राजस्थान के शिक्षा विभाग ने हाल में पंजीकृत मदरसों को पांचवीं बोर्ड का परीक्षा शुल्क जमा करने से छूट दी है। सरकारी स्कूलों को यह छूट पहले से मिली हुई थी। अब बस निजी स्कूलों को पांचवीं बोर्ड के बच्चों की परीक्षा फीस देनी होगी, लेकिन इसको वे बच्चों से नहीं वसूल सकते हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राजस्थान सरकार को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसे शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि राजस्थान सरकार ने पांचवीं के मुस्लिम बच्चों की फीस माफ कर दी है, जबकि हिंदू बच्चों को फीस देनी पड़ेगी। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में दावे को दुष्प्रचार करने वाला पाया। दरअसल, राजस्थान का शिक्षा विभाग पंजीकृत मदरसों और सरकारी स्कूल के पांचवीं के छात्रों का परीक्षा शुल्क नहीं लेगा। निजी स्कूलों के पांचवीं के छात्रों का परीक्षा शुल्क लिया जाएगा, लेकिन उसे स्कूल वहन करेगा न कि छात्र।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक यूजर Hemraj khinchi bjp (आर्काइव) ने 7 मई को पोस्ट किया,
पांचवीं बोर्ड परीक्षा
मुस्लिम बच्चों की फीस माफ,
हिंदू बच्चों को फीस देनी पड़ेगी
#राजस्थान_सरकार
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे कीवर्ड से इसको सर्च किया। इसमें हमें 9 मई को patrika में छपी खबर का लिंक मिला। इसके मुताबिक, पहले शिक्षा विभाग निजी स्कूलों की तरह सरकारी मदरसों से भी प्रति छात्र 40 रुपये वसूल रहा था। जबकि सरकारी स्कूलों के छात्रों से यह परीक्षा शुल्क नहीं लिया जा रहा था। अब पंजीकृत मदरसा संचालकों की मांग पर मदरसों के छात्रों को भी इस शुल्क से छूट मिल गई है।
7 मई को timesofindia में छपी खबर के मुताबिक, राज्य सरकार ने पंजीकृत मदरसों के पांचवीं के छात्रों की परीक्षा फीस नहीं लेने का फैसला किया है।
28 मार्च 2022 को patrika में छपी एक अन्य खबर के मुताबिक, सरकारी पंजीकृत मदरसों से भी प्राइवेट स्कूलों की तरह 5वीं बोर्ड परीक्षा की फीस ली जा रही है। मदरसों से प्रति छात्र 40 रुपये फीस मांगी गई है। इससे मदरसा संचालक नाराज हैं। उन्होंने मदरसों को भी सरकारी स्कूलों की तरह छूट की मांग की है। शिक्षा विभाग ने यह फीस बच्चों से न लेकर शिक्षण संस्था या मदरसों को वहन करने को कहा है।
bhaskar में एक माह पहले छपी खबर के मुताबिक, प्राइवेट स्कूलों से 5वीं का परीक्षा शुल्क लिया जाएगा, जो 40 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से होगा। इस राशि को छात्र नहीं, बल्कि निजी स्कूल संचालकों से वसूला जाएगा। इस आदेश से सरकारी स्कूलों को मुक्त रखा गया है।
इस बारे में दैनिक जागरण राजस्थान के ब्यूरो प्रमुख नरेंद्र शर्मा का कहना है, ‘वायरल दावा सही नहीं है। राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूल के 5वीं के छात्रों की परीक्षा फीस भी माफ की हुई है। उनमें हिंदू छात्र भी पढ़ते हैं। साथ ही निजी स्कूलों को यह फीस खुद वहन करनी होगी। वे छात्रों से नहीं ले सकते हैं।’
राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को लेकर भ्रामक पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज Hemraj khinchi bjp को हमने स्कैन किया। 15 मार्च 2020 को बने इस पेज को 38 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यह एक राजनीतिक विचारधारा से प्रेरित है।
निष्कर्ष: राजस्थान के शिक्षा विभाग ने हाल में पंजीकृत मदरसों को पांचवीं बोर्ड का परीक्षा शुल्क जमा करने से छूट दी है। सरकारी स्कूलों को यह छूट पहले से मिली हुई थी। अब बस निजी स्कूलों को पांचवीं बोर्ड के बच्चों की परीक्षा फीस देनी होगी, लेकिन इसको वे बच्चों से नहीं वसूल सकते हैं।
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