Fact Check : नागौर में विवाह समारोह में एयरगन से हुई थी फायरिंग, खिलौने की श्रेणी में आती हैं ये

राजस्थान के नागौर में शादी समारोह का वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रहा है। इसमें दिख रही बंदूकें एयरगन या एयरराफइल हैं। पुलिस ने भी इस तरह की भ्रामक पोस्ट करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

Fact Check : नागौर में विवाह समारोह में एयरगन से हुई थी फायरिंग, खिलौने की श्रेणी में आती हैं ये

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राजस्थान के नागौर के नाम से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक विवाह समारोह के दौरान कुछ लोगों को हवा में फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि नागौर में एक शादी समारोह में कुछ लोगों ने बंदूकों से फायरिंग की। पोस्ट को शेयर करने के तरीके से ऐसा लगा रहा है जैसे युवकों ने लाइसेंस वाली बंदूकों से हवाई फायरिंग की हो।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो नागौर का ही है। वहां एक शादी समारोह में कुछ लोगों ने एयरगन से हवा में फायरिंग की थी। इस एयरगन के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्स यूजर Satyamev News (आर्काइव लिंक) ने 12 मार्च को तीन वीडियो पोस्ट करते हुए इन्हें नागौर का बताया।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने एक्स यूजर की पोस्ट को ध्यान से देखा। इस पर नागौर पुलिस के आधिकारिक एक्स हैंडल से जवाब (आर्काइव लिंक) देते हुए इसे अफवाह बताया गया है। जवाब में कहा गया है कि पुलिस की जांच में वीडियो में दिखाई दे रही बंदूकें एयरगन निकली हैं, जो खिलौने के श्रेणी में आती हैं। पुलिस ने भ्रामक सूचना फैलाने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी।

13 मार्च 2024 को पत्रिका की वेबसाइट पर छपी खबर (आर्काइव लिंक) के अनुसार, नागौर पुलिस ने आधिकारिक बयान में इन बंदूकों को खिलौनों की श्रेणी का बताया है। थाना प्रभारी मूण्डवा की जांच में वायरल वीडियो का यह सच सामने आया है। वीडियो में युवक एयरगन लिए हुए हैं।

इस मामले में हमने एयरगन के बारे में कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। वकील सर्च नाम की वेबसाइट पर 7 नवंबर 2023 को छपे लेख (आर्काइव लिंक) में लिखा है कि नए आर्म्स रूल 2016 के अनुसार, एयर वेपन्स दो श्रेणियों में आते हैं। पहली श्रेणी में वे एयर राइफल या एयर गन आती हैं, जो 20 जूल्स से कम एनर्जी उत्पन्न करती हैं या जिनका कैलिबर .177 के बराबर या कम होता है। ऐसी एयरगन के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। दूसरी श्रेणी में 20 जूल्स से अधिक पावर उत्पन्न करने वाली और .177 कैलिबर से अधिक की एयरगन आती हैं। इनके लिए लाइसेंस अनिवार्य होता है।

5 अगस्त 2016 को टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर (आर्काइव लिंक) के अनुसार, नए आर्म्स नियमों के मुताबिक, 20 जूल्स से अधिक या 0.177 या 4.5 मिमी से अधिक बोर वाली एयरगन के लिए खरीदार का आईडी प्रूफ के साथ रिकॉर्ड रखना होगा। एनर्जी या कैलिबर के अनुसार एयर राइफल या एयरगन के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी।

22 जुलाई 2017 को अमर उजाला में छपी खबर (आर्काइव लिंक) के मुताबिक, एयरगन और एयर पिस्टल में छर्रों का प्रयोग होता है। मेले में गुब्बारे फोड़ने और स्कूल व प्राइवेट शूटिंग रेंज में इनका उपयोग होता है। इन एयरगन और पिस्टल में .177, .20, .22 और .25 बोर के छर्रों का इस्तेमाल होता है। कुछ में नुकीले छर्रे तो कुछ में छोटी लोहे की बॉल भी इस्तेमाल होती है।

इस बारे में हमने मुंबई के एयर सॉफ्ट गन इंडिया के ओनर प्रतीक से बात की। उनका कहना है, 4.5 मिमी या .177 से कम कैलिबर की एयरगन या एयरराइफल के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं है। इससे अधिक के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। 20 जूल्स से अधिक उर्जा उत्पन्न करने वाली एयरगन के लिए भी लाइसेंस जरूरी होता है। उन्होंने वायरल वीडियो देखकर पुष्टि की कि उसमें दिख रही एयरगन साधारण हैं। इसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है।

वहीं, दिल्ली स्थित दिल्ली गन हाउस के ओनर राज शर्मा ने कहा कि .177 या 20 जूल्स से अधिक कैलिबर की एयरगन के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। बिना लाइसेंस वाली एयरगन के लिए कोई भी सीधे दुकान में जाकर गन ले सकता है। इसके लिए उसे अपना पहचान पत्र देना होता है। उन्होंने भी वीडियो में दिख रही एयरगन के बारे में कहा कि ये बिना लाइसेंस वाली एयरराइफल दिख रही हैं।  

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर (आर्काइव लिंक) की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के 1,670 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: राजस्थान के नागौर में शादी समारोह का वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल हो रहा है। इसमें दिख रही बंदूकें एयरगन या एयरराफइल हैं। पुलिस ने भी इस तरह की भ्रामक पोस्ट करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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