गौर से देखा। इसमें जिस जगह को बाबरी मस्जिद बताया जा रहा है, उसका नाम “Babar Masjid” लिखा हुआ है और यहां से श्री राम जन्मभूमि मंदिर निश्चित दूरी पर स्थित है। इसी की-वर्ड से गूगल मैप पर सर्च करने पर जो लोकेशन दिखी, वह श्री राम मंदिर (बिरला मंदिर) है।
गूगल मैप पर इस मंदिर की जो तस्वीरें नजर आ रही हैं, वह अयोध्या जिले की सरकारी वेबसाइट पर मौजूद तस्वीरों से मेल खाती हैं। साथ ही यह पूरा इलाका सघन नजर आ रहा है, जबकि न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम मंदिर परिसर करीब 70 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल में विस्तृत है। कई रिपोर्ट्स में इसके परिसर का क्षेत्रफल 100 एकड़ से अधिक बताया गया है।
गूगल अर्थ पर हमने निर्माणाधीन राम मंदिर की जगह को सर्च किया। सर्च में हमें यह जगह गूगल अर्थ पर साफ-साफ दिखी, जहां खुले परिसर में मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर और श्री राम मंदिर (बिरला मंदिर) दोनों एक-दूसरे से काफी दूर हैं और आपस में राम जन्मभूमि कॉरिडोर से जुड़े हुए हैं। साथ ही जिस जगह को “बाबरी मस्जिद” बताया जा रहा है, वह सघन आबादी वाला इलाका है और यहां कई इमारतें नजर आ रही हैं। मैप में इस जगह कई इमारतें नजर आ रही हैं, जबकि विवादित ढांचे को 1992 में गिरा दिया गया था।
पुरानी न्यूज रिपोर्ट्स में हमें ऐसी कई तस्वीरें मिली, जिसमें विवादित ढाचे की तस्वीरों को देखा जा सकता है और यह खुली जगह में मौजूद है।
हमारी जांच से स्पष्ट है वायरल तस्वीर में राम मंदिर निर्माण स्थल को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर में किए जा रहे दावे को लेकर हमने दैनिक जागरण के अयोध्या के संपादकीय प्रभारी रमा शरण अवस्थी से संपर्क किया। विवादित ढांचे की जगह से दूर मंदिर बनाए जाने के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने बताया, “निर्माणाधीन मंदिर का गर्भगृह विवादित ढांचे के तीन नजर आने वाले गुंबद में से बीच वाले गुंबद के नीचे है।” उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर काफी बड़ा है और यह वही जगह है, जहां विवादित ढांचा मौजूद था।
गूगल मैप पर नजर आ रहे “बाबर मस्जिद” के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जहां श्री सीता राम मंदिर (बिरला मंदिर) है, वहां कोई मस्जिद नहीं है। यह मंदिर राम जन्मभूमि कॉरिडोर के पास है, जहां से विवादित ढांचा की तरफ रास्ता जाता है और दोनों के बीच की दूरी करीब 700 मीटर से अधिक है।
यानी जिस जगह को वायरल तस्वीर में “बाबर मस्जिद” के तौर पर दिखाया जा रहा है, वहां कोई मस्जिद नहीं है, बल्कि मंदिर और खुली सड़क है।
गूगल अर्थ से इसकी पुष्टि होती है।
इस दावे को लेकर हमने अयोध्या में मौजूद एक अन्य टीवी पत्रकार अभिषेक उपाध्याय से भी संपर्क किया। उन्होंने बताया, “मंदिर का निर्माण वहीं हो रहा है, जहां बाबरी मस्जिद मौजूद थी।”
वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब एक हजार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर गूगल मैप के स्क्रीनशॉट के जरिए किया जा रहा यह दावा गलत है कि राम मंदिर का निर्माण, विवादित ढांचे की जगह न होकर उससे दूर कई किलोमीटर किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण वहीं हो रहा है, जहां ढांचा मौजूद था।
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