राजस्थान के बाड़मेर के करीब चार साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ बेंगलुरु का बताकर वायरल किया जा रहा है। एक हादसे के बाद मृतक के परिजनों ने एक शख्स के पेट्रोल पंपों, गाड़ियों और दुकानों का बहिष्कार करने की अपील की थी। भड़काऊ बयान देने वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस ने सीआरपीसी की धाराओं में कार्रवाई की थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बेंगलुरु के नाम से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्स को एक व्यक्ति के पेट्रोल पंप और मेडिकल स्टोर का बहिष्कार करने की अपील करते हुए सुना जा सकता है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि वायरल वीडियो बेंगलुरु का है, जहां मुस्लिम हिंदुओं की दुकानों और पेट्रोल पंप का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो करीब चार साल पुराना है और इसका संबंध राजस्थान के बाड़मेर से है। दरअसल, जून 2019 में बाड़मेर में पेट्रोल पंप के सामने एक हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और तीन लोग घायल हुए थे। इसके बाद मृतक के परिजनों ने प्रदर्शन कर कुछ मांगें रखी थीं। इस दौरान वहां मौजूद एक शख्स ने एक व्यक्ति के पेट्रोल पंप, उसकी बसों और मेडिकल स्टोर्स के बहिष्कार की बात कही थी। इस वीडियो को गलत और भड़काऊ दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर ‘भगत सिंह‘ (आर्काइव लिंक) ने 30 जून को वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा,
“Bengaluru: Muslims planning complete boycott of Hindus. “We must swear by prophet Muhammad and his children that we Momins will not get petrol at Hindu pumps, buy medicine from Hindu shops, or ride in their vehicles. If you boycott Hindus, then Allah will allow us into jannat.”
(बेंगलुरु: मुस्लिम कर रहे हैं हिंदुओं का पूर्ण बहिष्कार! “हमें पैगंबर मुहम्मद और उनके बच्चों की कसम खानी चाहिए कि हम मोमिन हिंदू पंपों पर पेट्रोल नहीं लेंगे, हिंदू दुकानों से दवा नहीं खरीदेंगे, या उनके वाहनों में सवारी नहीं करेंगे। यदि आप हिंदुओं का बहिष्कार करते हैं, तो अल्लाह हमें जन्नत में जाने की अनुमति देगा।”)
‘ट्रूनिकल’ (आर्काइव लिंक) नाम के वेरिफाइड ट्विटर यूजर ने भी 30 जून को वीडियो को ट्वीट करते हुए समान दावा किया।
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से सुना। इसमें एक शख्स कह रहा है,”इसके पंप पर कोई पेट्रोल नहीं भराएगा, इसकी मेडिकल के ऊपर कोई दवाई नहीं लेगा, इसकी गाड़ी के अंदर कोई नहीं चढ़ेगा।” आगे उसने यह भी कहा कि पास में पेट्रोल पंप खुले हुए हैं, वहां से पेट्रोल भरवा लो। पास में मेडिकल स्टोर्स हैं, वहां से दवा ले लो। गाड़ियां भी कई हैं।
इस बारे में हमने कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। कर्नाटक स्टेट पुलिस के ट्विटर हैंडल से इस बारे में 30 जून को ट्वीट (आर्काइव लिंक) कर जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि वायरल वीडियो राजस्थान के बाड़मेर का है और यह 2019 का है। इसका कर्नाटक से कोई संबंध नहीं है।
गूगल पर और सर्च करने पर हमें ट्विटर यूजर ‘वी द पीपुल’ का एक ट्वीट मिला। 14 मार्च को किए गए ट्वीट में यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है कि राजस्थान के बाड़मेर में मौलाना ने फतवा जारी किया है। इसके जवाब में बाड़मेर पुलिस ने ट्वीट (आर्काइव लिंक) कर जानकारी दी है कि वायरल वीडियो बिजराड पुलिस थाना क्षेत्र का है, जहां 28 जून 2019 को एक निजी बस से एक्सीडेंट में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि तीन घायल हो गए थे। इस घटना के विरोध में मृतक के परिजनों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान एक परिजन ने इस तरह का भाषण दिया था। इसके बाद उस पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की गई थी।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने बिजराड थाना प्रभारी धौरा राम से बात की। उनका कहना है, “यह मामला 2019 का है। ग्राम भोजारिया के पास पेट्रोल पंप के सामने हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। विरोध में उसके परिजनों ने बस मालिक के पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर और गाड़ियों का बहिष्कार करने की अपील की थी। भड़काऊ बयान देने पर उस शख्स के खिलाफ सीआरपीसी की धाराओं में कार्रवाई की गई थी। उस दौरान हिंदुओं की दुकानों या पेट्रोल पंपों के बहिष्कार जैसी कोई बात नहीं हुई थी। बाद में दोनों पक्ष संतुष्ट हो गए थे। इस वीडियो को भड़काऊ दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।“
पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘भगत सिंह‘ की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह दिल्ली में रहते हैं और एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष: राजस्थान के बाड़मेर के करीब चार साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ बेंगलुरु का बताकर वायरल किया जा रहा है। एक हादसे के बाद मृतक के परिजनों ने एक शख्स के पेट्रोल पंपों, गाड़ियों और दुकानों का बहिष्कार करने की अपील की थी। भड़काऊ बयान देने वाले आरोपी के खिलाफ पुलिस ने सीआरपीसी की धाराओं में कार्रवाई की थी।
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